सिक्किम के ये होमेस्टेज़ हैं छुट्टियों का मधुर आनंद लेने के लिए

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होमस्टे, मतलब घूमने की जगह पर अपना सा घर। जो शायद बहुत आलीशान न हो, लेकिन सुकून का आशियाना होता है। एक छोटी सा घर ही सही, जहाँ पर खाने की व्यवस्था हो, और वहाँ से घूमने की भी।

इसी बात को ध्यान में रखकर लोग अपने घर को होमस्टे बना लेते हैं। एक मॉडर्न होमस्टे, जहाँ पर आप कुछ दिन के लिए रहकर अपने सफ़र को मुकम्मल कर सकते हैं।

आज हम बात करेंगे सिक्किम के होमस्टेज़ की, जहाँ पर रहकर आप अपने रुकने का बन्दोबस्त कर सकते हैं।

1. यांगसुंग फार्म

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श्रेयः अंकित सूद

सिक्किम में स्थित यांगसुंग फार्म जो कि यहाँ के लोकल लोगों का पुराना फार्म हुआ करता था, अब इसे थोड़ा बेहतर बना कर लोगों के लिए खोल दिया गया है। इस फार्म में चार कमरे हैं, जिसमें सबके साथ बाथरूम अटैच है। लकड़ी के फ़्लोर हैं, जिन पर आपको सर्दी में भी कोई दिक्कत नहीं होती। बड़े ग्रुप में आए हों तो चार कमरों में आप अपने ठहरने की बढ़िया सुविधा बना सकते हैं।

ठहरने के साथ यहाँ पर आपके खाने की भी व्यवस्था की जाती है। सबसे अच्छी बात ये है कि बहुत दूर नहीं है। सिक्किम के रेचिनपोंग गाँव से बस 2 किमी0 दूर।

44 एकड़ का यह फार्म 1833 में बना था और उसके 133 साल बाद 1966 में रिनोवेट हुआ। आज ये फार्म लोगों के होमस्टे के साथ-साथ सब्ज़ियाँ उगाने वाला खेत भी बन गया है। यहाँ पर आपको अदरक, इलायची और ऐवोकैडो उगते मिल जाएँगे। इसके साथ ही यहाँ पर संतरा, आड़ू, खुबानी, आम और चाय की भी खेती हुआ करती है। इसलिए यहाँ पर आपको ऑर्गेनिक खाना मिलेगा, सो अलग।

यहाँ के सिक्किमी स्वाद का आनन्द लेने के लिए आपको कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है। जैसे कि नेटल, फर्न और बैंबू यहाँ पर ख़ूब पसन्द किए जाते हैं।

घूमने की जगहों में यहाँ पर राफ़्टिंग के लिए निकल जाएँ, सिक्किम के कई मठ इस फार्म के नज़दीक ही हैं। साथ ही यहाँ की खाना बनाने पकाने की कला भी सीख सकते हैं।

युंगसुम हेरिटेज फार्म आपको उपलब्ध कराता है हर वो चीज़, जो आप अपने सिक्किम के ट्रिप से पाना चाहते हैं।

2. मलय लैंग होमस्टे

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श्रेयः अंकित सूद

पहले घने जंगल हुआ करते थे यहाँ पर, लेकिन सिक्किम जब 1974 में राजवंश से निकलकर भारत का हिस्सा बना, तो मानो कायाकल्प हो गया। सिक्किम की भूमि पर लेपचा नामक एक प्रजाति रहती है। कंचनजंघा राष्ट्रीय पार्क के पास में ही पड़ता है ज़ोंगू नाम का इलाक़ा, जहाँ के ये निवासी हैं। वे कितने सालों से यहाँ रह रहे हैं, कोई नहीं जानता। कुछ लोग मानते हैं कि वे हिमालय की घाटियों से यहाँ पर आए, कुछ कहते हैं कि वे यहीं पर पैदा हुए थे। आप उनके साथ कुछ समय बिताएँ, इससे अच्छा क्या हो सकता है। वो आपको यहाँ की लोकल डिशें खिलाएँगे, साथ ही यहाँ के अतरंगी फूलों से भी मिलाएँगे। ज़ोंगू का माहौल एक गाँव जैसा है, जहाँ पर शहर का कुप्रभाव कभी पड़ा ही नहीं। यहाँ पर आने के लिए सिक्किम के लोगों को भी परमिट बनवाना होता है। मलय लेंग होमस्टे में आपको ये सारी चीज़ें पता चलेंगी। कई सारी कहानियाँ भी सुनने मिलेंगी।

यहाँ से कुछ ही दूर है ही ग्याथेंग गाँव जहाँ पर आप जीप से पहुँच सकते हैं। ये गाँव अपनी झील के लिए प्रसिद्ध है। लेपचा लोग मानते हैं कि भगवान ने एक देवी की जूँ से चाँदी से रंग वाली एक मछली को पैदा किया था। उस मछली के बच्चे हीमो कहलाते हैं, जो आज भी इस गाँव की रक्षा करते हैं।

इसके अलावा एक जगह हैं पेंटोंग, जो कि अपनी पहाड़ी चोटियों के लिए प्रसिद्ध है। घने जंगल और ऊँची चोटियाँ, एक घुमक्कड़ को और क्या ही चाहिए होता है। दो चोटियाँ हैं यहाँ पर, जिनमें एक का नाम तारबी है और दूसरे का तारबोत।

तारबी दैवीय चोटी है और तारबोत राक्षसी चोटी। दोनों को ही शक्तिशाली मानकर दोनों की ही सेवा की जाती है।

घाटी के एक ओर लेपचा गाँव है, तो दूसरी ओर साकयोंग। ज़ोंगू में आप कहीं पर भी हों, झरना आपके नज़दीक ही होगा। कई बड़े और छोटे झरनों में जिसका सबसे ज़्यादा नाम लिया जाता है, उसका नाम है लिंग्ज़्या झरना। ये पेंटोंग के रास्ते में पड़ता है।

आप यहाँ ट्रेकिंग करने, देसी खाने के लिए, पंछी दर्शन के लिए और अपने ट्रिप को यादगार बनाने के लिए आ सकते हैं।

3. धुंगाय होमस्टे

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श्रेयः अंकित सूद

जब भी मैं धुंगाय होमस्टे को याद करता हूँ तो हर बार ज़हन में गणेश, उनका परिवार और उनका प्यारा किचन याद आता है। चाहे उनका घर हो या फिर उनका बनाया खाना, दोनों लाजवाब। पश्चिमी सिक्किम में स्थित ही बरमोइक गाँव भारत और नेपाल की सीमा पर पड़ता है। दोनों ही देशों के पहाड़ और उनकी सुन्दरता मानो एक जगह पर सिमट कर आ गई हो। यहाँ की छेत्री संस्कृति के लोगों से भी मिलने का जो सौभाग्य मिलेगा, वो अलग। यहाँ पर पेल्लिंग में पेमायांगसे मठ भारत के सबसे पुराने मठों में से एक है।

एडवेंचर के शौक़ीन लोगों के लिए यहाँ से उटरी पर एंगलिंग के लिए जगह है और इसके साथ मछली पकड़ने के लिए भी जगह है। ट्राउट मछलियाँ जिन्हें पसन्द हैं, उनके लिए तो यह जगह बहुत बढ़िया है। बर्सी रोडोडेंड्रोन अभयारण्य यहाँ से कुछ ही दूरी पर है।

जंगलों की सैर, गाँव की सैर तो यहाँ पर आम बात है। सिक्किम की सबसे अच्छी बात ये है कि वहाँ पर आप कहीं भी घूमने निकल जाएँ, आपको आनन्द ही आनन्द होगा। गुफ़ाओं, झरनों, लिंबू मंदिर और कई सारे सांस्कृतिक उत्सवों की भूमि है ही बरमोइक।

4. बोन फार्म हाउस

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श्रेयः अंकित सूद

दक्षिण सिक्किम के इलाक़े में एक जगह पड़ती है कूज़िंग। भगवान बुद्ध की बहुत कृपा है यहाँ पर। उनके कई प्रतिष्ठित मठ बने हैं यहाँ पर। इनमें तशिदिंग मठ, मांगब्रू और पेमायांगशेन मठ प्रमुख हैं। इसके अलावा रालोंग, रावंगला मठ, दोलिंग मठ और बोन मठ भी जाना चाहिए। पंछियों के लिए, प्रकृति प्रेमियों के लिए तो मानो ये जगह स्वर्ग है। उनकी चहक हमेशा यहाँ बनी रहती है। बोन फार्म हाउस यहीं पर बसता है। चार एकड़ के इस फार्म हाउस में चाय के बागान हैं, हरे जंगल भी। शान्ति और सुकून की खान है बोन फार्म हाउस। आप यहाँ पर रहकर बहुत सारी चीज़ें कर सकते हैं।

गाँव की सैर और प्रकृति के नज़ारों के बीच कौन घूमना नहीं चाहता, आपको ये मौक़ा यहाँ आकर मिलता है। ट्रेकिंग के लिए बहुत बढ़िया जगह है यहाँ। एक दिन के ट्रेक और वन नाइट कैंपिंग का शौक़ लोगों को यहाँ आकर चढ़ने लगता है। सिक्किम के पकवान बनाना सीखने के लिए आप यहाँ पर आ सकते हैं। यहाँ से पास में ही मीनम वन अभयारण्य है, जो कि यहाँ का लैंडमार्क है। पंछी दर्शन के लिए भी आपको यहाँ पर ना चाहिए।

5. युकसोम होमस्टे

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श्रेयः अंकित सूद

समुद्रतल से 5840 फ़ीट ऊपर युकसोम होमस्टे शानदार नज़ारों की छोटी सी पुड़िया है। यहाँ पर आपको सिक्किम के नज़ारों की सबसे सुन्दर और सबसे पहली तस्वीरें मिलती हैं। सुबह का उगता सूरज और शाम का ढलता सूरज शायद सबसे सुन्दर यहीं पर से दिखता है। खांगचेनज़ोंगा ट्रेक और दूसरे लम्बे ट्रेक यहाँ पर से शुरू होते हैं। पेल्लिंग जैसी भीड़ भाड़ भरी जगह जाने से अच्छा है यहाँ पर आएँ। युकसुम ऐसी जगह है, जहाँ पर शुरुआत से ही पर्यावरण का ख़्याल रखते हुए पर्यटन का काम हो रहा है। इसके लिए की एनजीओ भी सहायता करने आए हैं। यहाँ पर मिलने वाला खाना पूरी तरह से ऑर्गेनिक होता है जो कि आपके सामने बगीचों पर उगाया जाता है। यहाँ पर आप मोमोस, मिलेट रोटी, नूडल सूप का आनन्द उठा सकते हैं। इसके साथ ही यहाँ का पारंपरिक राइस और मीट ज़रूर आज़माएँ। एक शराब, जो सिर्फ़ यहीं पर मिलती है, उसे छाँग कहते हैं। आपको वो शराब सिर्फ़ यहीं पर मिलेगी।

सिक्किम के होमस्टे के लिए विशेष बातें

क्या करें क्या न करें

1. ज़्यादा मोलभाव न करें, और एडवांस पैसे भेजने के लिए बैंक अकाउंट पर पैसे भेजें।

2. होमस्टे वाले परिवार के लिए कोई छोटा सा गिफ़्ट लेकर जाएँगे तो उनको बहुत पसन्द आएगा।

3. उनसे आने जाने का समय पूछ लें, और नियम क़ायदों का पालन करें। कोई दिक्कत हो तो सीधे बात करके सुलझाने की कोशिश करें।

4. उनकी भाषा सीखने की कोशिश करें, बहुत अच्छा न भी बोल पाएँ, तो भी बोलने का प्रयास करें।

5. उनसे आस-पास की जगहों के बारे में अंदाज़ा ले सकते हैं।

6. जब भी निकलें, उनको बता कर निकलें।

7. उनकी सहमति के बिना परिवार के सदस्यों की फोटो न खींचें। साथ ही ये ध्यान भी रखें कि आप किसी परिवार में हैं। तो थोड़ा शालीनता रखना उचित होगा।

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