कई बार आपको किसी ऐसी जगह जाने का मन करता होगा जो शहर की भीड़भाड़ से कोसों दूर है। जहाँ न गाड़ियों का शोर है और न ही ऑफिस का झंझट। भागती-दौड़ती जिंदगी से थोड़ा ब्रेक लेने का मन किसी का भी करेगा। पर अक्सर ये सवाल सामने आ जाता है कि आखिर हम जाएं कहाँ? कसोल, तोष, शिमला, कुल्लू, मनाली, डलहौज़ी जैसे फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स के साथ भी ये दिक्कत है कि वहाँ बहुत भीड़ बनी रहती है। तो क्यों न किसी ऐसी जगह की बात की जाए जिसे अभी तक एक्सप्लोर ही नहीं किया गया है। ऐसी ही एक जगह है हिमाचल का पुल्गा गांव।
वैसे तो हिमाचल के टूरिस्ट डेस्टिनेशन लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं, लेकिन इस गांव तक सिर्फ ट्रेकिंग करने वाले लोग ही जाते हैं। यहाँ आपको शांति भी मिलेगी और साथ-साथ इजराइली और हिमाचली क्वीज़ीन्स का स्वाद भी चखने को मिलेगा। तो चलिए जानते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है पुल्गा गांव
ये गांव प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहाँ आपको कई झरने और लकड़ी के ब्रिज मिलेंगे। यहाँ का एक खास आकर्षण है यहाँ के घर जिन्हें कुछ इस तरह से बनाया गया है कि उनमें 1 साल तक के लिए लकड़ी को स्टोर किया जा सके। पुल्गा के घरों का आर्किटेक्चर अलग है। लेकिन इन घरों की खूबसूरती देखने लायक हैं। मानो यहाँ की बेहतरीन वादियां आपका दिल जीत लेंगी।
कोई भी गाड़ी नहीं जा सकती इस गांव तक
ये गांव टूरिस्ट की भीड़ से इसलिए भी छुपा हुआ है क्योंकि यहाँ तक कोई गाड़ी नहीं जा सकती है। यहाँ पहुंचने के लिए कुल्लू के पास स्थित बरशैणी से 3 किलोमीटर ट्रेक करके जाना होता है। यहाँ पहुंचने का एकमात्र साधन है वॉक करके जाना। बरशैणी, पार्वती वैली का आखिरी बस स्टॉप है। ये गांव तोष और कसौल के बीच स्थित है। हालांकि, ये पार्वती नदी के दूसरी तरफ है। इस तक पहुंचने के लिए आपको चढ़ाई चढ़नी तो होगी, लेकिन ये कठिन चढ़ाई नहीं है। ये बहुत ही आसान है। इसलिए अगर आप ट्रेकिंग नहीं भी करती हैं तो भी इस जगह आसानी से पहुंच सकती हैं।
किस समय जाएं पुल्गा गांव
बहुत ज्यादा बर्फबारी के दौरान इस गांव तक पहुंचना मुश्किल है। क्योंकि यहाँ ट्रेक करके ही जाना होता है इसलिए ये आपके लिए मुश्किल साबित हो सकता है। अगर आप यहाँ जाने के लिए गर्मियों का समय चुनती हैं तो ये बेस्ट हो सकता है। बारिश में भी यहाँ पहुंचा जा सकता है। सितंबर, अक्टूबर, नवंबर के महीनों में तो आपको यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य को छोड़कर जाने का मन ही नहीं करेगा। फरवरी से मई और सितंबर से नवंबर के महीने इस जगह जाने के लिए सबसे अच्छे साबित हो सकते हैं।
पुल्गा में कहाँ रुकें
आपको बैशरणी में कई गेस्ट हाउस मिल जाएंगे। इसके अलावा, पुल्गा में भी कुछ होटल और गेस्ट हाउस हैं। हालांकि, वहाँ के स्थानीय लोग होम स्टे की सुविधा भी देते हैं। ये सब ऑनलाइन लिस्टेड नहीं हैं इसलिए आप वहीं जाकर बुकिंग करवाएंगे तो अच्छा होगा। इन्ही सब कारणों से आपको पुल्गा गांव काफी अच्छा लगेगा। यहाँ कई कैफे भी हैं जहाँ आपको इजराइली टूरिस्ट मिल जाएंगे। कसौल और तोष की तरह इस इलाके में भी इजराइली टूरिस्ट की भरमार है। इस इलाके में फोन कनेक्टिविटी अच्छी है इसलिए आपको लगातार नेटवर्क में रहना है तो भी दिक्कत नहीं होगी। हिमाचल में कई ऐसे छोटे-छोटे गांव हैं जो बहुत ही अनोखे हैं और साथ ही साथ बहुत यूनीक लुक देते हैं। अगर हिमाचल का प्राकृतिक सौंदर्य देखना चाहते हैं तो किसी फेमस टूरिस्ट प्लेस की जगह यहाँ जाएं।
कैसे पहुंचे पुल्गा गांव
अगर आप दिल्ली से ओवर नाइट बस लेकर मनाली तक जाते हैं तो इसका किराया 1300-2000 रुपए के बीच आ सकता है। इसके साथ ही, मनाली से आपको बरशैणी के लिए लोकल बस या टैक्सी मिल जाएंगी। लोकल बस का किराया 100 से 500 रुपए तक लग सकता है। ये हिमाचल के टूरिस्ट सीजन और बस सर्विस पर निर्भर करता है। इसके अलावा, आप टैक्सी भी बुक कर सकती हैं जो 2000 के लगभग चार्ज करेगी। बरशैणी के बाद आप ट्रेक कर पुल्गा पहुंचिए। अगर आप अपनी गाड़ी हायर कर दिल्ली से जा रही हैं तो 15000-20,000 के बीच आने-जाने का खर्च आ सकता है।
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