पश्चिम बंगाल अपने संस्कृति के लिए जाना जाता है। पश्चिम बंगाल में कई ऐसी महान लोग हुए हैं जिन्होंने दुनिया के पटल पर भारत का नाम रोशन किया है। उन्हीं महान लोगों में शामिल हैं, रविन्द्रनाथ टैगोर। रविन्द्रनाथ टैगोर आज नहीं हैं लेकिन शांतिनिकेतन के रूप में अपनी विरासत छोड़ गए हैं। जहाँ आप उनके बारे में जान सकते हैं। शांतिनिकेतन बोलपुर कस्बे में स्थित है। शांतिनिकेतन के अलावा बोलपुर में घूमने को और एक्सप्लोर करने के लिए काफी कुछ है। बोलपुर पश्चिम बंगाल की नायाब जगह है जिसके बारे में हर मुसाफिर को पता होना चाहिए।
बोलपुर कोलकाता से लगभग 164 किमी. की दूरी पर है। बोलपुर पश्चिम बंगाल के बिरभुम जिले में पड़ता है। अगर आप शहरों की बिजी लाइफ से दूर जाना चाहते हैं तो वीकेंड पर रिलैक्स करने के लिए बोलपुर शांतिनिकेतन अच्छी जगह है। ये जगह आपको बिल्कुल भी निराश नहीं करेगी। बोलपुर घूमने के लिए आएं तो कम से कम दो दिन का अलग से समय निकालकर आएं।
कैसे पहुँचे?
फ्लाइट सेः अगर आप हवाई मार्ग से बोलपुर आने का प्लान बना रहे हैं तो सबसे नजदीक जेस्सोर में शाह मोखदम एयरपोर्ट है। जेस्सोर से बोलपुर 127 किमी. की दूरी पर है। आप बस या कैब से बोलपुर पहुँच सकते हैं।
ट्रेन सेः यदि आप ट्रेन से बोलपुर आना चाहते हैं तो कोलकाता से बोलपुर के लिए रेगुलर ट्रेन आती हैं। इसके अलावा लोकल ट्रेन भी बोलपुर जाती है। आप ट्रेन से बोलपुर आराम से पहुँच सकते हैं।
वाया रोडः सड़क मार्ग से बोलपुर जाने में आपको कोई परेशानी नहीं आएगी। रोड कोलकाता से अच्छी तरह से कनेक्टेड है। अगर आपके पास गाड़ी है तो आराम से पहुँच सकते हैं। इसके अलावा आप बस से भी बोलपुर जा सकते हैं।
कैसे घूमें?
आप बोलपुर में दो तरीकों से घूम सकते हैं एक तो पैदल-पैदल हर जगह जाए। ये घुमक्कड़ों का सबसे बेस्ट तरीका है लेकिन हर कोई ऐसे नहीं घूम सकते हैं। इसके लिए बोलपुर में आप टो-टो बुक कर सकते हैं। ये आपको बोलपुर की सभी जगहों पर ले जाएगा। टो-टो बोलपुर में पूरे दिन घुमाएगी और इसके लिए आपको 400 से 500 रुपए खर्च करने होंगे।
क्या देखें?
1. कोंकालीमाता मंदिर
पश्चिम बंगाल अपने अनोखे मंदिरों के लिए जाना जाता है। बोलपुर का कोंकालीमाता मंदिर काफी फेमस है जो बोलपुर से 14 किमी. की दूरी पर है। आप इस जगह से अपने बोलपुर की यात्रा शुरू कर सकते हैं। इस मंदिर में आपको स्थानीय लोग संगीत करते हुए दिख जाएंगे। आप मंदिर में कुछ देर बैठकर इसका आनंद ले सकते हैं। ये जगह काफी शांत और सुकून देगी। बोलपुर आएं तो कोंकालीमाता मंदिर आ सकते हैं।
2. बल्लवपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी
अगर आपको प्रकृति से प्यार है तो बोलपुर की बल्लवपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी आपको जरूर पसंद आएगी। शांतिनिकेतन से सिर्फ 3 किमी. की दूरी पर स्थित ये सैंक्चुरी बेहद खूबसूरत है। यहाँ पर एक डियर पार्क भी है। हिरणों को देखकर शायद आपको ये जगह और भी अच्छी लगे। बल्लवपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के जंगल में भटकना आपको अच्छा लगेगा। बोलपुर आओ तो बल्लवपुर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को बिल्कुल भी मिस नहीं करना चाहिए।
3. बुद्ध स्तूप
बोलपुर में सरोजनि शिल्पग्राम के रास्ते में आपको बुद्ध स्तूप मिलेगा। इस बुद्ध स्तूप का रखरखाव शांतिनिकेतन अबेंडकर बुद्धिस्ट वेलफेयर मिशन करती है। बोलपुर मे बुद्ध स्तूप काफी उंचा है जो आपको दूर से भी दिखाई देगा। इस स्तून के आसपास गांव हैं जो इसे और भी खूबसूरत बनाते हैं। बोलपुर आएं तो बुद्ध स्तूप को जरूर देखें।
4. सोनाझुरी हाट
बोलपुर में सोनाझुरी हाट वो जगह है जहाँ हर घुमक्कड़ को आना चाहिए। सोनाझुरी हाट वीकेंड मार्केट है जिसमें स्थानीय लोग अपने हाथ से बनाए सामान को बेचने के लिए लाते हैं। सोनाझुरी हाट काफी बड़ी एरिया में फैली रहती है। ये हाट कोपई नदी किनारे हर शनिवार को लगती है। इस बाजार में कोई भी आ सकता है। आपको हाथ से बनी ऐसी चीजें दिखेंगी कि आप हैरान रह जाएंगें। यहाँ आपको स्थानीय लोग हाथ से बने चीजों से गाते-बजाते हुए भी दिख जाएंगे। कुल मिलाकर सुनाझुरी हाट किसी फेस्टिवल से कम नहीं है।
5. कोपई नदी
नदी हर किसी को आकर्षित करती है। जिस जगह पर नदी होती है वो जगह बेहद खूबसूरत होती है। कोपई नदी मयूराक्षी नदी की सहायक नदी है। कोपई नदी बोलपुर के कई गांवों समेत शांतिनिकेतन के पास से गुजरती है। आप बोलपुर आएं तो इस नदी के किनारे कुछ देर बैठ सकते हैं। घूमते हुए कभी-कभी ऐसी ही जगहों पर खुद के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
6. सरोजनी शिल्पग्राम
बोलपुर में शांतिनिकेतन के अलावा भी कई जगहें ऐसी हैं जो कल्चर को सहेजे हुए हैं। उनमें से ही एक शानदार जगह है, सरोजनी शिल्पग्राम। सरोजनी शिल्पग्राम एक सास्कृतिक हब है जो पूर्वोत्तर के राज्यों की संस्कृति, परंपरा, सभ्यता, संगीत के यंत्र और पेंटिंग्स को दिखाते हैं। यहाँ पर पूर्वोत्तर के अलावा झारखंड, अंडमान निकोबार के बारे में भी जानने और समझने का मौका मिलेगा। हर राज्य की एक अलग पहचान होती है। वो पहचान जानने और समझने का मौका देता है, सरोजनी शिल्पग्राम। सरोजनी शिल्पग्राम में जाने के लिए टिकट भी लगता है जो 10 रुपए का है।
कब जाएं?
बोलपुर का मौसम पश्चिम बंगाल के बाकी जगहों की तरह ही है। यहाँ भी गर्मियों में झुलसा देने वाली धूप होती है। अगर आप बोलपुर को अच्छी तरह से एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो सर्दियों में आना सही रहेगा। इसके लिए दिसंबर से फरवरी का समय सबसे बेस्ट है। इस दौरान आप कभी भी बोलपुर का प्लान बना सकते हैं। बोलपुर में आपको रहने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी। यहाँ पर कई रिसॉर्ट और होटल हैं। आप अपने बजट के हिसाब से किसी में भी ठहर सकते हैं।
कहाँ खाएं?
पश्चिम बंगाल जाओ और यहाँ के स्थानीय फूड न खाओ तो क्या खाक बंगाल घूमा? बोलपुर में कई जगह हैं जहाँ आपको लोकल फूड मिल जाएगा। इसमें शकुंतला रेस्टोरेंट सबसे बेस्ट है। यहाँ पर आपको बंगाली तरीके से खाना परोसा जाएगा। थाली में पकवान देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा। इसके अलावा बोलपुर के सोनाझुरी में कई जगहें हैं जहाँ आप जा सकते हैं।
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