स्कूबा डाइविंग, रिवर राफ्टिंग सब मिलेगा, अगस्त में इन जगहों पर जाने का ट्रिप बना लीजिए

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Photo of स्कूबा डाइविंग, रिवर राफ्टिंग सब मिलेगा, अगस्त में इन जगहों पर जाने का ट्रिप बना लीजिए by Nikhil Vidyarthi

भारत में अब मानसून अपने चरम पर है। जिसके कारण देश के लगभग सभी राज्य और द्वीप में भारी बारिश हो रही है। मानसून में घूमने के कई कारण हैं। इस दौरान प्रकृति में चारों तरफ हरियाली बिछ जाती है। कुछ ऐसे राज्य भी हैं जहाँ की विशिष्टताएँ मानसून में ही परवान चढ़ती है। मानसून सीजन में कर्नाटक की वनस्पतियाँ, जीव-जंतु और अंडमान की चूना पत्थर वाली गुफाएँ पर्यटकों को खूब रोमांचित करती हैं। अगस्त महीने में गोवा का द्वीप परेड, केरल में ओणम उत्सव और साँप नाव दौड़ सभी आयोजन आपको सुखद अनुभव कराते हैं।

1. जयपुर

अगस्त 2023 में क्या करें यहाँ?

जयपुर शहर बारिश का मौसम छोड़ कर सालों भर अर्ध-शुष्क ही रहता है। मानसून आने के बाद शहर में हल्की ठंडापन लगती है। इस दौरान यहाँ के राजसी आमेर किले तक ट्रेक करना बहुत अच्छा अनुभव देता है। यहाँ माओटा झील का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। हालाँकि यह अरावली पर्वतमाला में स्थित है। अरावली पहाड़ियों में ही प्राचीन गलताजी मंदिर भी है। शहर में घूमते हुए चारों ओर राजसी भव्यता को आसानी से महसूस किया जा सकता है। जयपुर में तीज के त्यौहार के दौरान सांस्कृतिक मेला लगता। जिसमें इस गुलाबी शहर का जीवंत रंग और पारंपरिक गीत शामिल होते हैं। इस दौरान लोग कढ़ाईदार कपड़े पहनते हैं। महिलाएँ गहनों और चूड़ियों से सजी होती हैं और देवी पार्वती से प्रार्थना करते हैं।

कैसे पहुँचें जयपुर?

दोस्तों जयपुर देश के सभी शहरों से हवाई, सड़क, रेल आदि मार्गों द्वारा हुआ है। आप नई दिल्ली से सीधी बस के द्वारा भी जयपुर बड़ी आसानी से पहुँच सकेंगे।

2. केरल

केरल में अगस्त 2023 में क्या कर सकते हैं?

ओणम का वार्षिक उत्सव इस साल 20-30 अगस्त तक मनाया जाएगा। फसल चावल की कटाई का प्रतीक इस त्योहार में साध्य की दावतों की मेजबानी की जाती है। लोग लोक गीतों पर नृत्य और गायन करते हैं। इस दौरान फूलों की सजावट के साथ पौराणिक राजा महाबली का स्वागत भी होता है।

नेहरू ट्रॉफी बोट रेस, या वल्लम काली 12 अगस्त को है। जहाँ विभिन्न प्रकार की पारंपरिक साँप नावें पुन्नमदा झील तक जाती हैं।

3. अंडमान द्वीप समूह

अगस्त 2023 में अंडमान द्वीप समूह में क्या है खास?

अगस्त या यूँ कहें कि मानसून के समय अंडमान द्वीप जाना आपके लिए रोमांच के कई विकल्प देते हैं। मानसून यहाँ आपको स्कूबा डाइविंग से लेकर गुफाओं की खोज और जलखेलों में बाधा नहीं डालता। देश के सुदूर में स्थित अंडमान का चमकदार नीला पानी मानो आसमान को जमीन पर ले आता हैै। अंडमान में ही डिगलीपुर की चूना पत्थर की गुफाएँ देखने योग्य हैं। मानसून के दौरान इसमें रासायनिक अपक्षय की क्रिया होती हैं। जिससे इसका आकार बदल जाता है। आप इस द्वीपसमूह के सबसे ऊँचे जगह, सैडल पीक पर भी जा सकते हैं।

4. ज़ांस्कर घाटी, लद्दाख

मानसून के दौरान ज़ांस्कर नदी देखने के लिए बेस्ट है

ज़ांस्कर घाटी बहुत खूबसूरत है। यहाँ से आपको पेंसी-ला पर्वत दर्रे के सुंदर दृश्य दिखाई देती है। अगस्त या मानसून के दौरान ज़ांस्कर नदी देखने के लिए बेस्ट होता है। हालाँकि बाढ़ की चेतावनी के लिए स्थानीय खबरों पर ध्यान रखें।

यह क्षेत्र भारत के कुछ प्राचीन बौद्ध मठों का भी घर है। सानी मठ में अगस्त के पहले सप्ताह में सानी नारो-नसजल उत्सव होता है। इसमें पारंपरिक अनुष्ठानों के साथ-साथ भिक्षुओं द्वारा नकाबपोश नृत्य प्रस्तुत किया जाता है।

कैसे पहुँचें?

सबसे अच्छा रूट श्रीनगर से कारगिल फिर पदुम के रास्ते जांसकर पहुँचना अच्छा माना जाता है।

5. दिवार द्वीप, गोवा

गुफा पर्यटन, साइकिल यात्रा और कई प्राचीन खंडहरों और चर्चों की यात्रा

दिवार द्वीप गोवा की राजधानी पणजी से 10 किमी दूर है। इस द्वीप के चारो ओर प्रकृति की सुंदरता है। इसे आम तौर पर 'समय में फंसे गांव' के रूप में जाना जाता है। यह द्वीप क्षेत्र अभी भी शहरी जीवन से ओतप्रोत नहीं है। इसलिए अभी भी पर्यटन या व्यावसायीकरण से अछूता है।

गोवा में हर साल होने वाला बोंडेराम फेस्टिवल इस बार इसी द्वीप पर होना है। इस बार 26 अगस्त को बोंडेरम उत्सव होना है। इस दौरान लोग सड़कों पर रंगीन कपड़े पहन कर परेड करने निकलते हैं। यह परेड उन झंडों को 'गिराने' का जश्न मनाता है, जो पुर्तगालियों द्वारा यहाँ की सीमाओं को अलग करने के लिए लगाए गए थे।

उत्सव में लाइव संगीत और स्थानीय गोवा स्ट्रीट फूड का लुत्फ भी उठा सकते हैं। यह द्वीप गुफा पर्यटन, साइकिल यात्रा और कई प्राचीन खंडहरों और चर्चों की यात्रा भी प्रदान करता है।

दिवार द्वीप आने का साधन

गोवा देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। पणजी से सिर्फ 10 किमी है। यहाँ के बाद दिवार तक नौका सेवाओं द्वारा पहुंचा जा सकता है। पुराने गोवा से बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस के पास से दिवार द्वीप तक नौका ले सकते हैं।

6. चिकमंगलूर, कर्नाटक

हरियाली और कॉफी बागानों के लिए मशहूर

यह कर्नाटक का एक छोटा हिल स्टेशन है। जो पश्चिमी घाट की तलहटी में है और अपनी हरियाली और कॉफी बागानों के लिए मशहूर है। मानसून के समय यहाँ की प्राकृतिक जलधाराएँ पानी से लबालब हो जाती है। चिकमंगलूर में भद्रा वन्यजीव अभयारण्य और बाघ अभयारण्य जा सकते हैं। अगर आप को ऊँचाई से अरब सागर और पश्चिमी घाट का दृश्य देखना हो तो कर्नाटक की सबसे ऊंची चोटी, मुल्लायनगिरि का भी दौरा कर सकते हैं।

चिकमंगलूर कैसे पहुँचना है?

चिकमंगलूर के लिए बेंगलुरु से नियमित बस और कैब सेवाएँ हैं। यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा मैंगलोर में मैंगलोर हवाई अड्डा है। रेलवे स्टेशन चिकमंगगलूर रेलवे स्टेशन है जो 2013 में चालू की गई। इसके अलावा कदुर रेलवे स्टेशन भी मात्र 40 किमी है। बहुत से पर्यटक चिकमगलूर आने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

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