पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्वेद मंदिर का किया उद्घाटन, जानिए क्या है इस मंदिर में खास?

Tripoto
19th Dec 2023
Photo of पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वर्वेद मंदिर का किया उद्घाटन, जानिए क्या है इस मंदिर में खास? by Yadav Vishal
Day 1

प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने सोमवार (18 दिसंबर 2023) को उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी में दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र ‘स्वर्वेद महामंदिर’ का उद्घाटन किया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी वहां उनके साथ मौजूद थे। यह मंदिर वाराणसी और गाजीपुर हाईवे के बीच उमरहा में स्थित हैं। स्वर्वेद मंदिर लगभग 64 हजार सक्वायर फीट में फ़ैला हुआ हैं और इस मंदिर को बनाने में 35 करोड़ रुपये की लागत लगी हैं।

वाराणसी में लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े हैं, समृद्धि के सौपान तय किए हैं। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। हमने काशी जैसे जीवंत सांस्कृतिक केंद्रों का आशीर्वाद लिया। गुलामी के कालखंड में जिन अत्याचारियों ने भारत को कमजोर करने का प्रयास किया, उन्होंने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को ही निशाना बनाया। आजादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था। विरासत और विकास की पटरी पर आज भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। काशी में स्वर्वेद मंदिर के लोकार्पण में शामिल होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

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स्वर्वेद मंदिर

यह मंदिर वाराणसी शहर के केंद्र से लगभग 12 किमी दूर उमराहा क्षेत्र में स्थित है। आपको बता दूं कि विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज की ओर से इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। वैसे तो विश्वभर में संत सदाफल महाराज के ऐसे दर्जनों आश्रम मौजूद हैं। लेकिन वाराणसी स्थित स्वर्वेद मंदिर सबसे बड़ा आश्रम है। इसे दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर कहा जा रहा है। यह मंदिर इतना बड़ा हैं कि करीब 20 हजार लोग एक साथ इस मंदिर में योग और ध्यान कर सकते हैं। इस मंदिर की एक ख़ास बात यह भी हैं कि यहां एक भी भगवान की मूर्ति नहीं हैं। ऐसा इसलिए हैं क्योंकि यहां केवल ब्रह्म की प्राप्ति की शिक्षा दी जाएगी।

स्वर्वेद मंदिर की वास्तुकला

इस मंदिर की दिव्यता जितना आकर्षित करती है, इसकी भव्यता हमे उतना ही अचंभित भी करती है। इस मंदिर में 7 मंजिले हैं। यह मंदिर 64 हजार वर्गफीट में बना हुआ है और इसकी ऊंचाई 180 फीट है। मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई हैं जो इस मंदिर में और चार चांद लगाते हैं। यह शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अद्भुत सामंजस्य का प्रतीक है। स्वर्वेद महामंदिर को कमल के फूल जैसा स्वरूप दिया गया है। इस मंदिर की दीवारों पर 4000 वेदों से जुड़े दोहे भी लिखे गए हैं। साथ ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर  उपनिषद, महाभारत, रामायण, गीता आदि से जुड़े चित्र बनाए गए हैं जिससे लोग कुछ प्रेरणा लें सकें। साथ ही इस महामंदिर में 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद तैयार किया गया है।

Photo of स्वर्वेद महामंदिर धाम by Yadav Vishal

किसी भी भगवान की नहीं है मूर्ति

स्वर्वेद मंदिर का निर्माण साल 2004 में शुरू हुई थी। जो अब बन कर तैयार हो चुका हैं। 18 दिसंबर को पीएम ने इस मंदिर का उद्घाटन किया। आपको बता दू कि इस मंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के 4000 दोहे अंकित किए गए हैं। यह एक योग साधना केन्द्र हैं। यहां योग-साधना की पूजा होती है इसलिए यहां एक भी भगवान की मूर्ति नहीं हैं। बल्कि मंदिर में संत सदाफल महाराज की 135 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित की गई है।

पीएम मोदी के लिए खास है स्वर्वेद महामंदिर धाम

पीएम मोदी के लिए खास है स्वर्वेद महामंदिर धाम क्योंकि इससे उनका परिवार भी जुड़ा हुआ है। पीएम मोदी की मां हीराबेन जब अपने आखिरी समय में थी, तब वह स्वर्वेद धाम से जुड़ी रही थीं। अभी उनके भाई भी इससे जुड़े हुए हैं।

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