जोधपुर
जोधपुर को ब्लू सिटी भी कहते हैं। ऐसा इसलिए क्यूंकि मुख्य शहर के घरों पर इकसार नीला रंग करवाया हुआ है। जोधपुर के घरों का रंग नीला क्यों है इसका दिलचस्प कारण इस ब्लॉग में पढ़ें।
जयपुर जंक्शन से जोधपुर जंक्शन के लिए ट्रैन पकड़ लें।
पैलेस
उम्मेद भवन पैलेस : यहाँ जोधपुर का शाही परिवार रहा करता था। ये दुनिया का सबसे बड़ा प्राइवेट रेजिडेंस है। ताज पैलेस कंपनी वाले इसमें 5 स्टार होटल चलाते हैं। इसका एक हिस्सा म्युसियम है।
जसवंत ठाडा : मार्बल से बना काफी सुन्दर म्युसियम है। इसकी खासियत इसकी खूबसूरती में है। मार्बल की इतनी महीन घिसाई की हुई है कि सूरज की रौशनी में चमकता है। इसके पास में एक झील गार्डन भी है
किले
मेहरानगढ़ का किला : अगर आपको अपनी फोटोज के पीछे फैला हुआ जोधपुर के घरों का नीला रंग चाहिए तो मेहरानगढ़ का किला उसके लिए सबसे बढ़िया है। अगर आपको एडवेंचर पसंद है तो आप किले पर से ज़िप लाइन का लुत्फ़ भी ले सकते हैं। ये यहाँ की सबसे बड़ी खासियत है।
जोधपुर में ख़ास
बालसमंद झील : ये प्राकृतिक झील नहीं है। जोधपुर में पानी की आपूर्ति करने के लिए जोधपुर के राजा ने इसे बनवाया था। आज इस झील के आस-पास खूब हरियाली है। अगर आप जोधपुर में हैं और इंस्टाग्राम फोटोग्राफी करना चाहते हैं तो यहां बढ़िया बैकड्रॉप मिलेगा।
कैलाना झील : इसे भी जोधपुर के राजा ने बनवाया था। पिकनिक स्पॉट है। यहाँ भी फोटोग्राफी के लिए बैकड्रॉप बढ़िया मिलेगा।
मचिया सफारी पार्क : ये जोधपुर से सिर्फ 13 किलोमीटर दूर है। ये तेंदुओं के लिए प्रसिद्द है। यहाँ आप पार्क के टेंट्स में कैंपिंग कर सकते हो, ये शहर से दूर है, यहाँ लाइट पोलुशन कम है तो स्टरगेजिंग करने में भी मज़ा आएगा।
राओ जोधा डेजर्ट रॉक पार्क : ग्रैंड कैनियन का देसी वर्ज़न है। मेहरानगढ़ फोर्ट के पास 170 एकड़ में फैला हुआ है जिसे यहाँ की देसी पौधों और पत्थरों की प्रजातियों और किस्मों को संरक्षित करने के लिए बनाया हुआ है।
महामंदिर टेम्पल : ये लाल चूनापत्थर से बना शिव मंदिर है जहाँ की खासियत है मंदिर के 84 खम्बे। पूरे मंदिर में बेहद महीन और सुन्दर नक्काशी की हुई है। इंस्टाग्राम फोटोग्राफी के लिए शानदार बैकड्रॉप मिलेगा। prewedding फोटोशूट के लिए भी बढ़िया जगह है। अगर आप आध्यात्मिक इंसान हैं तो मंदिर में बड़ा सारा प्रांगण है जहाँ बैठकर आप मंदिर की नक्काशी को निहारते हुए शिव की आराधना कर सकते हैं।
मंडोर गार्डन
जहाँ आज मंडोर गार्डन है वहाँ कभी मंडोर के राजपरिवार का शमशान हुआ करता था। आज उसी शमशान को गार्डन बना दिया गया है। यहाँ की खासियत है मंडोर का किला, जो जोधपुर से पहले मारवाड़ इलाके का मुख्य किला हुआ करता था।
जोधपुर के पास अतरंगी जगहें
खिमसर : जोधपुर से 100 किलोमीटर दूर खिमसर गाँव है, जहाँ खिमसर का किला है। खिमसर गाँव अपने रेत के धोरों के लिए काफी प्रसिद्द है।
खीचन : खीचन में खास है खीचन बर्ड सैंक्चुअरी, जो birdwatching के लिए राजस्थान की सबसे बढ़िया जगहों में से एक है। जोधपुर से 142 किलोमीटर पर है।
देशनोक : भारत में ऐसा मंदिर कहीं नहीं देखा होगा। इस मंदिर पर कई डॉक्यूमेंटरीयाँ भी बन चुकी हैं। ये देशनोक माता का मंदिर है जहाँ लाखों चूहे रहते हैं। अगर आपको चूहों से डर लगता हो तो भूलकर भी इस मंदिर में कदम नहीं रखना। यहाँ लाखों चूहों के बीच से चलते हुए मंदिर में घुसना पड़ता है। अगर कुछ अलग ही तरह का देखना है तो ज़रूर जाना।
यहाँ हमारी जोधपुर यात्रा पूरी होती है।
चलिए राजस्थान यात्रा के तीसरे पड़ाव जैसलमेर की तरफ चलते हैं। तीसरे पड़ाव जैसलमेर के बारे में पढ़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें :
राजस्थान ट्रेवल गाइड : कहाँ से शुरू करें और कहाँ ख़तम करें - तीसरा पड़ाव- जैसलमेर