घूमने का मतलब सिर्फ़ ये नहीं है कि हम पहाड़, समुद्र और दिलकश नज़ारे ही देखें। घुमक्कड़ी के माध्यम से हम कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण जगहों को देख सकते हैं। महात्मा गांधी का भारत की आज़ादी में एक महत्वपूर्ण योगदान है। महात्मा गांधी आज़ादी की लड़ाई के दौरान भारत की कई सारी जगहों पर गए थे। भारत की वो जगहें आज भी बेहद ख़ास हैं। उन जगहों पर हमारे बापू की याद में कुछ ना कुछ स्थल बनाए गए हैं। आप और हम उन जगहों पर जाकर बापू को याद कर सकते हैं। भारत में महात्मा गांधी से संबंधित कौन-सी जगहें है और क्या देख सकते हैं? ये पूरी जानकारी हम आपको दे देते हैं?
1. कीर्ति मंदिर, पोरबंदर
पोरबंदर गुजरात की वो जगह है, जहां महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। पोरबंदर में जिस हवेली में महात्मा गांधी का जन्म हुआ था, उसे महात्मा गांधी के जीव पर आधारित एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। पोरबंदर की जगह का नाम कीर्ति मंदिर है। कीर्ति मंदिर पोरबंदर का एक बेहद फ़ेमस आकर्षण का केन्द्र है। इस संग्रह में महात्मा के जीवन की कुछ दिलचस्प तस्वीरें, गांधी जी की चीजें, गांधीवादी दर्शन और एक गांधीवादी पुस्तकालय भी है। आपको पोरबंदर में गांधी जी के घर को ज़रूर देखना चाहिए।
पता: कस्तूरबा रोड, पोरबंदर।
समय: 10:30 AM - 12:00 PM, 3:00 PM - 06:30 PM
2. साबरमती आश्रम
पोरबंदर की तरह साबरमती आश्रम भी महात्मा गांधी के जीवन का एक अहम हिस्सा है। साबरमती आश्रम साबरमती नदी से लगभग 4 मील दूर अहमदाबाद में स्थित है। साबरमती आश्रम में गांधी जी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ 12 साल रहे थे। इस आश्रम को गांधी आश्रम भी कहा जाता है। इसी स्थान से गांधी जी ने दाड़ी मार्च किया था। इस स्थान को अब एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है। इस आश्रम में आप नंदिनी, विनोबा कुटीर, उपासना मंदिर और मगन निवास को देख सकते हैं। इसके अलावा इस आश्रम में एक लाइब्रेरी भी है जिसमें 35,000 से ज़्यादा किताबें हैं।
पता: आश्रम रोड, अहमदाबाद।
समय: 10:00 AM - 06:00 PM
3. अनासक्ति आश्रम, कौसानी
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित कौसानी को भारत का स्विट्ज़रलैंड कहा जाता है। कौसानी में एक जगह है, अनासक्ति आश्रम। इस जगह का संबंध महात्मा गांधी से है। 1929 में जब बापू भारत के दौरे पर निकले थे तब अपनी थकान मिटाने के लिए कौसानी में चाय के बाग़ान के मालिक के अतिथि गृह में दो दिन के लिए रूक गए। महात्मा गांधी कौसानी की सुंदरता से इतने मंत्रमुग्ध हो गए कि वे यहाँ 14 दिन रूके। इस दौरान उन्होंने अनासक्ति योग नाम की पुस्तक की रचना की। बाद में महात्मा गांधी के इस विश्राम स्थल को अनासक्ति आश्रम का नाम दे दिया गया। कौसानी के इस आश्रम में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी पुस्तकों और फ़ोटो का संग्रह है। यहाँ एक छोटा प्रार्थना कक्ष है, जहां हर रोज़ प्रार्थना होती है। कौसानी जाएँ तो अनासक्ति आश्रम को देखना ना भूलें।
पता: अनासक्ति आश्रम, कौसानी।
समय: 10:00 AM - 06:00 PM
4. सेवाग्राम आश्रम, वर्धा
अपनी ज़िंदगी में घूम-घूम कर महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाते रहे। महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम के बाद सेवाग्राम आश्रम की भी स्थापना की थी। नागपुर से लगभग 70 किमी. दूर वर्धा में महात्मा गांधी ने 1936 में सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की थी। महात्मा गांधी अपने जीवन के 12 साल इस आश्रम में बिताए थे। शुरूआत में इस आश्रम में सिर्फ़ गांधी जी की कुटी थी, जिसे स्थानीय लोगों की मदद से बनाया गया था। आज इस कुटी को आदि निवास के नाम से जाना जाता है। बाद में सेवाग्राम आश्रम में कई सारी कुटी बनीं। आप सेवाग्राम आश्रम में आदि निवास के अलावा, बा कुटी, बापू कुटी, बापू का दफ़्तर और आख़िरी निवास को देख सकते हैं।
पता: सेवाग्राम, वर्धा।
समय: 08:00 AM - 05:00 PM
5. गांधी संग्रहालय, मोतिहारी
महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह बिहार के चंपारण में किया था। महात्मा गांधी ने 1917 में नील के किसानों के हक़ में चंपारण सत्याग्रह शुरू किया था। महात्मा गांधी ने एसडीओ की अदालत में वचान दिया था। उस स्थान पर संग्रहालय बना दिया गया है। 1978 में यहाँ पर 48 फ़ीट लंबा स्तंभ भी बनाया गया। जिसे गांधी स्तंभ के नाम से जाना जाता है। यह स्तंभ देश में स्वतंत्रता आंदोलन और गांधी जी पहले सत्याग्रह की जीत की याद दिलाता है। आपको बिहार के इस जगह को ज़रूर देखना चाहिए। इन जगहों के अलावा भारत में कई जगहें हैं जिनके माध्यम से आप बापू को याद रख सकते हैं।
पता: बेलवनवा, मोतिहारी।
समय: 10:00 AM - 06:00 PM
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