1 दिन के लिए देश की राजधानी बना था ये शहर, करें इस अनूठे शहर की यात्रा

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इलाहाबाद (प्रयागराज) में 3 पवित्र नदियों का संगम है जिनमे से गंगा , यमुना और अदृश्य रूप में सरस्वती नदी उत्पन्न होती है । नवरात्रि से लेकर होली तक का समय सबसे खास होता है और इसी समय यहां पर सबसे ज्यादा पर्यटक भी आते हैं बरसात के समय सावन महीने में गंगा स्नान करना है और ठंडियों में मांघी मेला में भरी मात्रा में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिये आते है । प्रयागराज दर्शन और महाकुंभ के लिए ही नहीं बल्कि राजनीति के लिए भी काफी प्रसिद्द है ये शहर भारत को अब तक 7 प्रधानमंत्रियों को दिया है ये तब सुर्खियों में आया जब 1857 में महज 1 दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था ।

भारत के अलग-अलग राज्यों और विदेशों से जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वह जगह आकर्षण का केंद्र तभी बन पाता है जब वहां धार्मिक स्थल व इतिहासिक रूप से मानव सभ्यता का विकास किसी बड़े परिवर्तन का साक्षी रहा हो। इसी कारण प्रयागराज केवल उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे भारत और विदेशों में भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है यहां विभिन्न जगहों से जाने वाले तमाम देश-विदेश से आने वाले सैलानियों इसे अनुभव करने का एक शानदार स्थान है। यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा अपने कुम्भ मेले की बजह से दुनिया भर में फेमस है प्रत्येक 12 बर्ष में महाकुम्भ और 6 बर्ष में अर्ध कुम्भ मेले का आयोजन किया जाता है। प्रयागराज में घूमने की जगह के लिए ही नहीं बल्कि राजनीति के लिए भी काफी प्रसिद्द है ये शहर भारत को अब तक 7 प्रधानमंत्रियों को दिया है ये तब सुर्खियों में आया जब 1857 में महज 1 दिन के लिए भारत की राजधानी बनाया गया था ।

प्रयागराज में घूमने की जगह

पौराणिक काल में इलाहाबाद का नाम प्रयाग हुआ करता था परंतु मध्यकालीन शासक में जब मुस्लिम शासक अपना कब्जा जमाया तब उन्होंने इसका नाम प्रयाग से बदलकर इलाहाबाद कर दिया इलाहाबाद का अर्थ होता है अल्लाह का शहर।

परन्तु जब अंग्रेजों ने शासन किया तो इसका नाम रोमन लिपि में अल्लाहाबाद कर दिया लेकिन 16 अक्टूबर 2018 को उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने पुनः से इस शहर का पौराणिक प्रयागराज कर दिया गया ।

आईये जानते है वो कौन कौन से पर्यटन स्थल है जिनके बिना प्रयागराज में घूमने की जगह का भ्रमण अधूरा है ।

1. त्रिवेणी संगम, (गंगा स्नान)

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त्रिवेणी संगम हिन्दू धर्म की 3 पवित्र नदिया गंगा , यमुना और सरस्वती का मिलन स्थल है जहां ये नदियां आपस में मिलती है उसे त्रिवेणी संगम कहते है और इस संगम की खास बात यह भी है की आपस में जहां तीनो नदियां मिलती है वहां पानी का सावले रंग का हो जाता है ।

मान्यता है की यहाँ स्नान करने से मनुष्य अपने सभी पापो से मुक्त हो जाता है प्रत्येक 12 बर्ष में महाकुम्भ और 6 बर्ष में अर्ध कुम्भ मेले का आयोजन इसी जगह पर किया जाता है ।

2.बड़े हनुमान जी मंदिर

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त्रिवेणी संगम घाट पर स्थित बड़े हनुमान जी की अद्भुत प्रतिमा जहाँ खुद संसार के सौंदर्य को धारण करने बाले प्रभु इस धरती पर लेते हुए है । गंगा नदी इस प्रतिमा से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर बहती है लेकिन साल में एक बार विकराल रूप धारण करके हनुमान जी को खुद नहलाने आती है और यह प्रकृति का अद्भुत दृश्य जुलाई ,अगस्त में देखने को मिलता है।

3. अक्षय वट

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बड़े हनुमान के नजदीकी इलाहाबाद किला के अंदर स्थित अक्षय वट एक वृक्ष है जो हिन्दू शास्त्रों में इसका वर्णन मिलता है एक कथा के अनुसार यह वटवृक्ष त्रेता युग से इसी रूप में जीवित है ।

ये वटवृक्ष उस समय में भी था जब भगवान श्री राम अपने वनवास के लिए चित्रकूट जा रहे थे तब यहाँ पर स्वयं भगवान कुछ समय के लिए विश्राम किये और इसे लाखो बरसो के जीवन का आशीर्वाद दिया था । अक्षय बट में ही स्थित थोड़ा सा आगे जाने पर जमीन के नीचे सुरंग रास्ते से पतली गलियारों से गुजरते हुए पर्यटक पातालपुरी मंदिर पहुंचते है जहां पर पत्थरों की सुन्दर गढ़ी हुई मूर्तियों को देखकर काफी प्रभावित होते हैं ।

4. यमुना में नाव की सवारी

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दोस्तों प्रयाग नगरी आये और वहां की यमुना में नाव की सवारी के बिना प्रयागराज का भ्रमण अधूरा है वैसे तो प्रायराज में बोटिंग के लिए त्रिवेणी संगम में भी कर सकते है लेकिन यमुना नदी में नैनी ब्रिज के पास बोटिंग क मजा ही कुछ अलग होता है । यहाँ नौका विहार करने का शाम का का समय ढलते हुए सूरज के की धुंधली रोशनी में पर्यटकों को यमुना के दिव्य वातावरण में मनमोहक नजारा देखने को मिलता है ।

5. नैनी ब्रिज

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प्रयागराज के सेल्फी पॉइंट के नाम से जाने जाना बाला यह जगह शहर के प्रमुख स्थलों में से के है साल 2004 में इस ब्रिज का निर्माण नैनी और प्रागराज को जोड़ने के लिए करवाया गया था ,

आज कल के युबाओ के बीच ये स्थान सेल्फी पॉइंट के लिए काफी ज्यादा प्रचलित है यहाँ हर दिन सुबह और शाम के समय स्थानीय पर्यटक यमुना नदी के मनोरम दृश्य के साथ सेल्फी लेते हुए दिख जाते है ।

6. चंद्रशेखर चंद्रशेखर आजाद पार्क

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यह वही स्थान है जहां महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी ने अंग्रेजों के सामने आत्म समर्पण ना करने के बजाए खुद को गोली मार ली थी 36 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ यह गार्डन कंपनी गार्डन के नाम से भी जाना जाता है कंपनी पार्क इस शहर का सबसे बड़ा पार्क भी है यहां पर पर्यटकों को देखने के लिए कई जगह जैसे:

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• रानी विक्टोरिया की विशाल प्रतिमा

• झील में बोटिंग का आनंद ले सकते हैं

• इलाहाबाद सार्वजनिक पुस्तकालय

• आजाद जी की प्रतिमा शहीद स्मारक

7. फन गांव वाटरपार्क

प्रयागराज के कौसाम्बी रोड पर स्थित यह वाटरपार्क उत्तरप्रदेश के प्रमुख इमर्जिंग पार्को में से के है यहाँ पर आपको बिभिन्न प्रकार की वाटर स्लाइड्स , रेन डांस , समुद्री लहरे और भी कई प्रकार की बेहतरीन एक्टिविटी का आनद ले सकते है । अगर आप वाकई में प्रयागराज में घूमने की जगह देखना चाहते है तो एक बार इसकी खूबसूरती देखने जरूर जाये । इलाहाबाद घूमने की शुरुआत Adventure तरीके से करना चाहते है तो ये खूबसूरत जगह आपके लिए है यहाँ पर शाम के समय लेजर लाइट शो और मुशिकल फाउंटेन शो होता है जिसको देखने के लिए प्रागराज शहर के लोग यहाँ आया करते है

8. सोमेश्वर महादेव मंदिर

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धार्मिक दृष्टि से यह शिव मंदिर कभी ज्यादा फेमस है नैनी गांव में यमुना नदी के किनारे पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है यह शिवकुटी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है

साथ में जानकारी के लिए बता दूं कि यहां पर भगवान शिव के जो एकादशी के रूप में पूजा होती है यहां पर नाग पंचमी महाशिवरात्रि और सावन मास में काफी ज्यादा श्रद्धालु आते हैं।

9. खुसरो बाग

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यह ऐतिहासिक इमारत मुगल बादशाहों के नक्काशी का बेहतरीन नमूना है यह वही स्थान है जहां जहांगीर ने अपने बेटे खुशरो के द्वारा विद्रोह करने पर जहांगीर ने अपने बेटे की आंखें निकाल कर यही दफना दिया था । यहां पर सुबह और शाम के समय स्थानीय ,देशी और विदेशी पर्यटकों की पर्याप्त रूप से भीड़ इकठ्ठा होती है ।

10. गिरजाघर

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ब्रिटिश शासको के द्वारा बनवाया गया बेहतरीन आर्किटेक्चर में यह ईमारत एक चर्च है जहां 400 लोग एक साथ प्रार्थना कर सकते हैं हर वर्ष 1 नवंबर को यहां ऑल सेंट्स डे का उत्सव मनाया जाता है ।

11. हनुमान निकेतन

सुभाष चौराहे से महात्मा गांधी रोड की तरफ आगे बढ़ने पर पड़ता है हनुमान निकेतन इसे सफेद हनुमान के नाम से भी जाना जाता है इस मंदिर के भीतर मंदिर के गर्व के में 10 शिवलिंग की प्रतिमा विराजमान है। यहां आने का खास सीजन महाशिवरात्रि का दिन होता है उस समय अपार भीड़ देखने के लिए मिलती है मंदिर का मुख्य आकर्षण है हनुमान जी की प्रतिमा हर मंगलवार को यहां पर श्रद्धालुओं का आंकड़ा गिनने में नहीं आता।

12. आनंद भवन संग्रहालय

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मोतीलाल नेहरु जी ने इस भवन को महज ₹20000 में 19 बीघा का बंगला 1899 में राजा जय किशन दास से खरीदा था जो नेहरू परिवार का निवास स्थान हुआ करता था जिसे आनंद भवन कहा गया। उस समय जवाहरलाल नेहरू जी की उम्र महज 10 वर्ष थी और यहीं पर इंदिरा गांधी का भी जन्म हुआ भवन में जवाहरलाल नेहरू, मोतीलाल नेहरू इंदिरा ,गांधी से जुड़ी एवं गांधी परिवार के जीवन से जुड़ी कई घटनाओं को चित्रों के द्वारा प्रदर्शनी के रूप में दिखाया गया ।

13. जवाहर तारामंडल

आनंद भवन परिसर के अंदर ही स्थित तारामंडल में प्रदर्शनी के रूप में ब्रह्मांड की कई चित्रों को लगाया गया जिसे देखने के लिए जा सकते है ।

14. अरेल गंगा घाट

त्रिवेणी संगम के दूसरे छोर पर स्थित इस घाट में श्रद्धालुओं को स्नान, हवन ,पूजन आदि के लिए पक्के घाट एवं भोजन शाला का निर्माण किया गया है।

15. नाग वासुकी मंदिर

गंगा की प्रयाग नगरी में स्थित वासुकि मंदिर जहाँ नागो के देवता नागराज विराजमान है कहते है यहाँ के दर्शन के बिना प्रागराज के दर्शन अधूरे माने जाते है । संगम में प्रवेश करते हुए एक सड़क जोशी से होते हुए गंगा नदी के किनारे से गुजरती है जो आपको ले जाती है नाग वासुकी मंदिर तक

16. अलोपी देवी मंदिर प्रयागराज

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इलाहाबाद के अलोपी बाग़ के पास स्थित अलोपी देवी का दर्शन करने जा सकते है इसे अलोपी संकरी सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है इस मंदिर की खास बात यह है कि मंदिर में कोई भी मूर्ति नहीं है मंदिर प्रांगण के भीतर एक चबूतरा बना है जहां पर एक कुंड स्थित है और इसी कुंड के ऊपर एक झूला है जिसे लाल रंग के कपड़े से ढक कर रखा जाता है। इस कुंड के जल को चमत्कारिक शक्तियों वाला माना जाता है आस्था के इस अनोखे मंदिर में भक्त प्रतिमा की नहीं बल्कि इस झूले की पूजा करने आते हैं । मान्यता है यहां आकर कलाई पर धागा बांधने से मन्नतें पूरी होती है मंदिर परिसर में स्थित कुंड से ही जल लेकर भक्त मां के पालने पर जल अर्पण करते हैं

मंदिर के बारे में पौराणिक मान्यता यह भी है की शिवप्रिया सती के दाहिने हाथ का पंजा गिरकर अदृश्य आलूप गया था जिसकी की वजह से इस शक्तिपीठ को आलोप संकरी नाम दिया गया ।

17. इलाहाबाद म्यूजियम

चंद्रशेखर आजाद पार्क के पास में स्थित इलाहाबाद का प्रसिद्ध म्यूजियम के अंदर प्रवेश करते ही चंद्रशेखर आजाद जी ने जिस बंदूक से अपने आप को शूट किया था वह बंदूक यहां पर रखी हुई है । म्यूजियम के अंदर संग्रहालय केअंदर तीसरी शताब्दी से लेकर हजारों वर्षों तक की यानि उस जमाने में राजा महाराजाओं के द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को संग्रह करके रखा गया है जिसे आप देख सकते हैं।

18. विनायक सिटी सेंटर मॉल प्रयागराज

दोस्तों प्रयागराज घूमने के बाद आपको शॉपिंग करने का मन हो तो आप विनायक सिटी मॉल में जा सकते हैं यह सिटी सेंटर में पड़ता है यहां तक पहुंचने के लिए सरदार पटेल रोड से आगे आने पर सिविल लाइन से जैसे आप आगे जाते हैं तो यह शॉपिंग मॉल पड़ता है . यह इलाहाबाद का सबसे बड़ा शॉपिंग सेण्टर है यह स्थानीय लोगों का सबसे पसंदीदा शॉपिंग मॉल है और खास बात के इलाहाबाद के लोगों के लिए शाम के समय में घूमने का भी शानदार स्थान है प्रागराज में घूमने लायक जगह देखने के बाद आप यहां जा सकते हैं mall में आपको फर्स्ट फ्लोर में और सेकंड फ्लोर में शॉपिंग करने के लिए मिल जाएगा और थर्ड फ्लोर में आपको गेमिंग और खाने के लिए व्यवस्था की गई है सिनेमा का भी मजा ले सकते हैं।

19. कटरा बाजार इलाहाबाद

दोस्तों प्रागराज शहर के भीतर कई ऐसी जगह है जहाँ पर आप खरीददारी कर सकते है लेकिन कटरा बाजार यहाँ की प्रसिद्द मार्किट है । अगर आप यात्रा के दौरान कुछ इलाहाबाद की वस्तुओं को यादो के रूप में अपने साथ ले जाना चाहे तो ये बाजार यहाँ की सबसे प्रसिद्द मार्किट है । इस बाजार में उत्तर भारत के में पहने जाने वाले कपड़े और उपयोग किए जाने वाले और भी अन्य वस्तुएं काफी कम दाम पर मिल जाते हैं इसलिए यहाँ काफी ज्यादा संख्या में पर्यटक शॉपिंग करने आते है ।

20.भरतद्वाज गार्डन प्रागराज

इलाहाबाद का सबसे सुन्दर उद्यान के नाम से मशहूर भरतद्वाज पार्क महर्षि भातद्वाज को समर्पित है जहाँ स्थानीय पर्यटक पूरा दिन घुमते फिरते मिल जायेंगे ।

प्रयागराज कैसे पहुंचे?

वायु मार्ग- प्रयागराज शहर के बमरौली क्षेत्र में स्थित एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा वायु मार्ग है जहां दिल्ली, मुंबई, चेन्नई ,बेंगलुरु कोलकाता, हैदराबाद, और भोपाल इन सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग- प्रागराज रेल मार्ग आवागमन से भारत के लगभग सभी बड़े रेलवे जंक्शन से पूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है यहां पर मौजूद 8 रेलवे स्टेशन है जहां से भारत की विभिन्न ट्रेनें गुजरती हैं यह स्टेशन हावड़ा, दिल्ली और हावड़ा, मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है जो उत्तर प्रदेश का दूसरा सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन है ।

आवागमन के दृष्टिकोण से प्रयागराज रेल मार्ग वायु मार्ग पर सड़क मार्ग सभ सुभिधायो से अच्छे तरीके से जोड़ा गया है ।

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