भारत के कुछ शहरों में होली का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है। जानिए किस अंदाज में मनाया जाता है इन शहरों में होली का त्यौहार।
होली का त्यौहार आने में बस कुछ दिन बचे हुए हैं। भारत के हर हिस्से में होली का त्यौहार बड़े ही धूम-धाम में मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे को सुबह से ही होली की शुभकामाएं देते हैं, दोपहर में रंगों के साथ खेलते हैं, तो शाम को एक-दूसरे के घर पर अलग-अलग तरह के पकवान का आनंद लेते हैं। इस ख़ुशी के मौके पर कई लोग और शहर एक अलग अंदाज में ही होली का त्यौहार मानते हैं।
जी हां, भारत में कुछ ऐसी जगह भी जहां होली का एक अलग रूप और अंदाज भी देखने को मिलाता हैं। इन जगहों पर कई देशी और विदेशी सैलानी भी होली का त्यौहार मानाने के लिए आते हैं। आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां होली का एक अलग ही अंदाज देखने को मिलता है, जहां आप भी जाकर होली का लुत्फ़ उठा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं।
कहा जाता है दक्षिण-भारत में होली का त्यौहार बहुत उत्साह के साथ नहीं मनाया जाता है। लेकिन, कर्नाटक का हंपी शहर एक ऐसा स्थान है जहां होली का बिलकुल ही अलग अंदाज देखने को मिलता है। यहां होली का त्यौहार दो दिन तक अमान्य जाता है। कहा जाता है कि होली का दिन रंगों के साथ शुरू होता है और सभी लोग तुंगभद्रा नदी और इससे निकली सहायक नहरों में स्नान करते हैं। साथ में ढोल-नगाड़ों के साथ गली-गली घूमते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं। यहां कई विदेशी सैलानी भी होली के दिन आते हैं।
भारत के पंजाब शहर में होली का त्यौहार एक बेहद भी अलग नाम और अंदाज में मनाया जाता है। कहा जाता है कि पंजाब में होली को होला मोहल्ला नामा से जाना जाता है। पंजाब के आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला का आयोजन होता है। कहा जाता है यहां रंगों के साथ तलवार बाजी, घुड़ सवारी आदि चीजों का आयोजन होता है। इस दिन जगह-जगह लंगर में हलवा, गुजिया और मालपुआ भी लोगों को दिया जाता। कहा जाता है कि यहां 6 दिनों तक होली मनाया जाता है।
होली का त्यौहार गोवा में भी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि यहां होली को शिमगो-उत्सव के नाम से जाता है और होली के दिन रंगारंग सांकृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है। कहा जाता है कि गोवा में होली के आखिरी दिन गोवा में मौजूद सभी बीचों को रंगों से सजाया जाता है जहां देश के साथ-साथ विदेशी सैलानी भी होली खेलने के लिए आते हैं। कहा जाता ही मुख्य से वास्को, मडगांव जैसी जगहों पर इसका एक अलग ही रूप देखने को मिलता है।
जिस अंदाज में उत्तर-भारत और दक्षिण भारत में होली का त्यौहार मनाया जाता है उसे देखते ही बनता है लेकिन, नार्थ-ईस्ट में भी होली का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है। मणिपुर में होली को योसांग उत्सव के नाम से जाता है और यह उत्सव पांच दिनों तक चलता है। इन पांच दिनों में कई सारे प्रोग्राम का आयोजन बड़े ही घूम-धाम से किया जाता है। होली एक दिन पहले यहां के स्थानीय लोग और बच्चे घर-घर जाकर पैसा इकट्टा करते हैं और होली के दिन इन पैसों से बैंड-बाजा जोड़ा जाता है और होली के दिन बजाय जाता है।
इसी तरह मथुरा के अलग-अलग शहरों में भी होली का एक अलग ही अंदाज देखने को मिलता है। अगर आप होली का असल मज़ा उठाना चाहते हैं तो मथुरा के साथ भारत की इन जगहों पर होली में जा सकते हैं।
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