सगुना बाग: सिर्फ 3000 रुपए में वीकेंड पर मुंबई के पास जन्नत जगह की करें सैर

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Photo of सगुना बाग: सिर्फ 3000 रुपए में वीकेंड पर मुंबई के पास जन्नत जगह की करें सैर by रोशन सास्तिक

शहर एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमारी सारी सुख-सुविधाओं को पूरा करने की खातिर जरूरी पैसों का इंतजाम तो कर देता हैं। लेकिन शहर का एक साइड इफ़ेक्ट यह है कि यहां पर आदमी पैसा कमाने के चक्कर में अपना सुकून खो देता है। और फिर इसी सुकून की तलाश में शहर से दूर अपने गांव-देहात की ओर देखने लगता है। जिसे भी सिर्फ देखकर ही काम चलाना होता है क्योंकि शहर में रहने वाला आदमी हर हर दूसरे वीकेंड तो अपने गांव जा नहीं सकता। शहरी लोगों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इन दिनों ऐसे कृतिम गांव अस्तित्व में आ रहे हैं, जहां ठहर कर शहर से कमाया सारा स्ट्रेस खर्च किया जा सकता है।

मुंबई शहर में रहने वाले वो लोग जो वीकेंड्स के नाम पर क्लब के चक्कर लगा-लगाकर थक गए हैं। साथ ही वो लोग भी जो एडवेंचर के नाम पर बार-बार वाटर पार्क में उछल-उछलकर ऊब गए है। इस बार अपने वीकेंड को स्पेशल बनाने के लिए सगुना बाग की सैर करने का सही फैसला ले सकते हैं। जी हां, मुंबई शहर से महज 70-80 किमी की दूरी पर स्थिर नेरल इलाके में उल्हास नदी के किनारे बसा सगुना बाग शहर से सटा एक ऐसा मैन मेड गांव है जिसे ग्रामीण-जीवन का अनुभव लेने के उद्देश्य से ही बनाया गया है। इस जगह को कुछ इस तरह रचाया-बसाया गया है कि यहां आकर आपको लगेगा जैसे आप अपने गांव पहुंच गए हैं।

सगुना बाग करीब 50 एकड़ जंगली इलाके में बसाया गया एक ऐसा गांव है जो इन दिनों शहर में रहने वाले लोगों के सबसे पसंदीदा फैमिली पिकनिक स्पॉट के रूप में बड़ी तेजी के साथ उभरा है। वनडे पिकनिक के साथ ही यहां रात में ठहरने की भी सारी सुविधाएं उपलब्ध है। आप सगुना बाग में एक पूरा दिन ठहरकर ग्रामीण जनजीवन को बेहद करीब से देखने और जीने का लुत्फ उठाना सकते हैं। अगर आपका दिल इतने भर में नहीं मानता है तो फिर जंगल में बसे इस गांव में टिमटिमाते तारों से भरे आसमान के नीचे अपने लोगों का गोल घेरा बना बीच में अलाव जलाकर रात बिताने को भी एन्जॉय किया जा सकता है।

यहां पर आने के बाद ठहरने के लिए आपके पास चुनने को ढेर सारे विकल्प मौजूद होते हैं। आप अपनी सुविधा और जेब के अनुसार मड हाउस, कॉटेज हाउस रॉ हाउस, क्लासिक पॉन्ड हाउस, प्रीमियम पॉन्ड हाउस और डोरमेट्री में से किसी एक को चुन सकते हैं। अगर आप अपने दोस्तों के बड़े ग्रुप के साथ या 10-12 लोगों की फैमिली के साथ यहां आ रहे हैं, तो डोरमेट्री हाउस आपके लिए सबसे सहूलियत भरा और किफायती ऑप्शन होगा। यहां ठहरने के लिए आपको डे-पैकेज के प्रति व्यक्ति 1850 रुपए खर्च करने होंगे। और यदि आप रात में ठहरने का प्लान भी बना रहे हैं, तो फिर आपको प्रति व्यक्ति 2250 रुपए देने होंगे। इस पैकेज में सुबह और शाम में चाय-नाश्ता, दोपहर और रात का खाना शामिल होगा।

ठहरने के लिहाज के अन्य दूसरे विकल्प थोड़े ज्यादा खर्चीले हैं। अगर हम बात करें पूरी तरह मिट्टी से बने मड हाउस की तो यहां पर ठहरने के लिए आपको प्रति 2500 से 3750 रुपए तक खर्च करने होते हैं। कॉटेज और रॉ हाउस में ठहरने के लिए प्रति व्यक्ति आपको 2300 से 3250 रुपए देने होते हैं। वहीं क्लासिक पॉन्ड हाउस वाले पैकेज के लिए प्रति व्यक्ति 3500 और प्रीमियम पॉन्ड हाउस वाले पैकेज के लिए प्रति व्यक्ति 4750 रुपए तक अदा करने होते हैं। इन सारे पैकेज में ठहरने के साथ ही खाने-पीने का हिसाब भी शामिल होता है। ठहरने के इन स्थायी विकल्पों के साथ ही यहां कैम्पिंग का ओपस भी उपलब्ध कराया जाता है। जिसके लिए आपको 1500 से 2000 रुपए खर्च करने होते हैं।

सगुना बाग में आने के बाद यहां के हरे-भरे मौसम में अपने सफर की सारी थकान को मिटाने के बाद आप करीब 20 से भी ज्यादा एक्टिविटी के जरिए खुशियों का आसमान छू सकते हैं। माथेरान पहाड़ के आंगन से होकर बहती उल्हास नदी में उतरकर तैराकी की जा सकती है। तैरना नहीं आता हो तो फिर कयाकिंग और बोटिंग का भी विकल्प मौजूद है। बाकी अगर एकदम गांव वाला माहौल बनाना है तो फिर पानी में भैंस पर बैठने का अनूठा अनुभव लिया जा सकता है। इसके बाद आप चाहे तो बैलगाड़ी में बैठकर सगुना बाग के भ्रमण पर निकल जाइए और फिर खेतों में लहराती फसल का मुआयना करने के बाद मन बदल जाए तो गाय का दूध दूहने बैठ जाइए।

इतना सब से भी मन ना भरने पर आप पकड़िए एक घोड़ा और उसपर बैठकर दोबारा उल्हास नदी की ओर निकल जाइए। बारिश के मौसम में आपको नदी के सामने खड़े पहाड़ से नीचे गिरते झरने देखने को मिल जाएंगे। और अगर मौसम बारिश का न हो तो भी कोई गम नहीं। आप बहती नदी के मछली पकड़कर अपना मन बहला सकते हैं। मन को आनंदित करने के लिए निशानेबाजी में भी हाथ आजमाया जा सकता है। फिर कुछ देर के लिए गो कार्टिंग का रोमांच भी अपने हिस्से बटोरा जा सकता है। रोमांच का स्तर और बढ़ाने के लिए आप रस्सियों की मदद से दीवार पर चढ़ने और फ्लाइंग फॉक्स जीपलाइन जैसी एडवेंचरस एक्टिविटी में भी अपने हाथ आजमा सकते हैं।

अगर आप उछलकूद की बजाय किसी जगह को एक दम शांति से एक्सप्लोर करने वाली प्रवृत्ति के है, तो फिर आपके लिए भी सगुना बाग में बहुत कुछ देखने को मौजूद है। आप यहां बनाए गए बगीचों में टहलकर ढेर सारे खूबसूरत रंगबिरंगे फूलों को देख सकते हैं। जब आपकी आंखें फूलों की रंगत देखकर थक जाए, तब आप पंछियों की मीठी कलरव सुनने के लिए भी सगुना बाग में बनाए गए जलाशयों के पास जा सकते हैं। बाग में आपको करीब 60 से 70 प्रकार के पंछियों की प्रजाति देखने और उनकी मधुर आवाज सुनने को मिल जाएगी। इतना ही नहीं तो यहां एक अलग-अलग प्रकार की मधुमक्खी कॉलोनी भी बनाई गई है। जहां आप बेहद करीब से फूल के रस से लेकर मध बनने तक की प्रक्रिया को बेहद करीब आए देख और समझ सकते हैं। देखने का जिक्र छिड़ा है तो फिर सगुना बाग में आप महाराष्ट्र की प्राचीन कला मल्लखंभ देखने का भी आनंद उठा सकते हैं।

दिनभर की इतनी सारी एक्टिविटी से थकने के बाद आपके पैरों को आराम देने के लिए आप अपने पैरों की मालिश भी करवा सकते हैं। हर एक्टिविटी की ही तरह यहां भी आपको इस सर्विस के बदले कुछ पैसे खर्च करने होते हैं। दिन ढलते वक्त एक बेहद शानदार सुर्यास्त के साथ दिन को अलविदा कहने के बाद आप कैम्प फायर के लिए इक्क्ठा हो सकते हैं। जहां जमा होकर एक दूसरे के साथ अपने दिनभर का अनुभव साझा कर खुशियों को दोगुना करने का काम किया जा सकता है। अगर मौसम साफ हुआ तो आप दूर आसमान में टिमटिमाते तारों को दूरबीन की मदद से बेहद करीब से देखने का सौभाग्य भी हासिल कर सकते हैं। इतना सब कुछ एक दिन में करने के बाद लगी जोरों की भुख को यहां मिलने वाले स्वादिष्ट खाने के जरिए मिटाकर एक सुकून भरी नींद का स्वाद आप सबके हिस्से आएगा।

मुंबई से माथेरान हिल स्टेशन आने वालों के लिए नेरल स्टेशन कोई अनजानी जगह नहीं है। सगुना बाग आने के लिए भी आपको मुंबई से सेंट्रल लाइन की लोकल ट्रेन पकड़कर नेरल स्टेशन पहुंच जाना है। अब अगर आप सीएसएमटी से लोकल ट्रेन पकड़ रहे हैं तो फिर आपको नेरल स्टेशन तक पहुंचने में करीब 2 घंटे का वक्त लगता है। नेरल रेलवे स्टेशन से प्राइवेट ऑटो कर आप 10 से 15 मिनट में 5 किमी का फासला तय कर आराम से सगुना बाग पहुंच जाएंगे। अगर आप पुणे से आ रहे हैं, तो फिर आप किसी एक्सप्रेस गाड़ी से पहले कर्जत स्टेशन उतर जाएंगे। इसके बाद सीएसएमटी जाने वाली लोकल ट्रेन पकड़कर आप 10 मिनट में नेरल स्टेशन पहुंच जाएंगे। इसके अलावा आप अपने निजी वाहन के जरिए भी खूबसूरत नजारे इंजॉय करते हुए आसानी से पहुंच सकते हैं।

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