बिहार को हमेशा से ही पर्यटन की दृष्टि से कम आंका गया है।परंतु बिहार अपने भीतर बहुत से इतिहास को आज भी जिंदा रखे हुए है।बुद्ध की भूमि कहे जाने वाले बिहार को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है।परंतु ऐसा नहीं है की यहां पर घूमने लायक जगह नहीं है बिहार में एक से बढ़कर एक हिल्स स्टेशन,धार्मिक स्थल,और ऐतिहासिक स्थल मौजूद है।अगर आप भी बिहार के है और बिहार में किसी ऐसी जगह की तलाश में है जहां आपको इस गर्मी में भी ठंडक का एहसास दिलाएं और खूबसूरती में वो किसी पहाड़ी स्थान से कम न हो तो तैयार हो जाइए,आज हम आपके लिए बिहार की एक ऐसी ही जगह ले कर आए हैं जो खूबसूरती में किसी जन्नत से कम नहीं है।हम बात कर रहे है बिहार के सोमेश्वर हिल्स की तो आइए जानते है इस खूबसूरत हिल्स स्टेशन के बारे में।
सोमेश्वर हिल्स
बिहार का ये खूबसूरत हिल्स बिहार के चंपारण और नेपाल सीमा के पास स्थित रामनगर क्षेत्र के अंतर्गत आता है।यह बिहार का सबसे ऊंचा पर्वत और पर्वतीय पठार माना जाता है।सोमेश्वर हिल्स की ऊंचाई समुंद्र तल से 3 हजार फीट से भी अधिक की है।खूबसूरत घने जंगल से होकर आप इसके शिखर तक पहुंच सकते है।जहां से आपको प्रकृति का अनुपम सौंदर्य देखने को मिलेगा।इसकी चोटी पर आपको काली माता का एक मंदिर भी मिलेगा।इस मंदिर के प्रति लोगो की अपार आस्था है जिसके लिए लोग मिलो ट्रेकिंग करके जाते है।
सोमेश्वर हिल्स क्यों है इतना ख़ास
वैसे तो सभी हिल्स स्टेशन ही खास होते है पर किसी मैदानी क्षेत्र के आस पास अगर कोई हिल्स स्टेशन मिल जाए तो उसकी अहमियत और भी अधिक बढ़ जाती है।वैसे ही बिहार में इस हिल्स की यहां की सबसे बड़ी खासियत यहां का प्राकृतिक सौंदर्य है।अगर आप एक प्रकृति प्रेमी है तो यह जगह आपके लिए जन्नत है। चारों तरफ हरियाली ,घने जंगल, नदियां,छोटे छोटे झरने, यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाते है।इस प्राकृतिक वातावरण में आप गर्मी में भी ठंडक का एहसास करेंगे।क्योंकि ऊंचाई पर होने के कारण और चारो ओर से प्रकृति के घिरे होने के कारण यहां का तापमान काफी कम होता है।इस कारण ज्यादातर लोग गर्मियों में यहां पिकनिक मनाने जाते है।
मौर्य काल से है इस पहाड़ी का गहरा संबंध
सोमेश्वर हिल्स अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा अपनी ऐतिहासिक कारणों के लिए भी जाना जाता है।कहा जाता है कि इस पहाड़ी का मौर्य काल से गहरा संबंध है।जिसका प्रमाण पहाड़ी पर मौजूद साक्ष्य हैं।जिसमे मौर्य कालीन शिलालेख और बहुत सी पुरानी मूर्तियां हैं।इतिहासकारों का कहना है यह सारे शिलालेख मौर्य कालीन है जिनमे मौर्य कालीन व्यापार का उल्लेख मिलता है।इसके अलावा पहाड़ी पर बहुत से संकरे रास्ते भी मिले हैं जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि व्यापार इन्ही रास्तों से होता था।
ट्रेकिंग के लिए है एक बेहतर ऑप्शन
अगर आप एक एडवेंचर लवर हो और ट्रैकिंग का शौक रखते है तो यह जगह आपके लिए एक बहुत ही अच्छी ट्रैकिंग डेस्टीनेशन साबित होगी। यहां हजारों लोग ट्रेकिंग करने आते है।यहां गर्मी के अलावा बरसात में भी काफी अच्छा मौसम होता है तो आप यहां कभी भी आ सकते है।टेकिंग के दौरान आपको खूबसूरत नजारे देखने को मिलेंगे और साथ ही डेस्टीनेशन पर पहुंचकर आपको खूबसूरत नजारों के साथ ही साथ माता काली का प्राचीन मंदिर भी देखने को मिलेगा ,जिसके प्रति लोगो की अपार आस्था है।
सोमेश्वर हिल्स के आसपास घूमने की जगह
सोमेश्वर हील्स घूमने के अलावा आप यहां के आसपास की भी कई शानदार और खूबसूरत जगहों की एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे-लौरिया में नंदनगढ़, चंपारण की सीमा पर मौजूद वाल्मीकि नगर जंगल और वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व फ़ॉरेस्ट भी एक्सप्लोर कर सकते हैं। यह जगह चारो ओर से पूरी तरह से ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और जंगलों से घिरी हुई जगह है। जंगलों से घिरा होने की वजह से यहां की प्राकृतिक सुंदरता कमाल की दिखाई देती है। यह जगह प्रवासी पक्षियों का घर है और यहां पर कई सारे विलुप्त पेड़ पौधे और जीव देखने को मिलते हैं। मानसून के समय यहां की खूबसूरती अपने चरम पर होती है।
कैसे पहुंचे
बिहार में स्थित सोमेश्वर हिल्स पहुंचने के लिए आप रेल, सड़क, या हवाई मार्ग का सहारा ले सकते हैं। अगर आप रेल से यात्रा करना पसंद करते हैं, तो सोमेश्वर रेलवे स्टेशन यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है। अगर आप अपनी गाड़ी से जा रहे हैं, तो राजमार्ग और राज्य मार्गों का सहारा ले सकते हैं। यदि आप एयरवे पसंद करते हैं, तो पटना या गया यहां के निकटतम हवाई अड्डे हैं, और वहाँ से आपको अपने गंतव्य तक बस, टैक्सी या अन्य सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना होगा।
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