दोस्तों, वैसे तो आप सभी ने भगवान शिव की नगरी हरिद्वार और पावन धाम ऋषिकेश के बारे में तमाम ब्लाग पढे़ होंगे। लेकिन इस बार मैं इन दोनों ही अद्भुत शहरों की बारीकियों के साथ कम से कम खर्च में उम्दा यात्रा विवरण देने की कोशिश करूंगा । निश्चित तौर पर आप सभी को यह ब्लाग यात्रा में बेहद मददगार साबित होगा। चलिए निकलते हैं मां गंगा के शांत और निर्मल स्वरूप के दर्शन को।
1978 में फिल्म गंगा की सौगंध का एक खूबसूरत अल्फाजों का गाना है, मानो तो मैं गंगा मां हूं। यह गाना हरिद्वार जैसे धार्मिक और सांप्रदायिक महत्व वाले शहर की कहानी गढ़ता है। मैं आपकी यात्रा की शुरूआत दिल्ली से करता हूं।इन शहरों को जाने के लिए पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन (DLI) से कई सीधी ट्रेनें हैं जो कि महज दो सौ रूपए में स्लीपर क्लास रिजर्वेशन में हरिद्वार छोड़ती हैं। बेहतर होगा कि आप ऐसी ट्रेन का चुनाव करें जो रात भर सफर के बाद अल सुबह हरिद्वार पहुंचा दे। जहां सुबह गंगा स्नान करें। इसके बाद हर की पैड़ी की बाजार में मिट्टी की चुककड़ वाली दस रूपए और पांच रूपए का बिस्किट पैकेट लेकर गंगा लहरों को देखते हुए चाय की चुस्कियों आनंद लें। इसके बाद मनसा देवी मंदिर की यात्रा कर सकते हैं। शेयरिंग टैक्सी से महज सौ रूपए में हरिद्वार के लगभग सभी प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर सकते हैं। शाम को हर की पैड़ी में होने वाली गंगा आरती में सम्मलित हो सकते हैं। अब आप रेलवे स्टेशन के सामने गलियों में बेहतर होटलों व गेस्ट हाउसों में महज तीन से छह सौ रूपए में लक्जरी कमरों में रात बिता सकते हैं। ध्यान रखें कमरे मेन रोड से कुछ दूर, सुरक्षित स्थान पर हों। इस दर पर कई आश्रम भी कमरे उपलब्ध कराते हैं। ध्यान रहे कमरों की तलाश खुद व पैदल करें तो बेहतर होगा, साथ ही कई कमरे देखने-समझने के बाद विकल्प चुने।
सुबह आप कमरें में स्नान के बाद गलियों में बनी नुक्कड़ चाय, नाश्ते की दुकानों गुजारती, उत्तराखंडी, पंजाबी नाश्ते को चख सकते हैं। जो कि महज पचास रूपए में आपके पेट को दोपहर तक दुरूस्त रखेगा। इसके बाद पैदल ही गंगा पार कर बाईपास से ऋषिकेश के लिए शेयरिंग टैक्सी कर लीजिए। वहां पहुंचने पर निर्मल शांत गंगा जी के तट पर कुछ समय बिताइए। लक्ष्मण झूला, नीलकंठ महादेव, राजा जी नेशनल पार्क आदि स्थानों में सैर करें। रात में रूकने के लिए विश्व प्रसिद्ध परमार्थ आश्रम में आप बुकिंग करा सकते हैं।जहां प्रकृति और प्रभु के संगम का आभास होता है। यह आश्रम तीन तरफ पहाड़ों से घिरा और एक तरफ पतित पावन मां गंगा कल कल बहती हैं। यहां होने वाले योग शिविर, संध्या आरती आदि में सम्मलित हो सकते हैं। इसके अलावा भी हरिद्वार वाले फार्मूले की तरह यहां भी कमरे तलाश सकते हैं।
सुबह उठकर एडवेंचर आदि का भी लुत्फ उठा सकते हैं। हलांकि होटलों की तरह यहां भी आपको बार्गेनिंग करनी खूब आनी चाहिए। साथ ही दोपहर बाद हरिद्वार पहुँच कर दिल्ली रवाना हो सकते हैं ॥
कुल खर्च प्रति व्यक्ति
ट्रेन - 400
टैक्सी - 200
होटल रूम - 1200 (दो रात)
खाना - 400
नाश्ता - 200
अन्य खर्च - 400
कुल - 3000
यात्रा दौरान ध्यान देने वाली बातें...
1. बार्गेनिंग अवश्य करें।
2. संभव हो तो शेयरिंग टैक्सी पकड़ें।
3. जानकारी कर कम दूरी पैदल चलें।
4. गंगा किनारे सामर्थ्य तक ही दान करें।
5. मुख्य रोड से हटकर खाने व रहने के होटल विकल्प चुनें।
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