![Photo of भारत का दूसरा मिनी स्विटजरलैंड है शांघड़, आसपास भी है घूमने के ढेरों ठिकाने by Pooja Tomar Kshatrani](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2059001/TripDocument/1652250177_1652250167509.jpg)
करीब 6300 फीट की ऊंचाई पर स्थित शांघड़ हिमाचल का एक छोटा सा गांव है। हिमाचल के सैंज घाटी में बसी यह जगह इतनी खूबसूरत है कि मन यहां से वापस आने का होता ही नहीं। दूर तक दिखते बर्फ से ढ़के पहाड़ पहाड़ों पर घुप्प धुंध सूरज की दस्तक के साथ ढालान पर छनकर आती धूप चारों ओर दूर-दूर तक फैली हरियाली घने देवदार के जंगल और धूमिल सुबह सब कुछ मनमोहक होता है शांघड़ में। यहां से न सिर्फ शिमला नारकंडा निकला जा सकता है बल्कि कुल्लू और मनाली भी पहुंचा जा सकता है। शांघड़ मैदान को कुल्लू जिले का खज्जियार या भारत का दूसरा मिनी स्विट्जरलैंड भी कहते हैं। ये जगह सुंदरत के मामले खज्जियार जैसे मशहूर पर्यटन से कम नहीं है। आपको इस जगह को देखकर यही कहेंगे कि ऊपर वाले ने शांघड़ पर जमकर खूबसूरती बरसाई है। इस जगह को घूमने के लिए कम से कम तीन से चार दिन का वक्त चाहिए क्योंकि आसपास और भी बहुत सारी खूबसूरत जगहें हैं जिनके बारे में आइए जानते हैं।
शांगढ़ के मैदानों पर करें सैर
![Photo of Shangarh by Pooja Tomar Kshatrani](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2059001/SpotDocument/1652252113_1652252111608.jpg.webp)
शांघड़ के मैदान में आपको वो कुछ मिल जाएगा, जिनकी आप एक प्राकृतिक जगह पर देखने की इच्छा जाहिर करते हैं, जैसे यहां के हरे-भरे, शांत और खूबसूरत नजारे! यहां आप चारों ओर से अद्भुत चीड़ के पेड़ों और रंग-बिरंगे छोटे-छोटे घरों के बीच जाकर इस जगह को यादगार बना सकते हैं। यहां के घास के मैदान सूर्यास्त के समय बेहद ही शानदार लगते हैं।
खूबसूरत बरशानगढ़ झरने को देखें
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इस दूधिया सफेद झरने को देखने के लिए आप सुबह जल्दी उठकर ड्राइव करते हुए आराम से पहुंच सकते हैं। आधे घंटे की दूरी पर मौजूद ये वाटरफॉल देखने में काफी आकर्षक लगता है, यहां आप झरने का एक घूंट स्वाद भी ले सकते हैं। इस जगह के पाइन पेड़ों की खुशबू और हवा का झोंका दिमाग को फ्रेश कर देता है। झरने के आसपास पक्षियों का शोर आपको कुछ देर गुजारने के लिए मजबूर कर सकता है।
यहां के ऐतिहासिक मंदिरों के भी करें दर्शन
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हरा-भरा शहर शांगढ़ अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो एक समृद्ध इतिहास को समेटे हुए, जहां की वास्तुकला देखने लायक है। सबसे प्रतिष्ठित स्थानीय मंदिरों में से एक, शांगचुल महादेव मंदिर, शांगढ़ मीडोज में स्थित है। साथ ही यहां के रैला गांव में लकड़ी से बना एक टॉवर मंदिर भी है। सैंज घाटी के चारों ओर बिखरे हुए कुछ अन्य मंदिर हैं, जिनमें शंशर में मनु ऋषि मंदिर भी शामिल है, जहां आप मन की शांति के लिए दर्शन करने जा सकते हैं।
घाटी के माध्यम से करें ट्रैकिंग
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प्रकृति के शानदार नजारों के साथ, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में कई ट्रैकिंग पॉइंट्स हैं, जो एडवेंचर के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं। जंगों थैच के लिए एक रात का सबसे छोटा ट्रैक है, जो आपको खूबसूरत फूलों, घास के मैदानों और चारों ओर पक्षियों के साथ जंगलों के रास्तों से ले जाता है। अगर आप और ज्यादा रोमांच चाहते हैं, तो थिनी थैच और पुंड्रिक झील को देखने के लिए आप अपनी लिस्ट में एक या दो और जोड़ सकते हैं। ये दोनों ट्रैक भी आपकी ट्रैकिंग करने की इच्छाओं पर खरे उतरेंगे!
रैला के Twin टॉवरों को जरूर देखें
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घाटी की कई बस्तियों के शानदार दृश्य पेश करने के लिहाज से रैला के जुड़वां टावर भी देखने लायक जगहों में आते हैं। हर मंजिल पर बने छोटे-छोटे कमरे, आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे कि यहाँ लोग किसी जमाने कैसे रहा करते होंगे? शांगढ़ वापस जाने से पहले जुड़वां टावरों, रैला गांव, रैला मंदिर और छिपे हुए झरनों को देखना न भूलें।
रात के समय आसमान को निहारें
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सैंज घाटी का प्रदूषण मुक्त आसमान एक ऐसा नजारा पेश करता है जो आपको हैरान कर देगा। यह रात के समय लाखों सितारों से जगमगाता है और वे सभी बहुत सुंदर लगते हैं। यदि आप फोटोग्राफी के शौकीनों में से एक है, तो रात के आसमान और स्टार ट्रेल्स के कुछ लंबे एक्सपोजर शॉट्स प्राप्त करने के लिए यह एक आदर्श स्थान है।
स्थानीय जीवन के बारे में जानें
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यहां कोई होटल नहीं है इसलिए आपको एक स्थानीय के साथ पेइंग गेस्ट के रूप में रहना पड़ेगा क्योंकि उन्हें बहुत सारे पर्यटक नहीं मिलते हैं इसलिए आपको निश्चित रूप से विशेष उपचार मिलेगा। यह आपको स्थानीय लोगों से बात करने और उनके जीवन, पौराणिक कथाओं और लोककथाओं के बारे में जानने का एक सही मौका देगा। यहां के लोग बहुत ही सरल और मेहमाननवाज हैं। वे आपके साथ अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन, अपने देवताओं, और बस कुछ भी जो ध्यान देने योग्य है, के बारे में कहानियाँ साझा करना पसंद करेंगे।
बर्फबारी का ले मजा
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यदि आप जनवरी या फरवरी की शुरुआत में इस घाटी में पहुंचते है, तो आपको निश्चित रूप से बहुत सारी बर्फ देखने को मिलेगी और यहां तक कि लाइव बर्फबारी भी देखने को मिलेगी। अप्रैल के मार्च में, आप सारिकंदा थाच तक ट्रेकिंग करने की कोशिश कर सकते हैं और वहां बर्फ जरूर मिलेगी।
शांघड़ कैसे पहुंचें?
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बस से: मनाली से, ऑट टनल स्टॉप का विकल्प चुनें। यहां से सैंज के लिए लोकल बस लें सकते हैं।
ट्रेन से: जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन पहुंचकर सैंज के लिए टैक्सी या बस लें।
हवाई मार्ग से: कुल्लू हवाई अड्डे पर पहुंचकर भंतर से टैक्सी या बस आपको सैंज ले जाएगी।
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