सिक्किम में बाढ़ ने जो तबाही मचाई है उसका खतरा अभी कम नहीं हुआ है।इसी सिलसिले में सिक्किम राज्य सरकार ने अलर्ट जारी किया और सिक्किम आने वाले पर्यटकों से आग्रह किया है कि अभी पर्यटक हिमालयी क्षेत्र का दौरा ना करें।क्योंकि तीस्ता नदी में बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है।अधिकारियों की जानकारी के मुताबिक ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने के कारण सिक्किम में यह स्थिति उत्पन्न हुई है।अचानक आई बाढ़ से मची तबाही से अब तक 18 लोगो का शव बरामद किया गया है वही 98 लोगो की लापता होने की पुष्टि हुई है।सेना के जवान और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन डी आर एफ) के लोग बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लापता हुए लोगो को तलाश करने कार्य में जुटी हुई है।
राज्य सरकार ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र मंगन में फसे हुए लोगो से ना घबराने की अपील करते हुए ये कहा कि जल्द ही उस क्षेत्र में राहत सहायता पहुंच जाएगी।रिपोर्ट्स की मानें तो अनुमान है कि विदेशियों सहित 3,000 से अधिक पर्यटक वर्तमान में राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं।
पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग ने एक सलाह जारी की है जिसमें सरकार ने अपील की है कि आगामी कुछ दिनों के लिए सिक्किम की यात्रा पर आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा को फिलहाल के लिए स्थगित कर दी जब तक की स्थिति सामान्य न हो जाए।यह सलाह मुख्यमंत्री तमांग द्वारा अधिकारियों को शुक्रवार से त्सोमगो झील, बाबा मंदिर और नाथुला जैसे लोकप्रिय स्थलों के लिए पर्यटकों को परमिट जारी करना बंद करने का निर्देश देने के तुरंत बाद जारी की गई थी।
पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग ने पुष्टि की है कि लाचुंग और लाचेन क्षेत्रों में फंसे पर्यटक सुरक्षित हैं और उनको किसी भी प्रकार की हानि की सूचना नहीं है।साथ ही राज्य सरकार ने बाढ़ की इस स्थिति को देखते हुए ही सभी ट्रैवल एजेंटों, होटल व्यवसायियों, पर्यटक टैक्सी चालकों और पर्यटन क्षेत्र के अन्य हितधारकों से अनुरोध किया है कि जितना हो सके यथासंभव बाढ़ पीड़ितों की मदद करे और इस आपदा के समय पर किसी से भी अतिरिक मूल्य लेने के बजाए सभी से उचित मूल्य ही ले।
भारतीय सेना और एनडीआरएफ दोनों टीमें राहत कार्य में जुटी हुई जल्द ही इस आपदा से सभी को राहत मिल जायेगी।तब तक के लिए आपदा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की यात्रा से परहेज करें।
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल हमे कमेंट में जरुर बताए।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।