रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है।

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Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia
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कच्छ का रन या रन ऑफ कच्छ गुजरात के कच्छ शहर में उत्तर तथा पूर्व में फैला हुआ दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना रेगिस्तान है जो ‘रन ऑफ कच्छ’ के नाम से मशहूर है। अमिताभ बच्चन द्वारा कही गई लाइन “कच्छ नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा”…. एकदम सही प्रतीत होती है। गुजरात घूमने आए और आपने कच्छ नहीं देखा तो गुजरात की यात्रा व्यर्थ है। ऐसा इसलिए क्योंकि कच्छ संस्कृति, कला और परंपराओं का गण है। यहांँ आपको एक नहीं बल्कि कई तरह की कलाओं और समुदाय के लोगों से रूबरू होने का मौका मिलेगा। बात अगर रन ऑफ कच्छ की करें तो कच्छ का रण गुजरात राज्य में कच्छ जिले के उत्तर और पूर्व में फैला हुआ एक सफेद रेगिस्तान है।

Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia
Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय (19 फ़रवरी 1968) के अनुसार कच्छ के रन का 10 % भाग पाकिस्तान को मिला और शेेेष 90 % भाग भारत को मिला है। नाम "रण" हिन्दी शब्द से आता है (रण) अर्थ "रेगिस्तान" है। कच्छ के रन की पश्चिमी सीमा पाकिस्तान से मिलती है। 9 अप्रैल 1965 को पाकिस्तान ने अचानक आक्रमण करके इसके एक भाग पर कब्जा कर लिया। भारतीय सैनिकों ने अपना क्षेत्र वापस लेने के लिए कार्रवाई की तो युद्ध छिड़ गया। लेकिन ब्रिटेन के हस्तक्षेप से युद्ध विराम हुआ और मामला फैसले के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ले जाया गया। सिकंदर के समय यह एक नौगम्य झील था। रन ऑफ कच्छ दो हिस्सों में बंटा हुआ है। उत्तरी रन यानि ग्रेट रन ऑफ कच्छ 257 किमी के क्षेत्र में फैला है और पूर्वी रन जिसे लिटिल रन ऑफ कच्छ कहते हैं ग्रेट रन ऑफ कच्छ से छोटा है। ये लगभग 5178 वर्ग किमी में बसा है।

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Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia
Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia

कच्छ का इतिहास

इतिहास के अनुसार कादिर नाम का कच्छ का एक द्वीप हड़प्पा की खुदाई में मिला था। कच्छ पर पहले सिंध के राजपूतों का शासन हुआ करता था, लेकिन बाद में जडेजा राजपूत राजा खेंगरजी के समय भुज को कच्छ की राजधानी बना दिया गया। सन् 1741 में राजा लखपतजी कच्छ के राजा कहलाए। 1815 में अंग्रेजों ने डूंगर पहाड़ी पर कब्जा कर लिया और कच्छ को अंग्रेजी जिला घोषित कर दिया गया।

जानकारी

कच्छ का रण एक विशाल क्षेत्र है, जो थार रेगिस्तान का ही एक हिस्सा है। रन ऑफ कच्छ का अधिकांश भाग गुजरात में है, जबकि कुछ भाग पाकिस्तान में है। इस व्हाइट डेजर्ट की खास बात ये है कि मानसून के आते ही गर्मियों के बाद कच्छ की खाड़ी का पानी इस रेगिस्तान में आ जाता है, जो सफेद रण एक विशाल समुद्र की तरह दिखाई देता है। वाकई नमक के इस रेगिस्तान को देखना जितना अद्भुत है इसके बनने की कहानी और भी दिलचस्प है। जुलाई से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक कच्छ के महान रण का ये हिस्सा एक समुद्र जैसा प्रतीत होता है। यहां हर साल आयोजित होने वाले रन उत्सव दुनियाभर में मशहूर है। गर्मियों में यहां का तापमान 44-50 डिग्री तक बढ़ जाता है और सर्दियों में शून्य से नीचे तक चला जाता है।

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Photo of रन ऑफ कच्छ: दुनिया का सबसे बड़ा नमक से बना खूबसूरत रेगिस्तान जहाँ हर कोई जाने को बेताब रहता है। by Sachin walia
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कच्छ की खूबसूरती

यहांँ डेजर्ट सफारी से लेकर आप लोकगीत और लोकनृत्यों का आनंद ले सकते हैं। 38 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव को देखने के लिए देसी ही नहीं बल्कि विदेशी भी भारी संख्या में शामिल होते हैं। अगर आप भी रन ऑफ कच्छ की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो रन ऑफ कच्छ से संबंधित हमारा ये आर्टिकल आपके बहुत काम आएगा। इस आर्टिकल में हम आपको यात्रा कराएंगे कच्छ के रण की। वाकई इस खूबसूरत जगह को देखने का अनुभव हमेशा के लिए दिलों में बस जाता है। दुनिया के सबसे बड़े नमक रेगिस्तानों में से एक भारत के गुजरात राज्य में कच्छ का महान रण न केवल अपने प्राकृतिक वैभव के लिए जाना जाता है बल्कि यहां के स्थानीय लोगों द्वारा बनाया गया द रण उत्सव के लिए भी ये काफी पॉपुलर है। हर साल रण उत्सव 1 नवंबर से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलता है। इस उत्सव को चांदनी रात में कच्छ के रेगिस्तान में आयोजित किया जाता है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं। यहांँ आकर आप चांदनी रात और खुली हवा में कल्चरल प्रोग्राम का आनंद ले सकते हैं।

कब जाएं रन ऑफ कच्छ

रन ऑफ कच्छ की यात्रा करने का सही समय जनवरी में मक्रर संक्रांति के बाद है। इस समय यहां का मौसम बेहद सुहावना होता है और भीड़ भी कम मिलती है। कच्छ के सफेद रेगिस्तान की यात्रा के लिए पूर्णिमा की रात सबसे अच्छा समय है। रण ऑफ कच्छ दिसंबर के अंत से सूखना शुरू होता है, जिसके बाद ये पूरी तरह एक सफेद रेगिस्तान जैस दिखता है। उत्सव के दौरान यह पयर्टकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर साल इस चमकीले रेगिस्तान को देखने के लिए 8 से 10 लाख लोग यहां आते हैं।

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