भारत का हर क्षेत्र अपनी एक अलग खासियत और खूबसूरती लिए बैठा है लेकिन इन सबमें दक्षिण भारत की खूबसूरती से हम अभी अनजान हैं। हम घुमक्कड़ी के नाम पर पहाड़ों का रूख कर लेते हैं लेकिन असल घुमक्कड़ी तो अनजान और नई जगहों पर जाकर होती है।
घूमना आपका तभी सफल होगा जब आप नई जगह पर नए लोगों और संस्कृति से रूबरू होंगे। साउथ इंडिया में सिर्फ केरल ही नहीं आता है तमिलनाडु का रिच कल्चर और खूबसूरती भी आती है।
इस तमिलनाडु में एक ऐतहासिक और खूबसूरत शहर है, वेल्लोर।
वेल्लोर तमिलनाडु के प्राचीन शहरों में से एक है। जिस पर कई राजवंशों ने शासन किया जिनमें चोल, पल्लव, विजयनगर साम्राज्य और आखिर में अंग्रेजों का शासन भी शामिल है।
इतने सारे राजाओं के शासन में कई खूबसूरत इमारतें, किले और मंदिर भी बने जो आज हर किसी को लुभाते हैं। यहाँ के कुछ मंदिर तो सोने के बने हुए हैं। वेल्लोर को तमिलनाडु की कल्चरल और हेरिटेज सिटी भी कहते हैं।
वेल्लोर पश्चिम में चेन्नई से 135 किमी. और नॉर्थ में पोंडिचेरी से 166 किमी. की दूरी पर है। अगर आप साउथ इंडिया को अच्छे-से घूमना चाहते तो वो वेल्लोर के बिना पूरा नहीं होगा।
क्या देखें?
1- वेल्लोर किला
16वीं शताब्दी का ये किला वेल्लोर की सबसे फेमस जगहों में से एक है। वेल्लोर के किले को विजयनगर के राजा ने बनवाया था। बाद में मराठाओं, बीजापुर सुल्तान और अंग्रेजों ने भी इस किले को विस्तार दिया। ये किले मिलिटी आर्किटेक्चर का शानदार नमूना है। किले के अंदिर, मस्जिद, मंदिर और चर्च भी है। इस किले में श्रीलंका का आखिरी राजा अंग्रेजों के समय में कैदी था। किले के पीछे वाले भाग में पानी भरा हुआ है जो इसे और भी खूबसूरत बनाता है। वेल्लोर आएं तो इस किले को देखना न भूलें।
2- लक्ष्मी गोल्डन टेंपल
वेल्लोर में एक मंदिर है जिसका अधिकतर भाग सोने से बना हुआ है। लक्ष्मी गोल्डन टेंपल वेल्लोर से 10 किमी. दूर श्रीपुरम कस्बे में है। दक्षिण भारते के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर को बनाने में 1500 किलो का सोना इस्तेमाल किया गया है। 100 एकड़ में फैला ये मंदिर 2007 में बनकर तैयार हुआ था। मंदिर का मुख्य भाग अंदर और बाहर दोनों तरफ से सोने का बना हुआ है। द्रविड़ आर्किटेक्चर का ये मंदिर हर किसी को देखना चाहिए।
3- जलकंडेश्वर मंदिर
जलकंडेश्वर मंदिर वेल्लोर किले के अंदर है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। जलंकडेश्वर का मतलब है, जल में शिव। इस मंदिर को 16वीं शताब्दी में विजयनगर के राजा चिन्ना बोम्मी नायक ने बनवाया था। वो चाहते थे कि मंदिर ऐसी जगह पर हो जिसके चारों तरफ पानी हो। ये मंदिर विजयनगर आर्किटेक्चर का शानदार नमूना है। मंदिर में शिवलिंग के अलावा दीवारों पर विनायक, मडेश्वरी, वैष्णवी, वराही, लक्ष्मी और सरस्वती जैसी देवियों की मूर्ति है। मंदिर में गृह भाग, मंडप और मुख्य का आर्किटेक्चर बेहद शानदार है। वेल्लोर आएं तो इस प्राचीन मंदिर को जरूर देखें।
4- येलागिरी
वेल्लोर की नहीं तमिलनाडु की सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है, येलागिरी हिल स्टेशन। पहाड़, हरियाली और चाय के बागान हर किसी का मन मोह लेंगे। यहाँ पैदल चलते हुए आपको अच्छा लगेगा, आसपास के नजारे आपको बिल्कुल भी बोर नहीं होने देंगे। समुद्र तल से 1,410 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस हिल स्टेशन पर कुदरत की सुंदरता पसरी हुई है। यहाँ पर आप पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग और कैंपिंग भी कर सकते हैं। ऐसी जगह हर किसी को पसंद आती है। आपको इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर जरूर आना चाहिए।
5- अमृथि जूलॉजिकल पार्क
वेल्लोर में एक तरफ मंदिर और किले हैं तो दूसरी तरफ ऐसी जगहें हैं जो बेहद सुंदर हैं। वेल्लोर से 27 किमी. की दूरी पर अमृथि जूलोजिकल पार्क है। जवाडु पहाड़ी पर स्थित ये पार्क 25 हेक्टेयर में फैला है। इस पार्क में अमृथि नाम की नदी बहती है जिसके नाम पर इस पार्क का नाम पड़ा। 1967 में बने इस पार्क में नदी, वाटरफाॅल और आधी जगह पर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी है। इस पार्क में आप एक किमी. का ट्रेक भी कर सकते हैं। येलगिरी की तरह इस जगह पर आप आ सकते हैं।
6- कैगल वाटरफॉल
दक्षिण भारत में झरनों की भरमार है। जिसको देखकर यहाँ अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रकृति की खूबसूती कितनी समृद्ध है। ऐसा ही एक खूबसूरत वाटरफॉल है कैगल। ये झरना कैगल गाँव में स्थित है। इस वाटरफॉल को दुमुकुरल्लू वाटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है। ये झरना 40 फीट की ऊँचाई से गिरता है। मानसून के मौसम में तो ये झरना बहुत खूबसूरत हो जाता है। झरने के बीच में ही भगवान शिव की बड़ी शिवलिंग भी है। यहाँ आप खुद की गाड़ी या बस से भी आ सकते हैं। वेल्लोर आएं तो कैगल वाटरफॉल देखना न भूलें।
इसके अलावा भी वेल्लोर में देखने को बहुत कुछ है। इसके आसपास के शहर जैसे कि चित्तूर और तिरूपति जा सकते हैं और ऊंटी जैसे हिल स्टेशन भी देख सकते हैं। इन फेमस जगहों की वजह से वेल्लोर की ओर कम ध्यान जाता है। इस कल्चरल और हेरिटेज सिटी की यात्रा आपको एक बार जरूर करनी चाहिए।
कब जाएं?
वेल्लोर जाने के लिए सबसे सही मौसम बरसात के ठीक बाद सितंबर का है। इसके अलावा सर्दियों में वेल्लोर की खूबसूरती कुछ अलग ही भाती है। तब भी आप इस कस्बे को देखने का प्लान बना सकते हैं। इस जगह पर ठहरने के लिए खूब सो होटल हैं। आप अपने बजट के हिसाब से होटल में ठहर सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट सेः अगर आप फ्लाइट से वेल्लोर जाने की सोच रहे हैं तो सबसे नजदीक तिरूपति एयरपोर्ट है। तिरूपति एयरपोर्ट से वेल्लोर की दूरी 128 किमी. है। यहाँ से आप टैक्सी बुक करके या फिर लोकल बस से वेल्लोर पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः इस प्राचीन शहर का अपना रेलवे स्टेशन है। अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो आपको ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी। वेल्लोर रेलवे स्टेशन देश के बड़े रेलवे स्टेशनों अच्छी तरह से कनेक्टेड है। ट्रेन से आने-जाने में आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी।
वाया रोडः यदि आप वाया रोड वेल्लोर जाना चाहते हैं तब आपको कोई समस्या नहीं आएगी। रोड अच्छी है तो आप खुद की गाड़ी से भी वेल्लोर जा सकते हैं। इसके अलावा चेन्नई जैसे बड़े शहरों से वेल्लोर के लिए बस भी मिल जाएगी। आप बस से भी वेल्लोर पहुँच सकते हैं।
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