कभी-कभी लगता है कि कहीं अगर स्वर्ग होगा तो पहाड़ों के जैसा ही होगा। इसलिए तो पहाड़ों में जाते हैं तो हर जगह खूबसूरत लगती है। हम जिस जगह पर जाते हैं वो अपनी-सी लगने लगती हैं। स्वर्ग जैसे पहाड़ में अनछुई जगहों का दीदार करना अभी बाकी है। उत्तराखंड का पिथौरागढ़ देवभूमि उत्तराखंड का सबसे बड़ा जिला है। उत्तराखंड के कुमाऊँ में बसा पिथौरागढ़ हर कोई आना चाहता है लेकिन पिथौरागढ़ में ही बेहद सुंदर-सुंदर जगहें हैं जहाँ लोग कम जाते है। पिथौरागढ़ की एक ऐसी ही जगह है, डीडीहाट। डीडीहाट बिल्कुल ठेठ पहाड़ों वाली जगह है। जहाँ चारों तरफ खूबसूरत वादी और प्रकृति की छटा हो। जहाँ आकर आपका कुछ दिन ठहरने का मन करेगा। इस जगह के बाद दिल के कोने में एक गाना जरूर बजेगा, मेरा दिल पहाड़ों में कहीं खो गया।
पिथौरागढ़ का डीडीहाट एक बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। इस जगह का नाम कुमाऊँनी शब्द डंड से लिया गया है जिसका अर्थ होता है, छोटी पहाड़ी। ये जगह बेहद खूबसूरत है। दूर-दूर तक आपको सिर्फ पहाड़ और हरियाली ही दिखाई देगी। अच्छी बात ये भी है कि यहाँ टूरिस्ट का चक्काजाम नहीं मिलेगा। खूबसूरती के अलावा खुद से बात करने के लिए भी अच्छी जगह जगह है, डीडीहाट। समुद्र तल से 1,725 मीटर की ऊँचाई पर बसी ये जगह हर लिहाज से घूमने लायक है। आपको एक बार जरूर इस सुंदर अनछुई जगह पर आना चाहिए।
इतिहास के पन्ने
डीडीहाट के आज के बारे में जानने से पहले उसके कल के बारे में जान लेते हैं। डीडीहाट पर सिराकोट के राइका और मल्ला राजाओं का शासन था। डीडीहाट में प्रचीन मलय नाथ मंदिर राइका राजा ने ही बनवाया था। ये पूरा क्षेत्र नेपाल के दोती राजवंश के क्षेत्र में आता था। 1581 में चंद वंश के रूद्र चन्द्र ने दोती राजवंश के राइका को हरा दिया था। आज भी इस जगह पर कुछ पुराने किले और इमारतें बनी हुई हैं। आजादी से पहले डीडीहाट संयुक्त अवध का हिस्सा था और अल्मोड़ा जिले में आता था। 1960 में ये पिथौरागढ़ जिले में आ गया। 2011 में इसे मुख्यमंत्री ने नया जिला घोषित किया लेकिन आधिकारिक मुहर अब तक नहीं लग पाई है।
क्यों आएं डीडीहाट?
पिथौरागढ़ का डीडीहाट घूमने के लिहाज से कई मायनों में खास है। पहाड़ और जंगलों से घिरी इस जगह की खूबसूरती देखने के लिए आपको डीडीहाट आना चाहिए। आप यहाँ से पंचकुला चोटी की अद्भुत नजारे का दीदार कर सकते हैं। डीडीहाट कैलाश मानसरोवर के रास्ते में पड़ता है। यहाँ सिर्फ आप खूबसूरती का ही नहीं एडवेंचर का भी मजा ले सकते हैं। आप यहाँ ट्रेकिंग, हाइकिंग और कैंपिंग भी कर सकते हैं। पिथौरागढ़ के डीडीहाट में आप कुमाऊँ सस्कृति को भी करीब से देख पाएंगे। आप यहाँ के सिराकोट मंदिर को देख सकते हैं और इसके अलावा असकोट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी भी देख सकते हैं।
क्या करें?
डीडीहाट में वैसे तो देखने को कोई व्यू प्वाइंट नहीं है, कोई नाम वाली जगह है। यहाँ जहाँ आप नजर डालेंगे आपको खूबसूरती ही नजर आएगी। आपको देखना है कि कहां से इस जगह को देखना शुरू करें?
1- पैदल घूमें
किसी नई जगह को घूमने का सबसे अच्छा तरीका है कि वहाँ पैदल घूमें। ऐसे में आपके पास कोई लक्ष्य नहीं होता है, आप बस चलते जाते हैं। ऐसा ही आपको पिथौरागढ़ के डीडीहाट में भी करना है। चलते हुए आपको स्वर्ग जैसी खूबसूरत घाटी, नदी और हरियाली देखने को मिलेगी। ये जगह जितनी शांत लगती है, उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत दिखाई पड़ती है। आप चलते हुए लोगों से मिलेंगे, उनसे बात करेंगे। वो ही इस जगह के बारे में, अपनी दिक्कतों के बारें में बता सकते हैं। अगर आपने ये जान लिया तो आप इस जगह को अच्छे से घूमने में सफल हो गए।
2- हाइकिंग और कैंपिंग
अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो आप यहाँ पर इाइकिंग और कैंपिंग भी कर सकते हैं। आप यहाँ की सबसे ऊँचे पहाड़ तक हाइक कर सकते हैं और फिर जो आप देखेंगे वो किसी जन्नत के तरह ही होगा। आप पंचकुला और त्रिशूल की चोटी को देख पाएंगे। इसके अलावा आप कैपिंग कर सकते हैं। तारों के नीचे रात बिताना सबसे खूबसूरत रातों में से एक होती है। ऐसी ही यादगार रात आप डीडीहाट में बिता सकते हैं। इसलिए डीडीहाट आएं तो ऐसा भी किया जा सकते हैं।
3- असकोट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी
अगर आप डीडीहाट आते हैं तो असकोट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी जरूर देखें। असकोट नाम अस्सी कोट या अस्सी फोर्ट से लिया गया है जो नेपाल में स्थित है। ये भारत की सबसे खूबसूरत वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के लिए जानी जाती है, इसे भारत की भारत का ग्रीन पैराडाइज भी कहते हैं। समुद्र तल से 2 हजार फीट से 22,654 फीट की ऊँचाई पर स्थित ये सैंक्चुरी 600 वर्ग किमी. में फैली हुई है। काली नदी सैंक्चुरी के बीच से बहती है जो भारत और नेपाल को अलग करती है। यहाँ से आप नौकना, नेयोधुरा, छिपलाकोट और नजीरकोट जैसी चोटियों को देख पाएंगे। डीडीहाट आएं तो असकोट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी देखने जरूर जाएं।
4- नमिक ग्लेशियर
अगर आप डीडीहाट घूमने आते हैं तो यहाँ की कुछ आसपास की जगहों को देख सकते हैं। जिनमें से एक नमिक ग्लेश्यिर है। समुद्र तल से 3,600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित नमिक ग्लेशियर डीडीहाट से 30 किमी. दूरी पर है। नमिक ग्लेश्यिर रामगंगा नदी के उद्गम पर स्थित है। यहाँ तक जाने के लिए आपको एक लंबा ट्रेक करना पड़ेगा। नमिक ग्लेशियर चारों तरफ से नंदा देवी, त्रिशूल और नंद कोट चोटी से घिरा हुआ है। यहाँ पर बहुत सारे वाटरफाॅल भी हैं जो इस जगह को और भी खूबसूरत बना देते हैं।
5- जौलजीबी
जौलजीबी इंडो-नेपाल की सीमा पर बसा एक छोटा-सा कस्बा है। ये कस्बा डीडीहाट से 31 किमी. की दूरी पर है। ये जगह काली और गोरी नदी के संगम पर बसा हुआ है। नदी किनारे दोनों देश में एक छोटा-सा बाजार लगता है। उसी बाजार को जौलजीबी के नाम से जाना जाता है। ये बाजार ही इस जगह को खास बनाता है। जौलजीबी में साल में एक व्यापार मेला भी होता है जो देखने लायक होता है। डीडीहाट आएं तो इस मार्केट को भी देख सकते हैं।
कब जाएं?
डीडीहाट उत्तराखंड के बेहद अंदरूनी हिस्से में आता है। सर्दियों में यहाँ चारों तरफ बर्फ ही बर्फ होती है। जिससे रास्ता बंद हो जाता है, ऐसे में सर्दियों में यहाँ आना समझदारी नहीं है। आपको डीडीहाट की असल खूबसूरती को देखना है तो गर्मियों मे ही देख सकते हैं। इसलिए आपको अप्रैल से जून के बीच आना चाहिए। डीडीहाट एक छोटी-सी जगह है इसलिए यहाँ पर ठहरने के बहुत ऑप्शन नहीं है। यहाँ पर एक गेस्ट हाउस है, इसके अलावा कुछ होटल भी हैं जहाँ आप ठहर सकते हैं।
कैसे पहुँचे?
अगर आप फ्लाइट से डीडीहाट जाना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर है। पंतनगर एयरपोर्ट से डीडीहाट की दूरी 264 किमी. है। यहाँ से आप बस और टैक्सी से डीडीहाट पहुँच सकते हैं। वहीं सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर 202 किमी. और काठगोदाम 230 किमी. की दूरी पर है। यहाँ से भी आप बस या टैक्सी से जा सकते हैं। अगर आप डीडीहाट वाया रोड जाना चाहते हैं तो पिथौरागढ़ तक तो आप बस से आराम से पहुँच सकते हैं। पिथौरागढ़ से डीडीहाट की दूरी 33 किमी. है। आप वहाँ से टैक्सी करके डीडीहाट जा सकते हैं।
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