सिक्किम भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। हर घूमने वाला सिक्किम की सैर जरूर करना चाहता है। वो यहाँ के वादियों के बीच होकर उन खूबसूरत पहाड़ों को देखना चाहता है। जहाँ से दुनिया और भी खूबसूरत लगने लगती है। बर्फ से लेकर घास का हरा-भरा जहाँ आपको सिक्किम में देखने को मिलेगा। सिक्किम में खूबसूरत तो है लेकिन कम ही जगह हैं जो इतिहास से जुड़ी हुई हैं या जिनका इतिहास आज भी कुछ-कुछ बचा हुआ है। सिक्किम की उन्हीं कुछेक जगहों में से एक है, रबडेन्त्से। अगर आप पहाड़ों के बीच इतिहास के गलियारों में जाना चाहते हैं तो इसके लिए सिक्किम का रबडेन्त्से बढ़िया जगह है।
रबडेन्त्से सिक्किम के खूबसूरत कस्बे पेलिंग से कुछ ही दूरी पर है। गंगटोक से पेलिंग की दूरी लगभग 100 किमी. है। आप पेलिंग से कैब या टैक्सी लेकर रबडेन्त्से आ सकते हैं या फिर पेलिंग से ट्रेक करके रबडेन्त्से जा सकते हैं। घने जंगलों से होकर गुजरने वाला ये ट्रेक आपको 1 घंटे में अपनी मंजिल तक पहुंचा देगा। यदि आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो इस ट्रेक में आपको मजा भी आएगा। इस ट्रेक के रास्ते में आपको पेमायांगस्ते मोनेस्ट्री और एक लेक भी मिलेगी। इतने खूबसूरत सफर को कौन छोडना चाहेगा। घुमक्कड़ की तरह घूमने वालों को सिक्किम के रबडेन्त्से जरूर आना चाहिए।
इतिहास
रेबडेन्त्से कभी सिक्किम की दूसरी राजधानी हुआ करती थी और पहली राजधानी यूकसोम थी। पश्चिमी सिक्किम में स्थित रेबडेन्त्से को राजा चोग्याल द्वितीय ने सिक्किम की दूसरी राजधानी बनाया था। 1670 से लेकर 1814 तक ये जगह सिक्किम की राजधानी रही। बाद में नेपाल की गोरखा आर्मी ने इस राजधानी को तहस-नहस कर दिया था। इस समय रबडेन्त्से के टूटे-फूटे महल और अवशेषों ही मौजूद हैं। इस जगह पर आकर समझा जा सकता है कि ये शहर पहले कैसा हुआ करता था। अगर आप इतिहास में थोड़ी-सी भी दिलचस्पी रखते हैं तो आपको ये जगह जरूर पसंद आएगी।
क्यों आएं?
मेरा मानना है कि घुमक्कड़ को हर जगह पर जाना चाहिए। उसके मन में ये सवाल नहीं आना चाहिए कि मैं इस जगह पर क्यों जाऊँ? अगर आपके मन में ऐसा सवाल आता है तो आप घुमक्कड़ नहीं हैं। फिर भी अगर आप जानना चाहते हैं कि सिक्किम के रबडेन्त्से क्यों आएं? तो आपको इस जगह पर आना चाहिए क्योंकि ये इतिहास का खजाना है। इतिहास प्रेमियों को तो इस जगह पर आना ही चाहिए। इतिहास में दिलचस्पी न रखने वालों को भी रबडेन्त्से आना चाहिए। यहाँ पर प्रकृति की अपार खूबसूरती है। चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ हैं जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाती है। हरियाली से सराबोर इस सुंदर ऐतहासिक जगह पर आपको जरूर आना चाहिए।
क्या देखें?
1. रबडेन्त्से अवशेष
आप रबडेन्त्से जाएं तो यहाँ की सबसे फेमस और ऐतहासिक जगह को देखने जरूर जाएं। पहाड़ों के बीच इन टूटे-फूटे इमारतों के इतिहास के बारे में समझा जा सकता है। एक लेखक ने बड़ी खूबसूरती बात कही है कि जब आप किसी बरसों पुरानी इमारत या किले में चल रहे होते हैं। उन सदियों पुरानी दीवारों को छूने से लगता है कि आप उन्हें महसूस कर रहे हैं जो बहुत पहले गुजरे थे कभी। रबडेन्से के अवशेषों को दो भागों में बांटा गया है, उत्तरी और दक्षिणी। उत्तरी खंड में रॉयल फैमली रहती थी। यहीं पर एक दाब ल्हगांग का अवशेष है जहाँ पर राजसी परिवार प्रार्थना करता था।
2. पेमयांग्त्से मोनेस्ट्री
पूर्वोत्तर की लगभग सभी जगहों पर एक न एक मठ जरूर मिल जाएगा। जब आप पेलिंग से रबडेन्त्से जाएंगे तो रास्ते पेमयांग्त्से मोनेस्ट्री मिलेगी। ये पूर्वोत्तर के सबसे फेमस मठों में से एक है। बौद्ध धर्म को मानने वाला इस जगह पर जरूर आता है। तीन मंजिला इस मोनेस्ट्री को 1705 में बनवाया गया था। शुरू में त्संगखांग नाम के एक छोटे से मंदिर के रूप में इसका निर्माण कराया गया था। बाद में छोग्याल छगडोर नामग्याल और लामा खंछेन रोलपाई दोराजा ने इसका अच्छे से निर्माण कराया। जिसके बाद इसे पेमयांग्त्से मोनेस्ट्री बना दिया गया। रबडेन्त्से आएं तो इस मठ को देखना न भूलें।
3. खेचेओपलरी लेक
रबडेन्त्से में ऐतहासिक इमारतें और अवशेष तो हैं ही इसके अलावा एक खूबसूरत झील भी है। आपको यहाँ की खेचेओपलरी लेक को देखने जरूर जाना चाहिए। ये लेक हिंदू और बौद्ध को मानने वालों के लिए भी पवित्र है। ये लेक खेचेओपलरी गाँव के पास में ही है। उसी के नाम पर इसका नाम पड़ा है। इस झील को चोटपलरी लेक के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम दो शब्दों खचेओ और पलरी से लिया गया है। जिसका मतलब है, स्वर्गदूत और महल। पहाड़ों से घिरी ये खूबसूरत लेक को आप जरूर देखें।
4. कंचनजंगा वाटरफॉल
अगर आप रेबडेन्त्से के इस सफर में खूबसूरत वाटरफॉल को देख सकते हैं। रेबडेन्त्से से सिर्फ 16 किमी. की दूरी पर कंचनजंगा झरना है। सुकून किसे कहते हैं ये आपको यहाँ आकर समझ आएगा। बड़ी-बड़ी चट्टानों से गिरते पानी को देखना आपको बहुत अच्छा लगेगा। पहाड़ों के बीच ऐसे वाटरफॉल को देखकर आपको ये जगह और भी सुंदर लगने लगेगी। आप यहाँ पर घंटों बैठकर झरने को निहार सकते हैं। यही तो इस जगह की खूबसूरती है।
इसके अलावा आप यहाँ पर पेलिंग अच्छे से एक्सप्लोर कर सकते हैं। चोइलिंग मठ और सिंगशोर ब्रिज को भी देख सकते हैं। इसके अलावा भी इस ऐतहासिक जगह पर देखने को बहुत कुछ है। बिना रेबडेन्त्से को देखे सिक्किम की घुमक्कड़ी अधूरी ही रहेगी। इसलिए इस ऐतहासिक गलियारों में जरूर भटकें।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइटः यदि आप हवाई मार्ग से रबडेन्त्से आने का सोच रहे हैं तो सिलीगुड़ी एयरपोर्ट सबसे नजदीक है जो 137 किमी. की दूरी पर है। वहाँ से आप पेलिंग तक बस या कैब करके आ सकते हैं। पेलिंग से आप आराम से रबडेन्त्से पहुँच सकते हैं।
ट्रेनः अगर आप रेल मार्ग से रबडेन्त्से जाने चाहते हैं तो सबसे निकटतम न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है। न्यू जलपाईगुड़ी से रबडेन्त्से की दूरी 142 किमी. है। आप न्यू जलपाईगुड़ी से पेलिंग तक कैब करके आ सकते हैं। इसके बाद आप ट्रेक करके रबडेन्त्से जा सकते हैं।
वाया रोडः यदि आप सड़क मार्ग से रबडेन्त्से जाना चाहते हैं तो बड़े आराम से पहुंच सकते हैं। आप पेलिंग तक गाड़ियों से पहुँच सकते हैं। पेलिंग से रबडेन्से की दूरी 8 किमी. है। अगर आप ट्रेक करते हैं तो ये दूरी और भी कम हो जाती है।
कब जाएं?
रबडेन्त्से सिक्किम की खूबसूरत पहाड़ियों के बीचों बीच बसा है। इसलिए यहाँ का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है। वैसे तो आप यहाँ पर साल में कभी भी आ सकते हैं लेकिन मार्च ये जून तक का समय यहाँ घूमने के लिए बेस्ट है। उस समय यहाँ का मौसम और भी निखरकर आता है। उस समय न बहुत सर्दी होती है और न ही गर्मी का एहसास होता है। सिक्किम के इस ऐतहासिक शहर में ठहरने की कोई जगह नहीं है। इसके लिए पेलिंग की बढ़िया विकल्प है। जहाँ पर आप अपने बजट के हिसाब से होटल चुन सकते हैं।
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