कहते है किसी भी देश का असली रंग देखना हो तो वहाँ के त्यौहार देखो।किसी भी देश की संस्कृति की असली पहचान वहाँ के त्यौहार होते है और हमारे भारत को तो त्योहारों का घर कहा जाता है।क्योंकि यहाँ अनेक जाति, धर्म के लोग है और उनके अलग-अलग त्यौहार।यही त्यौहार भारत को अपने रंगो में रंग के और भी खूबसूरत बना देता है।इन्ही खूबसूरत त्यौहार में एक है" रामनवमी" ।इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था।इसीलिये यह दिन बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।आज हम आपको बताएंगे कि यह राम नवमी भारत में कहाँ-कहाँ मनाया जाता है।
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अयोध्या : उत्तरप्रदेश
भगवन राम की जन्मभूमि अयोध्या,उत्तर प्रदेश का एक प्रसिद्ध धार्मिक नगर है। वेदों में अयोध्या को ईश्वर का नगर बताया गया है। अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या और इसकी संपन्नता की तुलना स्वर्ग से की गई है।यही श्री राम का जन्म हुआ था।इस दिन को यहाँ के लोग बहुत ही खास ढंग से मनाते है।यहां पर रहने वाले सारेे भक्त सुबह-सुबह सरयू नदी में डुबकी लगाने के बाद ही भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।इस दिन यहाँ रथयात्रा निकली जाती है।भगवान का जन्मोत्सव को देखने यहाँ लोग दूर दूर से आते है।
वाराणसी : उत्तरप्रदेश
वाराणसी गंगा नदी के तट पर स्थित है।यह नगर भारत के सबसे पुराने नगरों में से एक है।इसे मंदिरों व घाटों का नगर भी कहा जाता है।यह हिन्दुओं के सात पवित्र नगरों में से एक है।यहाँ होने वाली गंगा आरती भारत में ही नही बल्कि पूरे विश्व में विख्यात है।रामनवमी वाले दिन यहां पर कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन किया जाता है। यहां पर दूर-दूर से आने वाले लोग अपने-अपने तरीकों से भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं।
सीतामढ़ी : बिहार
सीतामढ़ी बिहार के मिथिला का प्रमुख शहर है।बिहार के सीतामढ़ी जिला से 5 किलोमीटर पश्चिम में एक पुनौरा धाम नामक स्थान है। यही पर माता जानकी का जन्म स्थान है। प्रचलित कथाओं के अनुसार यहां पर जनकपुर के राजा जनक सूखा से राहत पाने को हल चलाने गये थे। जब वह सीतामढ़ी के पुनौरा में हल चला रहे थे तो वहां उनके हल की नोक से एक घड़ा फूटा। इस घड़े के फूटने पर उसमें से माता जानकी प्रकट हुईं, और वहाँ बारिश होनी शुरू हो गयी जिससे वहाँ के लोगो को सूखे से राहत मिली ।जहाँ से माता सीता निकली थी वहां पर उनका मंदिर भी बनाया गया है। इसलिए यहां पर रामनवमी यहां बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
रामेश्वरम : तमिलनाडु
रामेश्वरम हिंदुओं का एक पवित्र तीर्थ स्थान है। यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है।लंका जाते वक़्त श्री राम ने यहाँ भगवान शिव की शिव लिंग की स्थापना की थी।यह तीर्थ हिन्दुओं के चार धामों में से एक है।यहाँ लोग दूर दूर से रामनवी के अवसर पर आकर पूजा अर्चना करते है।यहाँ पर इस अवसर पर काफी धूम धाम होती है।
भद्राचलम : आंध्रप्रदेश
भद्राचलम भगवान श्रीराम से जुड़ा और हिन्दुओं की आस्था का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो आंध्रप्रदेश के खम्मम जिले में है।यहाँ के लोगो में भगवान श्री राम के प्रति काफी आस्था है।यहाँ पर रामनवमी का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है,पुरे विधि-विधान से भगवान की आरती और पूजा-पाठ होता हर शोभायात्रा निकाली जाती है।
इंदौर:मध्य प्रदेश
इंदौर में भी रामनवमी की बहुत धूम होती है।यहाँ अनेक स्थानों पर भगवान राम की महाआरती होती है।जन्म के बाद भगवान को पालने में झुलाया जाएगा, जिसके बाद पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।जगह-जगह मेलो का भी आयोजन किया जाता है।
इसके अलावा पुरे देश में यह त्यौहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
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