अकाल का दौर था उस वक्त। लगातार तीन साल से बारिश नहीं हुई थी। गाँव के गाँव उस वक़्त तक भूख से जूझ रहे थे। अनाज ख़त्म हो रहा था और करने को कुछ काम नहीं। जोधपुर के राजा उमैद सिंह से सबने दरख़्वास्त की कि राज्य को देने के लिए कर नहीं है, काम भी नहीं है। राजा उमैद सिंह ने उस वक्त लोगों को काम देने के उद्देश्य से जिस महल का निर्माण कराया, वो आज भारत का सबसे आलीशान होटल है। नाम है उमैद भवन पैलेस। आइए जानते हैं इस आलीशान भवन के बारे में।
कैसा बना है उमैद भवन पैलेस
जोधपुर की चित्तर पहाड़ियों पर बने इस आशियाने के आस-पास कहीं पर भी पानी की सुविधा नहीं थी। तेज़ चट्टानों और रेत के टीलों के बीच से होकर एक रेल लाइन का निर्माण किया गया जो इस भवन की लाइफ़लाइन बनी।
347 कमरों वाले इस भवन को बनाने में उस वक़्त तक़रीबन 1.2 करोड़ रुपए का खर्च आया था। लेकिन आप आज इस महल को देखते हैं, तो लगता है क़ीमत व्यर्थ नहीं गई, बल्कि शायद इस पैसे का इससे अच्छा इस्तेमाल नहीं हो सकता था।
पैलेस की कुल ज़मीन 26 एकड़ की है, जिसके लगभग 15 एकड़ इलाक़े में तो बस बाग और बगीचे ही हैं। एक प्राइवेट मीटिंग हॉल, जनता से मिलने के लिए दरबार हॉल, बैंक्वेट हॉल, प्राइवेट डाइनिंग हॉल, लाइब्रेरी, इनडोर स्वीमिंग पूल और स्पा, बिलियर्ड्स रूम, चार टेनिस कोर्ट और भी बहुत कुछ इस शहरनुमा स्वर्ग में बसता है।
इस पैलेस की शान इस बात से ही लगाई जा सकती है कि दुनिया की सबसे प्रसिद्ध शादियों में से एक, प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस ने यहाँ शादी रचाई।
कमरे और सूट
कमरे
20वीं सदी का आर्ट डेको स्टाइल यहाँ के 64 लग्ज़री कमरों को सजाता है। यहाँ पर से आप सामने बाग बगीचों को निहारने का आनन्द ले सकते हैं। बाथरूम में ख़ास मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। हो सकता है वास्तु का ये रंग दुनिया के लिए पुराना हो गया हो, लेकिन इसकी सुन्दरता इस भवन में आकर देखते बनती है।
मेहरानगढ़ क़िले से कुछ ऐसा दिखता है उमैद पैलेस भवन।
इन कमरों के अलावा पाँच अलग क़िस्म के स्वीट (होटल में जुड़े हुए विस्तृत कमरे) भी हैं।
1. ऐतिहासिक स्वीट
इन कमरों में किसी ज़माने तक शाही घरानों के अतिथियों को ठहराया जाता था। इसमें आपको दुनिया के सबसे बेहतरीन लग्ज़री की सुविधा मिलती है, जिसमें पूर्व की महक भी है और पश्चिम की झलक भी।
2. रॉयल स्वीट
बारादरी लॉन के वो सुन्दर नज़ारे और सामने खड़ा मेहरानगढ़ का आलीशान क़िला, सुबह कुछ ऐसी होती है यहाँ की।
3. ग्रैण्ड रॉयल स्वीट
यहाँ पर भी जो अन्दाज़ है, वो शाही होने की सीमाओं को पार कर गया है। यहाँ के स्वीट का आकार पिछले कमरों की तुलना में कुछ ज़्यादा है। एक बड़ा लिविंग रूम और बड़ा बेडरूम, सब आपके लिए सजाए गए हैं।
4. महाराजा स्वीट
4,200 वर्ग फ़ीट के ये स्वीट महाराजाओं के भव्य स्वागत सत्कार के लिए सजाए गए हैं। आप इनका आनन्द ज़रूर लें। एक अलग क़िस्म की सादगी और भव्यता का सत्कार मिलता है महाराजा स्वीट में आकर।
5. महारानी स्वीट
किसी ज़माने में रानियों के लिए बनाया गया था यह स्वीट आज पूरे भवन का सबसे आलीशान स्वीट है। यहाँ पर से आपको मेहरानगढ़ क़िले के सबसे अच्छे दर्शन होते हैं। रानियों के लिए विशेष रूप से तैयार किये गए इस स्वीट में उनकी सुविधा का हर ख़्याल किया गया है।
रेस्तराँ और बार
भवन में राजस्थानी थाली का स्वाद ज़रूर उठाएँ। राजस्थान की राजशाही थाली की बैठक रिसाला में लगती है। शाही परिवार किसी ज़माने में यहाँ पर ही अपना भोजन करते थे। इसके अलावा आपके खाने के लिए विशेष कॉन्टिनेंटल और फ़्यूज़न भारतीय खानों की विशेष लिस्ट है।
रिसाला के अलावा पिलर कैफ़े में, जहाँ पर मेहरानगढ़ किला सामने दिखता है, आप राजस्थानी ज़ायका और दूसरे पकवान चख सकते हैं।
रिसाला और पिलर कैफ़े के अलावा यहाँ ट्रॉफ़ी बार भी है। जब किसी युद्ध को जीत लेने या फिर आखेट के बाद राजा वापस अपने राजमहल आते थे, तो उनके खाने का स्वागत यहाँ किया जाता था। यहाँ का ज़ायका भी इसी कहानी को ध्यान में रखकर पकाया जाता है।
घूमने के लिए नज़दीक की जगहें
आप इन लिंक में जाकर जोधपुर की घूमने लायक जगहें देख सकते हैं।
https://www.tripoto.com/jodhpur
कैसे पहुँचें
तीन रास्तों से आप जोधपुर पहुँच सकते हैं।
1. हवाई मार्गः दिल्ली से जोधपुर की फ़्लाइट आपको 1 घंटा 30 मिनट में पहुँचा देगी। इसका किराया लगभग 2500 रु. होगा।
2. रेल मार्गः दिल्ली से जोधपुर के लिए आपको ट्रेन मिल जाती हैं। पहुँचने में क़रीब 12 घंटे लगेंगे और किराया लगभग 500 रु. होगा।
3. सड़क मार्गः दिल्ली से जोधपुर के लिए बसें भी जाती हैं। कुल 13 घंटे की अवधि होगी और किराया लगभग 650 रु. होगा।
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