कल्पना कीजिए कि आप शहर की भीड़ भांड से दूर खूबसूरत पहाड़ों और हरियाली से घिरे एक गाँव में हैं। जहां ज़िंदगी धीमी से भी धीमी चलती है। ठंडी-ठंडी हवाएँ आपके चेहरे को स्पर्श करती हैं तो एक अलग ही सुकून मिलता है। मैं आपको उत्तराखंड के ऐसे ही प्राचीन गाँव की सैर पर ले जाना चाहता हूँ जो सुंदर तो है ही काफी ऐतिहासिक भी है। उत्तराखंड के इस सुंदर गाँव का नाम है, ओसला। ओसला वो गाँव है जहां पांडवों की नहीं कौरवों के दुर्योधन की पूजा होती है। इस गाँव तक पहुँचना आसान नहीं है लेकिन सबसे सुंदर दृश्य सबसे कठिन रास्तों पर ही देखने को मिलते हैं।
पहाड़ों और सेब के पेड़ों से घिरा ओसला गांव समुद्र तल से 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में स्थित ओसला गाँव गोविंद नेशनल पार्क में आता है। इस गाँव तक पहुँचने के लिए आपको सांकरी में अनुमति लेनी होती है। लगभग 5 हज़ार साल पुराना ओसला गाँव हर की दून ट्रेक के रास्ते में मिलता है। तालुक़ा गाँव से ओसला लगभग 14 किमी. की दूरी पर स्थित है। आपको एक बार उत्तराखंड के इस खूबसूरत गाँव की यात्रा तो करनी ही चाहिए।
पौराणिक कथा
ओसला के पास में ही एक शानदार स्वर्गरोहिणी चोटी है। कहा जाता है कि महाभारत के युधिष्ठिर एक कुत्ते के साथ इसी चोटी से स्वर्ग गए थे। इस इलाक़े को महाभारत काल के लिए भी जाना जाता है। कहा जाता है कि ओसला गाँव में दुर्योधन की पूजा होती है, इसके पीछे एक कहानी है। कहा जाता है कि दुर्योधन ओसला गाँव पहुंचा तो उसे गाँव के संरक्षक महासू देवता के बारे में पता चला। दुर्योधन ने महासू देवता को प्रसन्न किया और बदले में महासू देवता ने दुर्योधन को गाँव सौंप दिया। दुर्योधन ने गाँव का लोगों की रक्षा की और ख़्याल रखा। गाँव के लोगों ने दुर्योधन का मंदिर बनवाया और उसकी पूजा अर्चना शुरू कर दी।
कैसे पहुँचे?
ओसला गाँव पहुँचने के लिए आपको हर की दून के ट्रेक का प्लान बनाना होगा। इसके लिए आपको पहले सांकरी गाँव पहुँचना होगा। फ़्लाइट और ट्रेन से सबसे पहले आपको देहरादून पहुँचना होगा। देहरादून से सांकरी गाँव 200 किमी. की दूरी पर है। आप बस से सांकरी गाँव पहुँच सकते हैं। सांकरी गाँव से आपको तालुक़ा गाँव जाना पड़ेगा जो सांकरी से 11 किमी. की दूरी पर है। तालुक़ा से ही हर की दून का ट्रेक शुरू होता है। नदियों और जंगलों से गुजरने वाला ये ट्रेक बेहद खूबसूरत है। तालुक़ा से लगभग 15 किमी. की दूरी पर ओसला गाँव स्थित है। ओसला गाँव में लगभग 250 घर है।
क्या करें?
सोमेश्वर मंदिर
ओसला गाँव में देखने के लिए वैसे तो पहाड़ और नदियाँ तो हैं ही इसके अलावा प्राचीन मंदिर भी है। ओसला गाँव में स्थित सोमेश्वर मंदिर महाभारत काल का माना जाता है। लकड़ी से बने इस मंदिर का आर्किटेक्टर बेहद शानदार है और देखने लायक़ है। कहा जाता है कि यही दुर्योधन का मंदिर है जिसे अब सोमेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। ओसला गाँव की यात्रा में इस मंदिर को तो देखना ही चाहिए।
गाँव घूमें
कहा जाता है कि किसी भी नई जगह पर जाओ तो उस जगह को पैदल घूमना चाहिए। ऐसा करने से आप उस जगह को अच्छे से जान लेते हैं। ओसला गाँव तो एक छोटा-सा पहाड़ी गाँव है जिसे पैदल घूमने में आपको मज़ा भी आएगा। पैदल घूमते हुए आपको सुंदर नज़ारे देखने को मिलेंगे। गाँव में चलते हुए आप स्थानीय लोगों से बातें कर सकते हैं और इस गाँव की संस्कृति और परंपरा के बारे में अच्छे से जान सकते हैं। हो सकता है कि गाँव घूमते हुए आपको ऐसी नई जगह मिल जाए जिसके बारे में आपको पता ही ना हो।
ट्रेकिंग
अगर आपको रोमांच पसंद है तो ओसला गाँव आपको पसंद आएगा। पहले तो आपको तालुक़ा गाँव से ओसला गाँव तक पहुँचने के लिए ट्रेक करना पड़ेगा। ओसला गाँव हर की दून ट्रेक के रास्ते में पड़ता है। ओसला गाँव से पहले भी एक गाँव मिलता है। ये ट्रेक पहाड़, जंगल और नदियों से होकर गुजरता है। ओसला गाँव से आप हर की दून के ट्रेक को कर सकते हैं। इसके अलावा बाली पास के ट्रेक को भी कर सकते हैं। बाली पास का ट्रेक सबसे कठिन ट्रेक में से एक है। अगर आपको ट्रेकिंग का अनुभव है तभी बाली पास के ट्रेक को करने के बारे में सोचें।
कैंपिंग
हर घूमने वाले का सपना होता है कि पहाड़ों में वो टेंट लगाकर रूके और रात में असंख्य तारों से से सुंदर नज़ारे को देख सके। अगले दिन जब आप सुबह उठें तो पहाड़ के सुरमयी नजारा देखकर आप दिल खुश हो जाए। ओसला गाँव में आप अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। ओसला गाँव में आप टेंट लगाकर कैंपिंग कर सकते हैं। इसके अलावा गाँव के होमस्टे में आप ठहर सकते हैं।
कब जाएँ?
ओसला गाँव पहाड़ों से घिरा एक बेहद सुंदर गाँव है। ओसला गाँव उत्तराखंड के रिमोट इलाक़ों में से एक है। सर्दियों में यहाँ जमकर बर्फ़बारी होती है और बारिश में पहाड़ की यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर आप हरियाली का मज़ा लेना चाहते हैं तो मई-जून ओसला जाने का अच्छा समय होता है। इसके अलावा बर्फ़बारी के लिए आप सर्दियों के मौसम में यहाँ जा सकते हैं। ओसला में आपको ठहरने में ज़्यादा दिक़्क़त नहीं होगी क्योंकि इस गाँव में कई सारे होमस्टे हैं जिनमें आप ठहर सकते हैं। अगर आपको रोमांच और ऐसे शानदार गाँव को देखना पसंद है तो एक बार ओसला गाँव की यात्रा का प्लान ज़रूर बनाइए।
सुझाव:
1- ओसला गाँव तक पहुँचने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ेगी तो आपने साथ ट्रेकिंग का सामान ज़रूर रख लें।
2- आप अपने साथ पानी की बोतल, गर्म कपड़े, स्टिक और मेडिसिन किट भी ज़रूर रख लें।
3- ओसला गाँव में कोई दुकान नहीं है, आप सांकरी से ही अपनी ज़रूरत का सभी सामान ले लें।
4- ओसला गाँव में कोई बिजली नहीं है। इसके अलावा यहाँ बैंक और एटीएम नहीं हैं।
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