एक ऐसा पर्यटन स्थल जहा आपको हिन्दू , बौद्ध और जैन धर्म से सम्बंधित ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल देखने को मिलेंगे , इस पोस्ट में हम आपको सारनाथ स्थित समस्त पर्यटन स्थलों की जानकारी देंगे , अच्छा आपको बता दे की सारनाथ बौद्ध धर्म के लिए अत्यंत पवित्र जगह है बुद्ध धर्म में लुम्बिनी , कुशीनगर , बोधगया और सारनाथ बहुत ही पवित्र स्थल है और यह उत्तर प्रदेश में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से लगभग 10 -11 किलोमीटर की दूरी पर है |
Best Places to visit in Sarnath
देखिये आप जब भी कभी वाराणसी घूमने आये तो मेरी मानिये कम से कम एक दिन का समय सारनाथ के लिए जरूर निकाले क्यूंकि यह एक अलग सी जगह है और मन को सकूं देने वाला स्थल है यहाँ आपको चारो तरफ शांति मिलेगी अच्छा अभी हमने आपको ये नहीं बताया की यह बौद्ध धर्म के लिए इतनी खास क्यों है तो सुनिए साहब इस स्थान का सम्बन्ध धर्म चक्र प्रवर्तन से है मतलब की गौतम बुद्ध जी ने अपने जीवन का पहला उपदेश सारनाथ में ही दिया था इसके अलावा अगर हम जैन धर्म की बात करे तो तो पावन स्थल जैन धर्म के तीर्थकर श्री श्रेयांसनाथ की जन्म स्थली है |
अब इस स्थल के इतिहास पे भी एक नजर डाल ली जाय सारनाथ जो शब्द है उसका मतलब मृगो के नाथ है जो की गौतम बुद्ध जी है सारनाथ में बौद्ध धर्म की शुरुआत सम्राट अशोक के काल से हुई थी सम्राट अशोक और उनके उत्तराधिकारियों ने यहाँ कई स्तूप एवं अन्य इमारते बनवाई थी , 10वी शताब्दी की तरफ यहाँ कई विदेशी आक्रमण भी हुए थे वर्तमान में आपको सारनाथ में मंदिर देखने को मिलेंगे इसके अलावा स्तूप , मठ , संग्रहालय , पार्क भी देखने को मिलेंगे चलिए अब शुरू करते है सारनाथ में घूमने की सम्पूर्ण जानकारी को |
सारनाथ कैसे पहुचे
उत्तर प्रदेश में वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर को दूरी पर स्थित है यह क्षेत्र तो आप वाराणसी पहुँच के बड़ी आसानी से यहाँ तक पहुँच सकते है अगर आप हवाई मार्ग से वाराणसी तक आये है तो आप वाराणसी के एअरपोर्ट से कैब बुक करे या ऑटो बुक करे और आ जाय सारनाथ लगभग 25 किलोमीटर होगा |यदि आप रेलवे मार्ग से वाराणसी रेलवे स्टेशन तक पहुँच गए है तो वहा से अप ऑटो बुक करे या कैब और 9-10 किलोमीटर चलकर आपको सारनाथ मिल जायेगा |इसी प्रकार सड़क मार्ग से भी यहाँ आना आसान है बाकि सुविधा जिसे हो उसी तरीके से अप सारनाथ पहुचिये |
सारनाथ में कहा रुके
देखिये रुकने के लिए आप वाराणसी के किसी भी होटल या धर्मशाला में रुकिए और सुबह सुबह सारनाथ के लिए वाराणसी से निकालिए दिन भर सारनाथ रहिये शाम को फिर वाराणसी आ जाइये तो रुकने की आपको सारनाथ में आवश्कता ही नहीं पड़ेगी क्योंकि यह स्थान वाराणसी से अत्यंत समीप है तो आप वाराणसी रुक सकते है |
Sarnath me Ghumne Ki Jagah
अब हम आपको एक एक करके सारनाथ के उन सभी पर्यटन स्थलों की एक लिस्ट देंगे जहा आपको जरूर जाना चाहिए सारनाथ घूमने के लिए जो जो पर्यटन स्थल महत्वपूर्ण है उन सभी को मैंने यहाँ शामिल किया हुआ है -
तिब्बती मन्दिर
यह मंदिर आप अवश्य देखे इसमें बुद्ध जी की एक प्रतिमा है और यह मंदिर अत्यंत सुन्दर दिखाई देता है इस मंदिर की शिल्पकला अद्भुत है मंदिर के बाहर आपको प्रार्थना पहिये दिखाई देते है जिन्हें घडी की दिशा में घुमाया जाता है |
चौखंडी स्तूप
यह स्तूप बौद्ध धर्म के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है कहा यह भी जाता है की इस स्तूप का निर्माण ठीक उसी जगह पर कराया गया है जहाँ गौतम बुद्ध अपने पांच तपस्वियों से मिले थे यह स्थल अपने आप में एक सकारात्मक उर्जा को लिए हुए है इसके आसपास अत्यंत पर्यटन स्थल है जो आपको आगे बताऊंगा फिलहाल आप जान ले चौखंडी स्तूप के पास आपको मूलगंध कुटी मंदिर , धर्मराजिका स्तूप , अशोक स्तम्भ , धर्मचक्र स्तूप और धमेख स्तूप है |
धमेख स्तूप
इस स्तूप को धर्मचक्र स्तूप भी कहते है यह एक गोलाकार स्तूप है यह भी एक बौद्ध धार्मिक स्थल ही है धमेख स्तूप डिअर पार्क में स्थित है यह स्टूप ईंट और मिटटी से बना हुआ है इस स्तूप पर मानव और पक्षियों के चित्र बने हुए है , धमेक स्तूप लगभग 143 फूट ऊँचा है इस स्तूप में न कोई दरवाजा है न खिड़की |
अशोक स्तम्भ
अशोक स्तम्भ को सम्राट अशोक ने बनवाया था इस स्तम्भ में चार शेर बने हुए है जो एक दुसरे से पीठ सटाकर बैठे हुए है , स्तम्भ के निचले भाग में अशोक चक्र भी बना हुआ है इस स्तम्भ को एक आक्रमण में तोड़ दिया गया था आपको अशोक स्तम्भ के अवशेष संग्रहालय में देखने को मिल जायेंगे |
पुरातत्व संग्रहालय
आप कभी भी सारनाथ आये तो इस संग्रहालय को जरूर देखिएगा हालाँकि यह बहुत बड़ा तो नहीं है लेकिन स्पेशल जरूर है लेकिन इसकी टाइमिंग का ध्यान रखियेगा यह सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक ही खुला रहता है |
मूलगंध कुटी विहार
इस मंदिर के अन्दर की शिल्पकला देखने योग्य है उत्कृष्ट है कहा जाता है की इस मंदिर में भगवान् बुद्ध ने अपनी पहली वर्षा ऋतु देखि थी , महाबोधि सोसाईटी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था , मूलगंध कुटी के प्रवेश द्वार पर आपको एक बड़ी सी घंटी दिखाई देगी जो की ताम्बे की है , आपको मुख्य भवन तक जाने के लिए सीढियों का इस्तेमाल करना पड़ेगा |
धर्मराजिका स्तूप
कहा जाता है की शुरू में इस स्तम्भ का व्यास लगभग 44 फुट का था लेकिन बाद में इसमें कई परिवर्तन हुए है इसे भी सम्राट अशोक ने बनवाया था आप इस स्थल पर भी अवश्य आए |
यह भी पढ़े - Jagannath Puri History in Hindi - जगन्नाथ मन्दिर किसने बनवाया इसका इतिहास
डियर पार्क
दोस्तों यह वही स्थल है जहाँ पर भगवान् बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था यह पार्क एक अति विशाल पार्क है जिसमे हिरन बड़ी ही आसानी से देखे जा सकते है यह स्थल अत्यधिक शांत है यह खासकर उन लोगो को बहुत पसंद आएगा जिनको शांत वातावरण पसंद है |
थाई मन्दिर
चारो तरफ हरे भरे बगीचे बेजोड़ शिल्पकला का उत्कृष्ट उदहारण है सुन्दर थाई मंदिर इस मंदिर को थाई समुदाय ने करवाया था इस मंदिर में आपको थाईलैंड की एक झलक जरूर दिखाई देगी |
सारंगनाथ मन्दिर
भोलेबाबा को समर्पित सारंगनाथ अन्दिर में एक ही अर्घ में दो शिवलिंग है इस मंदिर के बिलकुल समीप में ही एक बड़ा सा सारंगनाथ कुण्ड भी है |
खानपान और खरीददारी
देखिये सारनाथ में आपपको बहुतायत मात्रा में होटल और खाने पीने के ठिये नहीं मिलेंगे लेकिन फिर भी आप यहाँ के शांत वातावरण में बैठकर शुद्ध शाकाहारी भोजन कर सकते है इसके आलावा यहाँ आपको तिब्बती भोजन , चाइनीज भोजन का भी लुत्फ़ उठा सकते है |अब रही शॉपिंग की बात तो आपको सारनाथ में गौतम बुद्ध जी की सुन्दर मुर्तिया भगवान् बुद्ध की मालाये , झंडे , प्रार्थना के पहिये आप ले सकते है इसके आलावा सारनाथ में साड़ियाँ भी आप खरीद सकते हो क्यूंकि यहाँ साड़ियो के कारखाने है |
किस मौसम में जाए सारनाथ
देखिये सारनाथ उत्तर प्रदेश में है और एक ऐसी जगह है जहा आपको पूरा दिन लग सकता है तो मेरी मानिए उत्तर प्रदेश के मौसम को देखते हुए यहाँ जाने का सबसे उपयुक्त समय जाड़ो का है आप सारनाथ नवम्बर से लेकर मार्च तक जाए तो बेहतर रहेगा |
सारनाथ के प्रमुख त्यौहार
आपने ऊपर Places to visit in Sarnath की जानकरी ली अब हालिय आपको कुह प्रसिद्ध त्योहारों को भी बता दे जो सारनाथ के लिए खास है -
बुद्ध पूर्णिमा
सारनाथ मुख्या रूप से गौतम बुद्ध के लिए जाना जाता है इसलिए बुद्ध पूर्णिमा का यहाँ विशेष महत्त्व है निसंदेह बुद्ध पूर्णिमा गौतम बुद्ध के लिए एक विशेष दिन है क्यूंकि इसी दिन इनका जन्म हुआ था इसके आलावा बुद्ध पुरनिया के ही दिन भगवान् बुद्ध को आत्मज्ञान हुआ है और इसी दिन ही इनको मोक्ष भी मिला था तो इसलिए सारनाथ में बुद्ध पूर्णिमा का अपना एक अलग महत्त्व है |
निष्कर्ष
सारनाथ एक ऐसा पर्यटन स्थल है जहाँ आपको विदेशी दिखाई देंगे इसके आलावा यहाँ के कई मंदिर भी विदेशी कलाकृति से बने है जैसे थाई मंदिर , तिब्बती मंदिर आदि , Places to visit in Sarnath की इस पोस्ट में हमने आपको सर्न्तः के बारे में इतनी जानकारी दे दी है की आप बड़े आराम से यहाँ के समस्त महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल देख लेंगे |
कैसा लगा आपको यह आर्टिकल, हमें कमेंट बॉक्स में बताएँ।
अपनी यात्राओं के अनुभव को Tripoto मुसाफिरों के साथ बाँटने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती के सफ़रनामे पढ़ने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।