
Pleasing Patnitop part-1
मई 2017
यह यात्रा मैंने अपने परिवार के साथ मई 2017 को की थी। इस को मैने 40हिस्सों में विभाजित किया है, जिस में चार अलग अलग जगहों की बात की जाएगी। इसकी रूप रेखा ऐसे है:
1. बाघा पुराना - पठानकोट (239किलोमीटर)
2. पठानकोट - बारठ साहिब ( 12 किलोमीटर )
3. बारठ साहिब - मानेसर लेक ( 90 किलोमीटर )
4. मानेसर लेक - पटनीटॉप ( 82 किलोमीटर )
5. पटनीटॉप - सानासर ( 20 किलोमीटर )
6. सानासर- माधोपुर ( 184 किलोमीटर )
7. माधोपुर - बाघा पुराना ( 244 किलोमीटर )
Total kilometers covered during this trip was 871 kilometers.
भाग 1 में हम बारठ साहिब के बारे में बात करेंगे।
भाग 2 में पटनीटॉप के बारे में जानेंगे।
भाग 3 में नाथाटोप, सानासर के बारे में।
भाग 4 में माधोपुर के बारे में।
भाग 1
जम्मू कश्मीर के उधमपुर ज़िले का प्रसिद्ध हसीन टूरिस्ट जगह है पटनीटॉप जो उधमपुर से श्रीनगर जाने वाले रास्ते पर जम्मू से 112 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मई 2017 में परिवार के साथ पंजाब की गर्मी से निजात पाने के लिए पटनीटॉप गए थे। यकीन माने पटनीटॉप हमारी उम्मीदों से किते जायदा सुंदर, शानदार, ठंडा था।
हमारी यात्रा शुरू होती है, पंजाब के मोगा जिले के कस्बे बाघा पुराना से दोपहर को। NH-15 पर चलते होए लगभग 235 किलोमीटर की दूरी तह करके हम पठानकोट के नजदीक रमणीक जगह पर बने गुरुद्वारा बारठ साहिब पहुंच जाते है।
अब जानते है बारठ साहिब के बारे में।
पंजाब के पठानकोट से लगभग 11 किलोमीटर पर एक बहुत ही इतिहासिक स्थान है बारठ साहिब जो सिक्खों के पांचवे गुरु श्री गुरु अर्जन देव जी और प्रथम पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के स्पुत्र श्री चंद से संबंधित है। श्री चंद जी इसी जगह बहुत समय बताया और ज्यादा समय ध्यान में ही रहे। जब श्री गुरु अर्जन देव जी श्री चंद जी से मिलने आए तब श्री चंद जी ध्यान में थे, गुरु अर्जन देव जी ने पूरे 6 महीने श्री चंद जी की ध्यान खुलने की प्रतीक्षा की थी। जहा पर एक स्तंभ है, जिस के साथ रोज श्री गुरु अर्जन देव जी खड़े हो कर श्री चंद जी की प्रतीक्षा किया करते थे।
सिक्खों के छेवे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी वी यहां आए थे। श्री चंद जी ने श्री गुरु हरगोबिंद जी से किसे एक पुत्र देने को कहा तब गुरु जी ने अपने जेठे बेटे बाबा गुरदिता जी को श्री चंद जी के पास भेज दिया।
रात का भोजन हम रास्ते में कर आए थे। रात गुरुद्वारा साहिब में रहे। सुबह 4 पक्षियों की मधुर चहचहाहट से नींद खुली। रात बहुत शांत थी, बहुत अच्छी नींद आई। सुबह बोलते पंछी मन मोह रहे थे। बारठ साहिब बहुत ही सुंदर और रमणीक जगह पर स्थित है।
बाकी आगे की कहानी अगले भाग में।
धन्यवाद





