
भारत को एक धार्मिक देश के रूप में भी जाना जाता है यहां पर लोगो का ईश्वर के प्रति विश्वास बहुत ही अटूट है।यहीं कारण है कि लोग पर्यटन के लिए केवल खूबसूरत जगह पर ही नही जाते बल्कि धार्मिक स्थलो का भी चुनाव करते हैं।ये ईश्वर के प्रति विश्वास ही है जो भारत के प्राचीन मंदिर अपनी विरासत लिए आज भी पूरी शान से खड़ा है। आज हम आपको भारत के उस राज्य की सैर पर ले चलते हैं जो अपनी धार्मिक विरासत के लिए पूरे देश में फेमस है। आज हम भारत का दिल कहे जाने वाला राज्य मध्य प्रदेश के प्रमुख शिव मंदिरों के बारे में जानेंगे।ताकि महादेव के भक्त इस शिवरात्री महादेव के दर्शन कर सके,साथ ही हमारी संस्कृति और विरासत को और करीब से जान सके।

मध्य प्रदेश में महादेव के प्रसिद्ध मंदिर
1.महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, उज्जैन
उज्जैन का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।यह शहर पवित्र क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है और भारत में कुंभ मेले के चार स्थानों में से एक है।यहां पर आकर आपको सच्चे सुकून का एहसास होगा।इस मंदिर में स्थित मूर्ति ओंकारेश्वर शिव की है और देवता महाकाल तीर्थ के ऊपर गर्भगृह को समर्पित है।यह मंदिर एक झील के पास स्थित है। इस मंदिर में भक्त शिवलिंग के दर्शन कर धनी हो जाते हैं।


2.ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा
ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी में स्थित एक द्वीप पर स्थित है और शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है।यह स्थान मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध शहर इंदौर से 77 किमी की दूरी पर स्थित है।जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है और पहाड़ी के चारों ओर नदी बहने से यहां ऊं का आकार बनता हैअनादिकाल से मां नर्मदा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर का जलाभिषेक करती आ रही है।यह एक प्राकृतिक शिवलिंग है।ऐसी मान्यता है कि ओंकारेश्वर लिंग के दर्शन करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता है तथा उसे मोख प्राप्त होता है।


3.मतंगेश्वर महादेव मंदिर, खजुराहो
यह चंदेल काल का एकमात्र मंदिर है जो अभी भी खड़ा है, और इसे खजुराहो मंदिरों के पश्चिमी समूह में सबसे शानदार मंदिरों में से एक माना जाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।लगभग 1100 साल पहले बना मातंगेश्वर मंदिर खजुराहो के सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों में से एक है। यहां होने वाला शिवरात्रि उत्सव सबसे रंगीन उत्सवों में से एक है।

4.पशुपतिनाथ मंदिर, मंदसौर
मध्य प्रदेश के मंदसौर में स्थित शिव मंदिर अपने अद्वितीय आठ मुख वाले शिवलिंगम के लिए जाना जाता है, जो शैव धर्म की पशुपतिनाथ परंपरा से संबंधित है।इस शिवलिंग में भगवान शिव की अलग-अलग मुद्रा दिखाई गई है।अगहन मास की कृष्ण पंचमी को पशुपतिनाथ के स्थापना दिवस के दिन मंदिर में भव्य आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही महाशिरात्रि और सावन माह में भी यहां बड़ी संख्या में भक्त भगवान शिव के दर्शन को पहुंचते हैं। इंदौर से मंदसौर 225 किमी दूर है।


5.भोजेश्वर मंदिर, भोजपुर
भोजपुर गांव में स्थित भोजेश्वर मंदिर, भारत के सबसे ऊंचे शिवलिंगों में से एक है, जोकि 115 फीट के चबूतरे पर स्थित है। इस मंदिर में शिवलिंग की लंबाई 7.5 फीट (2.3 मीटर) ऊंचा है।मान्यता है कि पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण एक रात में ही करने का प्रण लिया था। इसके बाद 10वीं शताब्दी में राजा भोज ने इस मंदिर का जीर्णोंद्धार करवाया। मंदिर बेतवा नदी के किनारे स्थित है और देश-विदेश से श्रद्धालु बड़े शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं।


6.भूतेश्वर मंदिर, बटेश्वर
भूतेश्वर महादेव का मंदिर बटेश्वर में भगवान शिव का बहुत बड़ा मंदिर है, जिसे गुर्जर-प्रतिहार राजवंश के शासनकाल के दौरान बनाया गया था।11 वीं शताब्दी में गुर्जर प्रतिहार राजाओं ने करीब 400 शिव मंदिरों का निर्माण कराया था। हालांकि बाद में मुश्लिम आक्रातांओं और पत्थर के अवैध खनन की वजह से मंदिर जमीदोज हो गए। लेकिन आर्किलाजीकल सर्वे आफ इंडिया ने इन संरिक्षत किया और एएसआई के प्रदेश के तात्कालीन डायरेक्टर केके मोहम्मद ने प्रयास करके करीब सौ शिव मंदिरों को पुन: खड़ा कराया है।

7.चौरागढ़ महादेव मंदिर, पंचमढ़ी
चौरागढ़ सतपुड़ा की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है, धूपगढ़ सतपुड़ा रेंज की सबसे ऊँची चोटी है और चौरागढ़ की चोटी भगवान शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।यहां त्रिशूल चढ़ाने की मान्यता है, भक्त मंदिर में 2 क्विंटल तक वजनी त्रिशूल महादेव को अर्पित करते हैं। अब तक मंदिर में 50 हजार से भी ज्यादा त्रिशूल चढ़ाए जा चुके हैं। महाशिरात्रि के अवसर पर यहां आठ दिनों तक मेले का आयोजन होता है। मान्यता है कि भस्मासुर को वरदान देने के बाद भगवान शिव ने इसी स्थान पर निवास किया था। सावन माह में भी बड़ी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं।

8.ककनमठ शिव मंदिर, मुरैना
मुरैना जिले का प्रमुख शिव मंदिर हैं और इसका निर्माण 11 वीं शताब्दी में कराया गया था। मंदिर के बारे में किवदंती है कि इसे एक रात में ही तैयार किया गया था। इस मंदिर की खासियत यह है कि पूरा मंदिर विशाल पत्थरों व चट्टानों से बना हुआ है, लेकिन कहीं भी इन पत्थरों को जोड़ने के लिए चूने या गारे को उपयोग में नहीं लाया गया है। बस एक के ऊपर एक पत्थर रखकर बनाया गया है।


9.गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, जबलपुर
जबलपुर का गुप्तेश्वर महादेव मंदिर एक दर्शनीय स्थल है, जिसे रामेश्वरम का उपलिंग भी माना जाता है।इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री राम ने अपने वनवास काल के दौरान इसकी स्थापना की थी। यह मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। कान्हा और बांधवगढ़ के बाघ अभयारण्यों को जोड़ने वाला ये एक महत्वपूर्ण पर्यटन शहर भी है।सावन माह के दौरान यहां भक्ति की काफी भीड़ होती हैं।


10.कंदरिया महादेव मंदिर, खजुराहो
कंदारिया महादेव मंदिर खजुराहो में सबसे बड़ा अलंकृत हिंदू मंदिर है।इस मंदिर को चंदेल राजवंश के दौरान बनाया गया था। मंदिर परिसर 282 मीटर की ऊंचाई पर 6 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ।यह मंदिर भगवान विष्णु, भगवान सूर्य, देवी शक्ति और जैन तीर्थंकरों को समर्पित कई प्रसिद्ध मंदिरों भी हैं।


इस महाशिवरात्रि महादेव के दर्शन करके अपने सभी पापो से मुक्ति पाए।
!हर हर महादेव!