लेह लद्दाख भारत के सबसे खूबसूरत केंद्र शासित प्रदेश हैं। लेह लद्दाख अपने कठिन रास्तों, खूबसूरत बर्फबारी और कई साहसिक गतिविधियों की वजह से भारत में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इसके अलावा लेह लद्दाख अपने आकर्षक मठों, खूबसूरत पर्यटन स्थलों और शानदार बाजारों की वजह से भी पर्यटकों का पसंदीदा स्थान है। भारत के इस फेमस टूरिस्ट प्लेस में और चार चांद लगने के लिए एक और स्पॉट जोड़ गया हैं। लद्दाख दक्षिण पूर्व एशिया का पहला नाइट स्काई अभयारण्य पाने के लिए अब पूरी तरह तैयार है, जो भारत की खगोल-पर्यटन पहल में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है। आपको बता दू कि डार्क स्काई रिजर्व चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख के हानले गांव में स्थित होगा।
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अपनी स्थापना की चौथी वर्षगांठ मना रहा है। इस समारोह में मंत्री जी ने लद्दाख में टूरिस्ट प्लेस को ले कर कई बात किए साथ ही साथ मंत्री जी ने बताया कि अभयारण्य की स्थापना भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बेंगलुरु की मदद से की जा रही है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध है। मंत्री जी ने लद्दाख के तेजी से बढ़ते डार्क स्काई पर्यटन पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हानले द्वारा सभी पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे खोलने से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई।
डार्क स्काई रिज़र्व क्या है?
डार्क स्काई रिज़र्व एक ऐसा "कोर" क्षेत्र होता है जिसमें बिना किसी प्रकाश प्रदूषण के एक स्पष्ट आकाश होता है। या ये कह लें कि डार्क स्काई रिज़र्व एक ऐसा पार्क या वेधशाला होता है जिसे कृत्रिम प्रकाश प्रदूषण से मुक्त रखा जाता है।
दक्षिण पूर्व एशिया का पहला डार्क स्काई रिज़र्व
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत के पहले डार्क स्काई रिजर्व (डीएसआर) की मेजबानी करेगा जो हानले क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। डार्क स्काई रिजर्व लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है। हानले, जो भारत के पहले डार्क स्काई रिज़र्व के लिए जाना जाता है, अपने एकांत स्थान, उच्च ऊंचाई और न्यूनतम प्रकाश प्रदूषण के कारण उत्कृष्ट तारा-दर्शन की स्थिति प्रदान करता है। यह 4500 मीटर की ऊंचाई पर ऑप्टिकल, इन्फ्रा-रेड और गामा-रे दूरबीनों के लिए एक इष्टतम साइट प्रदान करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डार्क स्पेस रिजर्व लॉन्च करने के लिए यूटी प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा, साइट पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तक्षेप के माध्यम से स्थानीय पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने वाली गतिविधियां होंगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, "बौद्ध लामाओं की भूमि लद्दाख एक शांतिप्रिय क्षेत्र है, लेकिन राजनीतिक और अन्य उथल-पुथल के इतिहास से जूझ रहा है। पीएम मोदी ने पहली बार 31 अक्टूबर 2019 को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का गठन करके लद्दाखी लोगों की आकांक्षाओं को पूरा किया और इस रिज़र्व बनने से काफ़ी पर्यटकों का आगमन यहां होगा।
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