पुणे महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां दर्जनों ऐतिहासिक और पर्यटक स्थल हैं। लाल महल पुणे का एक प्रमुख पर्यटक स्थल है। पुणे आने वाले पर्यटकों की लिस्ट में लाल महल का नाम जरूर होता है। लाल रंग की इमारत होने के कारण इसका नाम लाल महल है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने बचपन के कई साल यहां गुजारे थे।
मराठा इतिहास में इस लाल महल का काफी अहम स्थान है। शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोसले ने 1930 में यह भवन उनके और उनकी मां जीजाबाई के लिए बनवाया था। वैसे उनका जन्म तो शिवनेरी किले में हुआ था मगर मुगलों के आक्रमण के कारण उन्हें अपनी माता जीजाबाई के साथ यहां आना पड़ा था। शिवनेरी छोड़ने के बाद शिवाजी महाराज ने अपने बचपन का ज्यादातर समय इसी महल में बिताया था।
शिवाजी महाराज करीब 15 साल तक यहां रहे थे। शिवाजी महाराज की सईबाई के साथ शादी इसी लाल महल में हुई थी। पहले किले को मुगलों से वापस जीत लेने तक शिवाजी महाराज इस लाल महल में रहे थे। बताया जाता है कि यहीं शिवाजी और शाइस्ता खान के बीच मुठभेड़ हुई थी और उन्होंने खिड़की से भागने की कोशिश कर रहे शाइस्ता खान की उंगलियां काट दी थी।
अभी जो लाल महल है ये वो नहीं है जिसे शिवाजी महाराज के पिता शाहजी भोसले ने बनवाया था। समय के साथ असल लाल महल की इमारत खंडहर बनकर गिर गई। अभी जो लाल महल है उसे फिर से बनाया गया है। पुणे महानगरपालिका ने इसे फिर से बनवाया है। महल में शिवाजी महाराज की मां की एक मूर्ति भी है। यहां चित्रों और प्रतिमाओं के जरिए शिवाजी महाराज के बचपन को दर्शाया गया है। महल के भीतर के दीवारों पर शिवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी कई बड़ी पेंटिंग्स लगाई गई है।
महल परिसर में एक जीजामाता उद्यान भी बनाया गया है। यहां कई मूर्तियां हैं। यहां शिवाजी महाराज जी की माता जीजाबाई की एक भव्य प्रतिमा भी लगाई गई है। महल के बाहर प्रांगण में शिवाजी महाराज के माताजी के साथ हल चलाते हुए मूर्ति भी बनाई गई है। यहां आने वाले पर्यटक इन मूर्तियों के साथ फोटो जरूर खिंचाते हैं। यहां पर्यटक आपको सेल्फी लेते भी दिख जाएंगे। यह उद्यान बच्चों के लिए भी एक प्रिय जगह बन चुका है।
खुलने का समय-
लाल महल सुबह 9 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है। शनिवारवाड़ा के पास होने के कारण यहां काफी संख्या में लोग आते हैं। इतिहास के प्रति रुचि रखने वाले लोगों को यहां जरूर आना चाहिए
कैसे पहुंचे-
लाल महल पुणे के कस्बा पेठ इलाके में शिवाजी रोड पर है। यह शनिवारवाड़ा के कोने पर है। पुणे के किसी भी इलाके से यहां पहुंचना काफी आसान है आप यहां बस या ऑटो से आराम से पहुंच सकते हैं। यह पुणे के लैंडमार्क श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर और शनिवारवाड़ा के पास है। आप यहां से पैदल भी लाल महल पहुंच सकते हैं। पुणे रेलवे स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर और एयरपोर्ट से 11 किलोमीटर की दूरी पर है।
कब पहुंचे-
पुणे में गर्मी के समय दिन का तापमान कुछ ज्यादा रहता है। इसलिए गर्मी के समय यहां आने से बचना चाहिए। यहां आने के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर से फरवरी के बीच के होता है।
आसपास के दर्शनीय स्थल
लाल के आसपास कई दर्शनीय स्थल हैं। आप यहां से पैदल चलकर पुणे के सबसे खास पर्यटक स्थलों में से एक श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर के साथ शनिवारवाडा, विश्रामबाग वाडा, महादजी शिंदे छत्री, राजा दिनकर केलकर संग्रहालय और तुलसी बाग मार्केट देख सकते हैं।
खानपान-
पुणे में आप मराठी थाली के अलावा वडापाव और मिशेल पाव का आनंद ले सकते हैं। वैसे पुणे मेट्रो शहर होने के कारण यहां आप सभी तरह के खाने का आनंद ले सकते हैं। लेकिन लाल महल के पास ही स्ट्रीट फूड के रूप में आप वडा पाव खा सकते हैं।
ठहरने की व्यवस्था
पुणे देश का एक प्रमुख शहर है। यहां ठहरने के लिए भी हर तरह के इंतजाम हैं। आप अपने पाकेट के हिसाब से बजट से लेकर लग्जरी सभी तरह के होटल में ठहर सकते हैं।
आप सभी को पुणे यात्रा के लिए शुभकामनाएं। आपकी यात्रा शुभ और मंगलमय हो। अपनी यात्रा के बारे में सलाह-सुझाव हो तो कमेंट में जरूर बताइएगा। धन्यवाद।
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