हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नजदीक चमियाणा में शिमला कालका फोरलेन के तहत ब्रिज बनाया जाएगा। ये एशिया का सबसे ऊंचा केबल ब्रिज होगा। इसकी ऊंचाई 148 मीटर की होगी। पुल 540 मीटर लंबा होगा। पुल बनने के बाद इसे केबल से जोड़ने के लिए उनके ऊपर 240 मीटर पिलर लगाए जाएंगे। इसको तैयार करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पूरा प्रस्ताव जिला प्रशासन को दे चुका है। 15 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और दो साल के अनुमानित समय के साथ , यह शानदार केबल ब्रिज क्षेत्र के परिदृश्य को बदलने और कनेक्टिविटी और पर्यटन के एक नए युग को सुखदमय बनाने का वादा करता है ।
बनेगा सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र
केबल पुल को बनाने का काम भी शिमला कालका फोरलेन के अंतिम चरण में शुरू कर दिया जाएगा। जो आपको हैरत में डाल देगा। पर्यटन की दृष्टि से भी इसका इस्तेमाल शहर में आने वाले सैलानियों के लिए किया जाएगा। इसे सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। एक समय में 30 लोगों को समायोजित करने की क्षमता के साथ, पुल एक अद्वितीय मनोरम दृश्य पेश करेगा, जो आगंतुकों को क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता में डुबो देगा।
एडवेंचर पसंद करने वालों के लिए होगी शानदार जगह
एडवेंचर पसंद करने वाले लोगों को यह खूब पसंद आने वाला है। यह केबल ब्रिज स्थानीय समुदाय और पर्यटन उद्योग के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। यह ब्रिज शॉर्टकट प्रदान करके , न केवल पहुंच को बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। यात्री और प्रकृति प्रेमी लुभावने परिवेश का पता लगाने और शिमला के प्राकृतिक आश्चर्यों के आकर्षण का आनंद लेने के अवसर का आनंद लेंगे।
ब्रिज के बारे में
ढली से कैथलीघाट तक 28 किलोमीटर अंतिम चरण में शिमला कालका फोरलेन का निर्माण होना है। इसके पहले चरण में 17 किलोमीटर शकराल तक और उससे अगले अगले चरण में 11 किलोमीटर का निर्माण किया जाना है। पहले चरण में फोरलेन को बनाने का काम शुरू भी हो गया है । इसके लिए जो भी फॉरेस्ट क्लीयरेंस से लेकर अन्य औपचारिकताएं थी , वे भी सब मिल चुकी है। अंतिम चरण जो 11 किलोमीटर का जो फोरलेन बनना है। इसका काम अभी तक फोरेस्ट क्लीयरेंस न मिलने के कारण लटका है।
अपनी भव्यता, आर्थिक लाभ और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, वास्तुकला की यह उत्कृष्ट कृति निस्संदेह उन सभी के दिल और दिमाग पर एक अमिट छाप छोड़ेगी जिन्हें इसे पार करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। एक असाधारण यात्रा पर निकलने और मानवीय प्रतिभा और प्रकृति की भव्यता के मिश्रण को देखने के लिए तैयार हो जाइए।
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