बर्फ से ढके पहाड़ों और प्राकृतिक सुन्दरता से भरपूर दृश्यों के बीच आधुनिक विकास, शॉपिंग मॉल और उभरते शहर के बारे में सोचकर देखें, सिलीगुड़ी शहर इसका एकदम परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। दार्जिलिंग, सिक्किम या फिर हमारे पड़ोसी देश भूटान की तरह उत्तर-पूर्व के मशहूर जगहों की यात्रा में इसे महज़ एक छोटे स्टॉप की तरह ही देखा जाता है। लेकिन सिलीगुड़ी ऐसी जगह है जिसे अलग से देखा और जानना चाहिए।
क्यों करें सिलीगुड़ी की यात्रा
सिलीगुड़ी अपने चार टी (T) यानी टूरिज्म (पर्यटन), टिंबर (लकड़ी), टी (चाय) और ट्रांसपोर्ट (यातायात) के लिए मशहूर है। इस शहर में इन चार फेमस चीजों के अलावा और भी बहुत सारे दर्शनीय स्थल हैं, जिनके बारे में हम यहाँ बताने जा रहे हैं:
कोरोनेशन ब्रिज सिलिगुड़ी से करीब 25 कि.मी. की दूरी पर एक छोटे से शहर सिवोक में स्थित है। इस ब्रिज का निर्माण महारानी एलिजाबेथ और किंग जार्ज VI के राज्याभिषेक के समय किया गया था। इस ब्रिज को अन्य नामों से भी जाना जाता है। इसके प्रवेश द्वारा पर शेर की दो मूर्तियाँ होने की वजह से इसे ‘बाघ पुल’ या ‘टाइगर ब्रिज’ या फिर स्टील से बने होने के कारण इसे लोहा पुल भी कहा जाता है। ये ब्रिज अपने खूबसूरत डिजाइन और इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है और पर्यटकों के लिए ये ब्रिज एक अहम देखने लायक जगह है। दार्जिलिंग से सिलिगुड़ी तक की यात्रा के दौरान पर्यटकों को यहाँ से स्थानीय हरियाली के बेहतरीन नज़ारों का आनंद मिलता है। यह ब्रिज कलिंपोंग, नाथुला और गंगटोक तक जाता है और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 31 का भी नाम दिया गया है। इस ब्रिज के आस-पास आपको कई लुभावने नज़ारे देखने को मिलेंगे।
नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क
वन्यजीव प्रेमियों के लिए सिलीगुड़ी में कई सारे विकल्प मौजूद हैं जिनमें सबसे लोकप्रिय है, नॉर्थ बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क! यहाँ 250 से ज़्यादा जानवर हैं जिनमें रॉयल बंगाल टाइगर, जंगली सूअर, तंदुए और हिमालयी काले भालूओं की कई प्रजातियाँ शामिल हैं। इस पार्क में घूमने के लिए आप जीप और एलिफैंट सफारी भी ले सकते हैं। 700 एकड़ से भी ज्यादा जगह में फैला यह विशाल पार्क अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य से लोगों को हैरान करने को तैयार रहता है।
नोट: हर सोमवार को ये पार्क बंद रहता है।
उत्तर बंगाल वाइल्ड एनिमल पार्क में अगर आपसे कुछ देखना बाकी रह गया हो तो आपके अगले पड़ाव के लिए महानंदा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी बिल्कुल सही जगह है। यह वन्यजीव अभयारण्य सिलीगुड़ी से लगभग 9 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। इस रिजर्व फॉरेस्ट में कई तरह के वनस्पतियों, जीवों, हाथियों और रॉयल बंगाल टाइगर्स समेत कई जीव देखने को मिलेंगे। पक्षी प्रेमियों के लिए यह बहुत ही पसंदीदा स्थल है। उन्हें यहाँ बुलबुल, हिमालयी हॉर्नबिल के अलावा सेंट्रल एशिया की कई सारी विदेशी प्रजातियों के पक्षी देखने को मिलते हैं। यहाँ एक सरकारी लॉज भी है इसलिए अगर आप चाहें तो यहाँ रात बिता सकते हैं।
नोट: यह पार्क बरसात के दिनों में 16 जून से 15 सितंबर (तीन महीने) तक बंद रहता है
चाय बागानों की सैर
सिलीगुड़ी जाकर अगर आपने चाय के बागानों का दौरा नहीं किया तो यह यात्रा अधूरी मानी जाएगी। सिलीगुड़ी कई किस्म के चायों के लिए जाना जाता है, जिसे आप ना केवल देख सकते हैं बल्कि टेस्ट भी कर सकते हैं। आप इसके लिए डागापुर या सुकना की ओर बढ़ सकते हैं। यहाँ का सेपॉय धुरा एक लोकप्रिय चाय बागान है, जो कि महानंदा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के पास ही है।
आप कृष्ण भक्त हो या नहीं लेकिन यहाँ का इस्कॉन मंदिर सिर्फ घूमने आए लोगों के लिए भी काफी अहम है। पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े कृष्ण मंदिरों में से एक इस मंदिर में हर धर्म के लोग दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ का सुंदर परिसर, स्वादिष्ट खाना के साथ सुखद वातावरण हर किसी को पसंद आता है।
नॉर्थ बंगाल साइंस सेंटर
विज्ञान के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए बना यह विज्ञान केंद्र बड़ों और बच्चों सभी की पसंदीदा जगह है। यहाँ कई किस्म के क्रिएटिव मॉडल्स, साइंस शो, 3डी शो के अलावा डिजिटल तारामंडल भी है। यहाँ का प्रवेश शुल्क बहुत कम होने की वजह से ये स्थानीय लोगों और पर्यटक दोनों के बीच काफी मशहूर है।
दुधिया
यह जगह शहर के बाहर सिलीगुड़ी औल मिरिक के बीच स्थित है और बालसन नदी के तट पर चाय बागानों से घिरा हुआ है। ठंड के मौसम में जब यहाँ पानी का स्तर कम होता है तो लोगों की भीड़ उमड़ती है। हालांकि हफ्ते में कभी भी यात्रा करने के लिए ये एक अच्छी जगह है। इसके अलावा यहाँ देखने के लिए मधुबन पार्क, सूर्य सेन पार्क, सालुगरा मठ भी है।
कहाँ से करें खरीदारी
यहाँ से खरीदारी के लिए दार्जिलिंग चाय, तिब्बत और भूटान के ऊनी कपड़ों के अलावा सिक्किम के हस्तशिल्प भी हैं। हिल कार्ट रोड और सीवोक रोड बेहतरीन शॉपिंग के अड्डे हैं। यहाँ का सबसे पसंदीदा बाज़ार है हॉंगकॉंग बाज़ार है। इसके अलावा यहाँ के हिल कार्ट रोड और सेवोक रोड पर कई सारे बाज़ार हैं।
कहाँ खाएँ खाना
सिलीगुड़ी का अपना कोई लोकप्रिय व्यंजन नहीं है लेकिन तिब्बत, नेपाल और बंगाली भोजन के लिए यह बढ़िया जगह है। यहाँ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के ऑप्शन मौजूद हैं। यहाँ आप मोमो से लेकर थुपका तक आज़मा सकते हैं। यहाँ के ज़्यादातर रेस्तरां में खाने की क्वालिटी और स्वाद के मुकाबले में खाने की कीम आपको हैरान कर देगा, यहाँ आप एक वक्त का खाना महज ₹100- ₹200 में खा सकते हैं।
जाने के लिए बेस्ट समय
सिलीगुड़ी तो पूरे साल ही घूमने के लिए परफेक्ट है। लेकिन पर्यटन के हिसाब से मार्च से मई और अक्टूबर से दिसंबर तक का महीना सही माना जाता है। इसका एक बड़ा कारण है कि यहाँ गर्मी और सर्दी दोनों ही बहुत ज्यादा पड़ती है।
कैसे पहुँचें
हवाई मार्ग: मुख्य शहर से 17 कि.मी. की दूरी पर स्थित बागडोगरा में एक घरेलू एयरपोर्ट है। यहाँ से मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी के लिए नियमित उड़ाने हैं। एयरपोर्ट से शहर तक जाने के लिए निजी और सार्वजनिक गाड़ियाँ भी मौजूद हैं।
ट्रेन मार्ग: न्यू जलपाइगुड़ी, सिलीगुड़ी जंक्शन और सिलीगुड़ी टाउन ये तीन रेलवे स्टेशन शहर में मौजूद है। सिलीगुड़ी को भारत के दूसरे राज्यों से यही तीनों रेलवे स्टेशन जोड़ते हैं। शहर का सबसे बड़ा स्टेशन न्यू जलपाइगुड़ी जो कि मुख्य शहर से 20-30 मिनट की दूरी पर है।
सड़क मार्ग: यहँ के सड़क मार्ग दूसरे देशों व शहरों के साथ अच्छी तरह के जुड़ा है। सड़क से सिलीगुड़ी जाने के लिए सबसे बेहतर मार्ग कोलकाता से है। फुंतशोलिंग/जयगाँव, गंगटोक, भूटान और बांग्लादेश से नियमित बस सेवा भी है।
अन्य सुविधाएँ
इस शहर में घूमना बहुत ही सस्ता है क्योंकि यहाँ प्राइवेट और शेयर टैक्सी, बस, इलेक्ट्रिक रिक्शा और साईकल रिक्शा समेत और भी कई सारी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं। इन सभी का किराया भी बहुत कम है।
ठहरने के लिए
वैसे तो पूरे शहर में ठहरने के कई ऑप्शंस हैं लेकिन सेवोक रोड और प्रधान रोड के पास वाले होटल ज्यादा पसंद किए जाते हैं। ट्विन शेयरिंग पर प्रति रात की कीमत ₹1,200 है। सीलीगुड़ी में कुछ अच्छे होटल जैसे सिनक्लेयर्स, सिंड्रेला होटल और लेमन ट्री होटल है। आप इन्हें और यहाँ बुक कर सकते हैं!
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