नॉर्थ ईस्ट को भारत का सबसे खूबसूरत खजाना कहा जा सकता है। यहाँ की अनछुई खूबसूरती और सुस्त जिंदगी देखने का सुख शायद ही आपकी देश के किसी अन्य हिस्से में देखने मिलेगा। केवल यही नहीं पूर्वोत्तर राज्यों के लोग भी उतने ही शानदार हैं जितना यहाँ का लैंडस्केप। नॉर्थ ईस्ट के हर घर में आपका स्वागत खुले दिल से किया जाएगा। इन सभी कारणों के बावजूद इन राज्यों में पर्यटन उतना नहीं है। लेकिन इसके पीछे क्या वजह है? पूर्वोत्तर राज्यों में दाखिल होने के लिए शुरू से ही सख्त कायदों का पालन करना पड़ता रहा है। जिसकी वजह से भारतीय पर्यटकों में नॉर्थ ईस्ट जाने की रुचि कम दिखाई देती है। लेकिन अब जब इन कानूनों में ढील कर दी गई है तो भारतीय पर्यटकों को भी नॉर्थ ईस्ट घूमने जाने का प्लान बनाना चाहिए।
अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर के उन राज्यों में से हैं जहाँ पर्यटक तो खूब आते हैं लेकिन वो सभी विदेशी ज्यादा होते हैं। लेकिन अब धीरे-धीरे भारतीय पर्यटक भी नॉर्थ ईस्ट के इस नगीने को देखने जाने का प्लान बनाने लगे हैं। बैगपैकर और एडवेंचर प्रेमियों के लिए अरुणाचल जैसे किसी खजाने जैसा है। यहाँ 10,000 फीट की ऊँचाई पर बना तवांग मठ है जो हर घुमक्कड़ का दिल जीत लेता है। क्योंकि ये मठ इतनी ऊँचाई पर बना हुआ है इसलिए यहाँ से तवांग घाटी और भारत-भूटान सीमा का नजारा भी दिखाई देता है। इस मठ में आप फेमस तिब्बती पेंटिंग थांगका देख सकते हैं। यदि आप अरुणाचल में मनाए जाने वाले त्योहारों को देखना चाहते हैं तो आपको जनवरी से अक्टूबर के बीच आना चाहिए। जनवरी का टोर्ज्ञा फेस्टिवल, मार्च का म्योको फेस्टिवल, जुलाई का ड्री फेस्टिवल, सितंबर का ज़ीरो म्यूजिक फेस्टिवल और अक्टूबर में मनाया जाने वाला मशहूर तवांग फेस्टिवल देखने का प्लान बनाना चाहिए। अरुणाचल में आप भारत के कुछ मशहूर आदिवासी समुदाय जैसे अपतानी और गालो के लोगों से भी मिल सकते हैं।
असम पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा राज्य है जहाँ सबसे आसानी से पहुंचा जा सकता है। असम की पहचान यहाँ मिलने वाली बढ़िया क्वालिटी की चाय से होती है जो केवल भारत ही नहीं पूरे विश्व में मशहूर है। असम की राजधानी गुवाहाटी में आपको किसी भी बड़े शहर जितनी सुविधाएँ आराम से मिल जाएंगी। किसी भी नॉर्थ ईस्ट राज्य में दाखिल होने के लिए सबसे सटीक रास्ता गुवाहाटी से होकर गुजरता है। ज्यादातर लोग असम में अंदरुनी हिस्सों में जाने से पहले एक दो दिन गुवाहाटी में रुकना पसन्द करते हैं। असम में आप चाय के बागानों के अलावा काजीरंगा नेशनल पार्क देख सकते हैं। जो एक सिंह वाले रहिनो का घर है। किसी की भी असम यात्रा माजुली द्वीप देखे बिना अधूरी रह जाएगी। विश्व के सबसे बड़े नदी द्वीप होने का खिताब वाला ये द्वीप आपको खुश कर देगा। कुल मिलाकर असम में आपको वो सबकुछ मिलेगा जो एक सफल यात्रा के लिए जरूरी होता है।
कुछ समय पहले तक मेघालय भी असम का हिस्सा हुआ करता था। बादलों की नगरी कहे जाने वाले इस राज्य में आकर आपका दिल नाच उठेगा। मेघालय को धरती की सबसे ज्यादा वर्षा देखने वाली जगह होने का गौरव मिला हुआ है। मेघालय के चेरापूंजी और मासिनराम की झमाझम बरसात मैदानी इलाकों से आने वाले लोगों को खूब पसंद आती है। राजधानी शिलांग की लोकप्रियता कोलोनियल समय से चली आ रही है। गोल्फ कोर्स, पोलो ग्राउंड और बड़े विक्टोरियाई बंगले इस हिल स्टेशन को आज भी देखने लायक बनाते हैं। यदि आप सोच रहे हैं बारिश के अलावा मेघालय किन कारणों से फेमस है तो बता दें मेघालय के लिविंग रूट ब्रिज की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। भारत में सबसे अधिक गुफाएँ भी मेघालय में पाई जाती हैं। लाजवाब झरने और दूर तक बिखरी हरियाली वाले इस राज्य को खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए कम होगी। मेघालय में ट्रेकिंग करने के लिए भी कई विकल्प मौजूद हैं। यदि आपको रोमांच पसंद है तो मेघालय आपको निराश नहीं करेगा।
नागालैंड पूर्वोत्तर भारत का सबसे अनोखा राज्य है। जो खास अपने आदिवासी समुदाय के लिए जाना जाता है। म्यांमार की सीमा से लगा हुआ ये राज्य अन्य राज्यों की तुलना में पर्यटन के क्षेत्र में नया है। एक समय था जब नागालैंड के स्थानीय और आदिवासी समाज के लोगों को पर्यटकों से मिलने में हिचक महसूस होती थी। लेकिन आज आप नागालैंड के किसी भी क्षेत्र में चले जाइए, आपका जोरदार स्वागत किया जाएगा। आदिवासी समय के अलावा नागालैंड अपने भव्य और रोचक फेस्टिवल्स के लिए जाना जाता है। नागालैंड ने होने वाला हॉर्नबिल फेस्टिवल विश्वभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। मोत्सु और आओलिंग फेस्टिवल भी नागालैंड ने बड़े नाम हैं। नागालैंड में ठहरने के लिए भी आपको कोई परेशानी नहीं आएगी। नागालैंड में ठहरने के लिए पर्यटकों के लिए लॉज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। नागालैंड में आपको बोर होने का एक मौका नहीं मिलेगा इसकी गारंटी हम आपको देते हैं।
नागालैंड के नजदीक स्थित मणिपुर को नॉर्थ ईस्ट का हीरा कहा जाता है। जो एकदम सही भी है। इस कम देखे जाने वाले राज्य की प्राकृतिक सुंदरता देखकर आप हैरान रह जाएंगे। विहिंगम घाटियाँ और मदहोश कर देने वाले नजारों से भरा मणिपुर हर घुमक्कड़ की बकेट लिस्ट में जरूर शामिल होना चाहिए। मणिपुर का राजधानी शहर इंफाल भी अपने पहाड़ और झीलों के लिए प्रसिद्द है। मणिपुर की लोकटक झील को विश्व की इकलौती तैरती हुई झील होने का गौरव हासिल है। क्योंकि मणिपुर में पर्यटन उतना नहीं है इसलिए अब राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। यदि आप किसी शांत जगह पर वेकेशन एन्जॉय करने के बारे में सोच रहे हैं तो मणिपुर आपके लिए बढ़िया जगह रहेगी। जनवरी और फरवरी में होने वाले लेमन फेस्टिवल और कंग चिंगबा फेस्टिवल भी आपकी ट्रिप को यादगार बना देंगे।
यकीन मानिए मिजोरम नॉर्थ ईस्ट का वो हसीन राज्य है जिसकी प्राकृतिक छटा देखते बनती है। मिजोरम का लैंडस्केप किसी सुंदर पेंटिंग जैसा है। मानो चित्रकार ने अपने सबसे मोहक रंगों को कैनवास पर उतारकर मिजोरम की रचना की है। बैंबू के घने जंगल, गहरी घाटियाँ, झमाझम बहती नदियाँ और धान के खेत मिजोरम को सबसे अलग बनाते हैं। यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें होटल के कमरे से बाहर निकलकर एक्सप्लोर करना पसंद है तो मिजोरम आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट जगह है। मिजोरम की सुंदरता हर किसी के दिल में घर कर जाती है। मिजोरम में त्योहार भी पूरे जोश और हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। जिनमें चपचर कुट सबसे फेमस है।
बांग्लादेशी सीमा के बेहद पास स्थित त्रिपुरा भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है। लेकिन इसके बावजूद त्रिपुरा में ऐसी बहुत सारी चीजें है जो देखने लायक हैं। त्रिपुरा के घने बांस के जंगल में ट्रेकिंग करने से लेकर उसी बैंबू से बने उत्पादों तक सभी चीजें त्रिपुरा को खास बनाती हैं। त्रिपुरा का हैंडलूम उद्योग भी राज्य को बाकी सभी से अलग बनाता है। राजधानी अगरतला का उज्ज्यंता पैलेस यूरोपीय के साथ मुगल वास्तुकला के मिश्रण का बेहतरीन नमूना है। त्रिपुरा में राजमहलों की कमी नहीं है। 1930 में बना नीरमहाल इस बात को सीधा परिचय देता है। झीलों में नौकायन करने से लेकर बौद्ध मठों और उनाकोटी तक हर जगह त्रिपुरा की अनोखी संस्कृति और परंपरा का बखान करती है।
सिक्किम को 1990 के समय से भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। सिक्किम का तिब्बती कल्चर पूरे भारत में फेमस है। चीन, नेपाल और भूटान जैसे देशों की सीमा से लगा हुआ ये भारतीय राज्य छोटा जरूर है लेकिन इसका छोटा क्षेत्रफल इसके संपन्न कल्चर की बढ़िया छवि प्रस्तुत करता है। सिक्किम की पर्वतीय खूबसूरती देखकर पर्यटकों का दिल गुलजार हो उठता है। सिक्किम को हिमालय के आखिरी शांग्रिलास में से गिना जाता है। जो इस जगह को और भी खास बना देता है। सिक्किम के ट्रेकिंग रूट्स, आकर्षक नजारों से सजी झीलें और हसीन लैंडस्केप इस राज्य को भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में शुमार करते हैं।
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