इस साल पूरे देश में श्रीकृष्ण भगवान का जन्मदिन जन्माष्टमी 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस अवसर पर अगर आप हमेशा से अलग कुछ खास अंदाज में एंजॉय करना चाहते हैं तो आपको देश के इन स्थलों की सैर करनी चाहिए। इन जगहों पर जन्माष्टमी का त्यौहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। अलग-अलग सांस्कृतिक गतिविधियां इन जगहों की खासियत हैं। बड़ी संख्या में लोग यहाँ जन्माष्टमी का पर्व मनाने पहुंचते हैं। साथ ही ये जगहें घूमने की लिए भी काफी फैमस हैं। यहाँ हमेशा पर्यटकों का आना जाना लगा रहता हैं। तो बिना देर किए चलिए जानते हैं कि वो खास जगहें कौन सी है।
मथुरा-वृंदावन-गोकुल, उत्तर प्रदेश
कान्हा का जन्मस्थान और बालपन की यादे समेटे बृजक्षेत्र हर समय कृष्ण के रंग में रंगा रहता है। लेकिन जन्माष्टमी के दौरान यहाँ की छठा ही निराली होती है। आप जन्माष्टमी के दौरान यहाँ जाने की प्लानिंग करें तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आपको एक-दो दिन पहले यहाँ आना चाहिए और प्रीबुकिंग के बाद ही यहाँ आए। अगर आप जन्माष्टमी पर दिन में दर्शन करने की चाह लेकर यहाँ आएंगे तो आपको निराशा हाथ लग सकती है। यह रात यहाँ गुजारने पर ही त्यौहार का आनंद लिया जा सकता है। साथ ही यहाँ घूमने की और भी काफी जगहें हैं। जहाँ आप घूम सकते हैं।
द्वारका, गुजरात
मथुरा छोड़ने के बाद कान्हा ने गुजरात के द्वारका को अपनी राजधानी बनाया था। यहाँ आज भी कान्हा का पौराणिक मंदिर है। इस मंदिर में पूरे साल बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी आते हैं। लेकिन जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ के रंग ही निराले होते हैं। द्वारका जन्माष्टमी पर्व मनाने के लिए एक बेहतर स्थान है। साथ ही यहाँ और भी कई जगहें हैं जहाँ आप घूम सकते हैं।
मुंबई, महाराष्ट्र
जन्माष्टमी की धूम मुंबई में अनोखी होती है। यहाँ जगह-जगह दही हांडी के आयोजन होते हैं। तेज रफ्तार से दौड़ता यह शहर जन्माष्टमी के अवसर पर मानों कान्हा के रंग में पूरी तरह रंग जाता है। यहाँ दादर, वर्ली, ठाणे, लालबाग का दहीहांडी आयोजन बहुत प्रसिद्ध है। बाकी तो हर गली-नुक्कड़ पर लोग अपने स्तर पर इस तरह के आयोजन करते हैं। इसके अलावा आप सपनों की नगरी मुंबई घूमने का भी आनंद उठा सकते हैं।
गुरुवायु मंदिर, केरल
गुरुवायु मंदिर को केरल का द्वारका माना जाता है। इस बात से आप इस मंदिर का महत्व समझ सकते हैं। गुरुवायु मंदिर केरल राज्य के थ्रिसूर जिले में स्थित है। यह एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ है। इस मंदिर भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा होती है। यह मंदिर द्वापर युग के अंतिम समय में बना हुआ बताया जाता है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि देवगुरु बृहस्पति और वायुदेव ने इस मंदिर की स्थापना की थी। इसलिए इस मंदिर का नाम गुरुवायु मंदिर है। इस मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। साथ ही यहाँ और भी कई जगहें हैं जहाँ आप घूम सकते हैं।
पुरी, उड़ीसा
उड़ीसा के पुरी में जन्माष्टमी त्यौहार की धूम दो सप्ताह पहले से ही दिखाई देने लगती है। यहाँ बड़ी संख्या में कल्चरल प्रोग्राम्स का आयोजन किया जाता है। इनमें मध्य रात्रि में होने वाली आरती और प्रार्थना भी शामिल है। इन दो सप्ताह में लगातार श्रीकृष्ण झांकी और नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। आप श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर पुरी जाएंगे तो यह अनुभव कभी भूल नहीं पाएंगे। साथ ही यहाँ आप और भी बेहतरीन जगहों पर घूम सकते हैं।
अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर कही घूमने जानें का प्लान बना रहें है तो इस आर्टिकल के ज़रिए आपके पास बहुत सारे विकल्प आ गए हैं। जहाँ आप घूमने जा सकते हैं। तो देर किस बात कि जल्द ही प्लान बनाएं और निकल पड़ें अपनी यात्रा की ओर।
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