भारत में कब क्या दिख जाए, क्या पता! ये तो ज़मीन ही ऐसी रोचक है कि कदम-कदम पर अजूबे हैं। कहीं किसी मोड़ पर कोई परदेसी बाबू दिख जाता है, तो कभी कोई गाँव वाला कहानी सुनाने लगता है। या यूँ भी हो सकता है कि हमारे हाथ कोई सदियों पुराना प्राकृतिक खज़ाना लग जाए।
ऐसा ही हुआ जब कुछ लोग मेघालय की एक गुफा को नापने निकले। चूना पत्थर से बनी ये गुफा यूँ तो साल 2016 में ही ढूँढ ली गयी थी, मगर नापने पर पता चला कि ये दुनिया की सबसे लम्बी चूना पत्थर की गुफा है।
जी हाँ, क्रेम पुरी की ये गुफाएँ दुनिया भर में, धरती के गर्भ में घुसने के शौकीनों को आकर्षित करती हैं ।
क्रेम पूरी की गुफाएँ
मेघालय एडवेंचर एसोसिएशन (MAA) के लोगों ने हाल ही में जब इसे नापा तो पाया कि 24583 मीटर लम्बी ये गुफाएँ पुराने रिकॉर्ड वेनेज़ुएला में होल्डर एदो जुलिआ की कैवा देल समां गुफाओं से 6000 मीटर लम्बी हैं।
MAA के अधिकारियों के अलावा 30 केवर्स ने हाल ही में इसे नापा। इसकी लम्बाई का अंदाजा आप यही सोचकर लगा सकते हैं कि इसे नापने में 25 दिन लगे।
कहाँ हैं क्रेम पुरी की गुफाएँ ?
मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स के गाँव लाइटसोहं गाँव में हैं ये गुफाएँ।
इनमें क्या अनोखी बात है ?
देश की 10 से में 9 सबसे लम्बी गुफाएँ मेघालय में हैं। मेघालय की ही जैंतिया हिल्स में बने 31 किलोमीटर लम्बे क्रेम लिएट प्राह-यूमिम-लबित केव सिस्टम के बाद क्रेम पुरी दूसरा सबसे बड़ा केव सिस्टम है।
इसके साथ ही क्रेम पुरी में सदियों पुराने अवशेष भी मिलने लगे हैं। हाल ही में केवर्स के एक समूह को यहाँ करीब सात करोड़ साल पहले समुद्री जीव मोसासॉरस के अवशेष मिले हैं।
आने वाले समय में यहाँ कई पुरातत्व वैज्ञानिक जाएँगे जिससे कई नयी खोजें हो सकेंगी। ये गुफाएँ और भी दिलचस्प हो जाएँगी। तो ऐसे में हम यहाँ छुट्टी मनाने तो ज़रूर जाना चाहेंगे। है ना ?
यहाँ आने का सही समय
सितम्बर से मई के महीने क्रेम पुरी आने के लिए सबसे सही हैं क्योंकि इन महीनों में यहाँ का मौसम भी बढ़िया रहता है और मूसलाधार बारिश भी नहीं होती। सितम्बर से मार्च के महीनों में तापमान पाँच डिग्री तक लुढ़क जाता है जबकि अप्रेल-मई में 15 से 24 डिग्री तक रहता है।
क्रेम पुरी जाना बेहद आसान
दिल्ली से क्रेम पुरी पहुँच सकते हैं।
हवाई मार्ग से: दिल्ली से शिलॉन्ग तक कोई सीधी फ्लाइट नहीं है। एक स्टॉप रुकने के बाद आप ₹8500 में शिलॉन्ग पहुँच सकते हैं। फिर यहाँ से क्रेम जाने के लिए टैक्सी कर लें जो अगले तीन घंटे में आराम से पहुँचा देती है।
रेल मार्ग से: क्रेम के सबसे नज़दीक गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है, जहाँ तक जाने में 30-35 घंटे लगते हैं। फिर क्रेम जाने के लिए हम प्राइवेट टैक्सी कर लें जो अगले 5 घंटों में क्रेम पहुँचा देती है।
ठहरने की व्यवस्था
लाइसोहम में ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं है। मगर मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग, जो पर्यटन और संस्कृति के नज़रिये से काफी समृद्ध है, में आपको ठहरने और खाने के कई विकल्प मिल जाएँगे।
ऋ किंजल : सेरेनिटी बाय द लेक
दो लोगों के लिए एक रात ₹10500 जिसमें सुबह बुफे नाश्ता शामिल है।
द पीयर ट्री
दो लोगों के लिए एक रात ₹4500 में, जिसमें सुबह कॉन्टिनेंटल ब्रेकफास्ट शामिल है।
इसाबेला हॉस्टल
₹349 में बंक बेड और मात्र ₹50 में खाना हो जायेगा।
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