हम सभी जानते हैं कि राजस्थान की मिट्टी कई वीर और वीरांगना का बलिदान से भरी हुई है। राजस्थान का भारत के पर्यटन में एक विशेष स्थान है और यहाँ बहुत सारे किले, महल हैं और इन स्मारकों से जुड़ी वीरता और देशभक्ति की अद्भुत कहानियाँ भी हैं।
तो आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जो शाहरुख खान और रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म 'पहेली' की शूटिंग के बाद सामने आई थी। लेकिन इस जगह से जुडी इतिहास की एक अद्भुत त्याग और बलिदान की कहानी हर किसी को हाड़ी रानी के अदम्य साहस और त्याग के बारे में गहरी सोच में डाल देती है, जिसने अपनी देशभक्ति के कारण अपना खुद का सिर काट दिया और अपने पति के पास भेज दिया ताकि वह अपनी पत्नी के बारे में सोचे बिना दुश्मनों से लड़ सके।
जी हां हम बात कर रहे हैं "हाड़ी रानी के कुंड" की जो राजस्थान के टोंक जिले के टोडारायसिंह में स्थित है।
पहेली फिल्म की शूटिंग के बाद इस जगह के पर्यटन को थोड़ा बढ़ावा मिला और प्रशासन भी इस जगह को सभी पर्यटकों के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए काम कर रहा है। एक विशाल कुंड (बावड़ी) है जिसके तीन तरफ बहुत सी सुंदर सीढ़ियाँ हैं और चौथी तरफ कुछ आश्चर्यजनक रूप से सुंदर तिबारे हैं।
जो कुछ शाही तस्वीरें लेने के लिए एकदम सही हैं। साथ ही तीनों तरफ इन अनोखी सीढ़ियों के साथ आप कई शानदार रील बना सकते हैं और कुछ खूबसूरत तस्वीरें भी ले सकते हैं।
हाड़ी रानी का इतिहास:
इस जगह के बारे में जानने से पहले आपको हाड़ी रानी के अद्भुत इतिहास के बारे में थोड़ी जानकारी देते हैं। हाड़ी रानी राजस्थान के बूंदी के हाडा शासक की बेटी थी और उनका विवाह उदयपुर के सलूम्बर के सरदार राव रतन सिंह चूडावत से हुए करीब 7 दिन ही हुए थे की महाराणा राज सिंह ने राव रतन सिंह को औरंगजेब की सहायता के लिए दिल्ली से आ रही एक अतिरिक्त सेना को रोकने के लिए निर्देश दिया। अब क्यूंकि रतन सिंह की शादी को सिर्फ 7 दिन ही हुए थे और इतने कम समय में अपनी पत्नी से दूर चले जाने का भय उनके मन में इतना आ गया की युद्ध पर जाते हुए भी उन्होंने एक सन्देश वाहक से अपनी पत्नी के लिए एक सन्देश भिजवा दिया जिसमे उन्हें कभी न भूलने जैसा सन्देश लिखा था और साथ में कोई निशानी वापस भेजने को कहा जिससे राव रतन सिंह हाड़ी रानी को याद कर सकें।
हाड़ी रानी ने जब पत्र पढ़ा तो वो विचलित हो उठी और सोचा की अगर रतन सिंह ऐसे ही उनके मोह में उलझे रहेंगे तो युद्ध कैसे लड़ेंगे और राष्ट्र की रक्षा कैसे करेंगे। फिर क्या था हाड़ी रानी ने एक सन्देश लिखा और उसे संदेशवाहक को सौंपकर कहा की मेरी इस निशानी को थाल में सजाकर मेरे वीर पति के पास पहुंचा देना और बस ये कहकर हाड़ी रानी ने तलवार से एक ही झटके में अपना सिर धड़ से अलग कर दिया।
जब सन्देश वाहक हाड़ी सरदार तक पहुंचा तो अपनी प्रिय का कटा सिर देखकर रतन सिंह की आँखे फटी रह गयीं। और अपनी पत्नी के बलिदान के बाद वह शत्रुओं पर अद्भुत शौर्य के साथ टूट पड़ा और औरंगजेब की सहायक सेना आगे नहीं बढ़ पायी। इस जीत का श्रेय केवल रतन सिंह की वीरता को ही नहीं बल्कि हाड़ी रानी के उस अद्भुत और इतिहास के पन्नो में दर्ज सबसे बड़े बलिदान को भी जाता है।
साथ ही आपको बता दें कि इस अद्भुत बावड़ी के चारों ओर एक विशाल और हरा-भरा बगीचा है। इस बावड़ी के साथ कुछ खूबसूरत फोटोशूट के बाद, आप इस बगीचे के अंदर शांतिपूर्ण समय बिता सकते हैं।
अभी तक इस जगह के लिए कोई प्रवेश टिकट नहीं है और यह टोडारायसिंह शहर के बहुत करीब है।
यदि आप इस स्थान के बारे में और इस तरह के कई अन्य स्थानों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं तो दिए गए लिंक से आप हमारे Youtube चैनल WE and IHANA पर जा सकते हैं। आप हमारे गैटोर कि छतरियों के व्लॉग को भी देख सकते हैं।
Youtube Channel Link:
https://youtube.com/c/WEandIHANA
"हाड़ी रानी का कुंड" कैसे पहुंचे?
यदि आप सड़क मार्ग से इस स्थान तक पहुँचना चाहते हैं तो आप राजस्थान में कहीं से भी टोंक शहर के लिए बस ले सकते हैं तो आप टोडारायसिंह पहुँच सकते हैं जो टोंक से लगभग 50 किलोमीटर दूर है। हवाई मार्ग के लिए और यहां तक कि रेलवे मार्ग के लिए भी आप पहले जयपुर पहुंच सकते हैं और फिर बस या टैक्सी से आप टोडारायसिंह पहुंच सकते हैं जो जयपुर से लगभग 150 किलोमीटर दूर है।
क्या आपने जयपुर की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।
रोज़ाना टेलीग्राम पर यात्रा की प्रेरणा के लिए यहाँ क्लिक करें।