जैसलमेर
जैसलमेर के सुनहरे रेतीले टीलों और पीले पत्थरों से बने किलों और मकानों के कारण "गोल्डन सिटी" भी कहते हैं। थार रेगिस्तान के बीच में बसा शहर है। जैसलमेर में आपको भारतीय सेना से सम्बंधित काफी म्युज़ियम और लोकेशंस मिल जाएँगी।
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किले
जैसलमेर का किला : शाम को ढलते सूरज की रौशनी इस किले को ऐसा बना देती है जैसे ये सोने का बना हो। इसलिए यहाँ लोग सनसेट के समय सबसे ज़्यादा आते हैं। जैसलमेर का किला दुनिया का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा किला है जिसमें जैसलमेर की एक चौथाई जनता रहती है। ऐसे किलों कहते हैं लिविंग फोर्ट्स।
जैसलमेर में ख़ास
लोंगेवाला वॉर मेमोरियल : यहाँ 1971 के भारत पकिस्तान युद्ध से सम्बंधित कई यादगार हैं। लोंगेवाला पोस्ट पर भारत की थलसेना की एक छोटी सी टुकड़ी ने बिना किसी आधुनिक हथियारों के पाकिस्तानी फ़ौज के 5000 सिपाहियों और कई टैंक को रोक के रखा था। फिल्म बॉर्डर इसी पोस्ट की कहानी पर बनी है।
जैसलमेर वॉर म्यूज़ियम : भारतीय सेना का इतिहास जानने को मिलेगा। यहाँ लाइट एंड साउंड शो होता है।
पटवों की हवेली : जैसलमेर की सबसे बड़ी प्राइवेट हवेली है। इसमें राजस्थानी शिल्पकारी और वास्तुकला देखने को मिलती है।
बड़ा बाग़ : आम के बगीचे और पत्थरों से बनी छतरियाँ फोटोग्राफी के लिए बढ़िया बैकड्रॉप देती हैं।
जैसलमेर के पास अतरंगी जगहें
डेजर्ट नेशनल पार्क : तीन हज़ार स्क्वायर फ़ीट से ज़्यादा में फैला हुआ नेशनल पार्क जहाँ आप birdwatching और सफारी कर सकते हो। ये थार के रेगिस्तान का एक हिस्सा है जहाँ बड़े-बड़े रेत के टीले बड़े सुन्दर दिखेंगे।
खाबा का किला और कुलधारा गाँव : यहाँ दोनों जगह खँडहर है जहाँ लोग रात को जाना पसंद करते हैं। रात में इसलिए क्यूँकि यहाँ डरावनापन एक रोमांचक अनुभव है।
लोदुर्वा के जैन मंदिर : भव्य मंदिर है जिसके पत्थरों पर महीन नक्काशी की हुई है।
जैसलमेर यहीं तक था। अब चलते हैं अपने अगले पड़ाव उदयपुर की ओर। चौथे पड़ाव उदयपुर के बारे में पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :
राजस्थान ट्रेवल गाइड : कहाँ से शुरू करें और कहाँ ख़तम करें - चौथा पड़ाव- उदयपुर