क्या आप शिमला जाने की योजना बना रहे हैं? अगर हां, तो इस बार आपको थोड़ी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। शिमला सरकार ने एक 'ग्रीन टैक्स' घोषित किया है जिसका भुगतान पर्यटकों और बाहरी वाहनों को शिमला में प्रवेश करते समय करना होगा। ग्रीन टैक्स वह है जो लोगों को पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित करता है, और उन चीजों के भुगतान में भी मदद करता है जो इको-सिस्टम के लिए भी फायदेमंद हैं। हालांकि अभी भी कोई प्लान तो इसको लेकर तैयार नहीं हुआ है, लेकिन इसको लेकर योजना बन गई है और नगर निगम ने भी इसको लेकर विचार-विमर्श करना शुरू कर दिया है।
कितना देना होगा टैक्स?
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों को ग्रीन टैक्स चुकाना होगा। नगर निगम शिमला की ओर से दिए गए प्रस्ताव में बस और ट्रक जैसे बड़े वाहनों के लिए 300 रुपए, कार के लिए 200 रुपए और दो पहिया के लिए 50 रुपए ग्रीन टैक्स तय किया गया है। नगर निगम ग्रीन टैक्स को एकत्र कर शहर की सडक़ों और अन्य विकास कार्य में इस राशि को खर्च करेगा। वहीं, इससे टोल में कार्य करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी निकाला जाएगा। इस टैक्स को एकत्र करने से निगम की आय में काफी बढ़ोतरी होने के आसार है।
HP नंबर वाली गाडिय़ों को नहीं देना होगा टैक्स
ग्रीन टैक्स सिर्फ हिमाचल से बाहर की गाडिय़ों पर भी लगाया जाएगा। शहर के लोगों या एचपी नंबर वाली गाड़ी को कोई ग्रीन टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि जो लोग शिमला में ही रह रहें हैं और उनके पास किसी अन्य राज्य का नंबर हैं, उन्हें भी यह टैक्स नहीं देना होगा। इसके लिए उन्हें स्थानीय पार्षद से एनओसी लेनी होगी, जिससे उनकी गाडिय़ां नगर निगम में रजिस्टर हो जाएंगी और बाहरी राज्य के नंबर वाली गाडिय़ों को जो शिमला में ही रहते हैं, उन्हें एनओसी की कॉपी साथ रखनी होगी। वहीं, यही एनओसी वाहन मालिक या चालक को टोल पर दिखानी होगी। इसको दिखाने के बाद ही वह गाड़ी शहर में मान्य होगी। यदि यह कॉपी नहीं होगी तो उनसे ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा।
हर रोज हजारों वाहन पहुंचते हैं शिमला
पहाड़ों की रानी शिमला में हर रोज घूमने के लिए काफी तादाद में बाहरी राज्यों से पर्यटक आते हैं। खासकर वीकेंड पर हजारों की तादाद में वाहनों की आवाजाही होती है। जिसको देखते हुए नगर निगम शिमला में शिमला शहर में ग्रीन टैक्स लगाने का फैसला लिया है।
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