ज़िन्दगी के किसी मोड़ पर ऐसा मन ज़रूर करता है कि शहरी ज़िन्दगी को अलविदा कहकर किसी पहाड़ या फिर किसी शान्त जगह पर अपना प्यारा सा घर बसाया जाए। सिक्किम में ऐसी जगह का नाम है पेल्लिंग। एक शान्त क़स्बा, जो कंचनजंगा के ठीक नीचे स्थित है। जगह कहूँ या स्वर्ग कहूँ, आप ख़ुद ही देखकर बता देना। समुद्रतल से 2,150 मीटर ऊँची इस जगह पर पहाड़ों के वो शानदार नज़ारे हैं, जो देखने के लिए आप बार-बार यहाँ आना चाहेंगे। चाहे हरियाली हो, या फिर हो घूमने की जगहें, किसी का कोई जवाब नहीं। इनके ही बीच में स्थित है पेल्लिंग का रिसॉर्ट चुंबी माउंटेन रिट्रीट एंड स्पा।
किसके लिए है
प्रेमी जोड़ों के लिए, जो अपना क्वालिटी टाइम यहाँ पर बिताने आना चाहते हैं। सोलो ट्रैवलर्स के लिए, जो इसके आस-पास अपने लिए नए टूर पर निकलना चाहते हैं या फिर अपने परिवार के साथ कुछ दिन की छुट्टियाँ बिताने वालों के लिए।
प्रॉपर्टी के बारे में
बेहद ही आकर्षक और अतुलनीय पेल्लिंग के इस रिसॉर्ट की लोकेशन ही सबसे ज़्यादा दिल चुराने वाली है। कंचनजंगा की पहाड़ियाँ इसके ठीक सामने हैं। हिमालय पर बसे इस रिसॉर्ट का ये नज़ारा ही दिन की शुरुआत से ही आपको इसका दीवाना बना देता है। मॉडर्न और समकालीन चीज़ों का मिश्रण कुछ इस तरह से निखर कर आया है कि उसमें सिक्किम की सांस्कृतिक झलक बख़ूबी नज़र आती है। पाँच सितारा वाले इस लग्ज़री रिसॉर्ट को पेल्लिंग का सबसे शानदार रिसॉर्ट माना जाता है। अपनी बेहतरीन वास्तुकला का उदाहरण यह रिसॉर्ट अपने में ही सिक्किम के मठों का रंग भी अपने भीतर समेटे है। यहाँ की इमारतों में आपको हाथ का बारीक काम देखने को मिलेगा। इसके साथ ही कई ऐतिहासिक जगहें भी इसी रिसॉर्ट से सीधी दिखाई देती हैं।
कमरे
रिसॉर्ट के हर कमरे में वूडेन फ़्लोरिंग की सुविधा है। ज़रूरी लेकिन सीमित इंटीरियर भी हर कमरे में मौजूद है। बड़े बाथरूमों में आपकी सुविधा का पूरा ख़्याल रखा गया है। वहीं अगर आपका दिल इससे भी रॉयल लग्ज़री में ठहरने का है, तो आप राज सूईट, युकसोम या फिर राबडेंट्से का चुनाव कर सकते हैं। राज सूईट अपने अमूल्य फ़र्नीचर और राजाओं वाली व्यवस्था का सा नज़रिया दिखाता है, वहीं युकसोम और राबडेंट्से में आपको पारम्परिक दुनिया की झलक मिलती है। दोनों ही माहौल शानदार है, दोनों ही रहने के लिए बेहतरीन।
ज़ायका
सिक्किम के पारम्परिक ज़ायके के साथ यहाँ के रेस्तराँ में कई क्विज़ीन का स्वाद उपलब्ध है। सभी प्रकार के मसालों से लेकर सब्ज़ियाँ और मूलभूत खाने की चीज़ें प्राकृतिक और ख़ुद की बनाई हुई हैं जो यहाँ के ही बाग़ से सीधी लाई जाती हैं। इन बागों में आपको सब्ज़ियाँ, मसाले, दाल, चाय और फलों की भरमार मिल जाएगी।
द्येनखांग नाम के एक रेस्तराँ पर आपको सिक्किम का शुद्ध पारम्परिक खाना मिलेगा। दूसरा रेस्तराँ है बेसकैंप-17,400 फ़ीट। कंचनजंघा के सबसे बढ़िया पैनारोमा वाले नज़ारे यहाँ से मस्त दिखते हैं। एक हाथ में कॉफ़ी और दूसरे में सैंडविच लेकर एक के ऊपर दूसरा पाँव रखके इन्हें देखने से बढ़िया काम और क्या होगा। गोल्डन बैम्बू नाम का मल्टी क्विज़ीन रेस्तराँ भी अपने अलग ज़ायकों के लिए बहुत मशहूर है। यहाँ पर आपको कॉन्टिनेंटल और भारतीय खाना अच्छी क्वालिटी में मिल जाएगा।
क़ीमत
डबल बेडरूम वाले एक कमरे का किराया 10,000 रु. तक है, जिसमें ब्रेकफ़ास्ट जुड़ा हुआ है।
कब जाएँ
अक्टूबर से मई का सबसे बढ़िया समय है पेल्लिंग घूमने के लिए। अगर सबसे बढ़िया समय बिताना है तो गर्मियों का समय चुनें।
नज़दीक में घूमने के लिए
1. सांग चोलिंग मठ
सांग चोलिंग मठ सिक्किम के सबसे पुराने मठों में एक है। रिज़ॉर्ट से इसकी दूरी क़रीबन 2.5 कि.मी. की होगी। अपने सुन्दर दार्शनिक वातावरण और विभोर कर देने वाले माहौल के कारण पर्यटकों के घूमने की जगह भी महत्त्वपूर्ण हो गई है। बस यहाँ आने के लिए थोड़ी सी हाइकिंग और ट्रेकिंग की ज़रूरत होगी।
2. पेमियांगसे मठ
यहाँ से 3 किमी0 दूर पेमिंयांगसे मठ है। यह भी सांगचोलिंग मठ की ही तरह आकर्षक और शान्त है। बौद्ध दर्शन से जुड़ी कई पेंटिंग और भगवान बुद्ध की कई मूर्तियाँ आप यहाँ देख सकते हैं।
3. दरप गाँव
ठेठ घुमक्कड़ों को घूमने के लिए कहीं जाना चाहिए तो उस जगह का नाम है दरप। यह गाँव पहले ही बहुत कम पर्यटकों की नज़र में आया है। कई होमस्टे भी उपलब्ध हैं, जहाँ आप आराम फ़रमा सकते हैं। हाइकिंग के लिए जा सकते हैं, लिंबू हाउस में रहने का मौक़ा पा सकते हैं। पंछी दर्शन करिए या फिर पहाड़ों को घंटों ताकते रहिए।
रिम्बी जलप्रपात दरप गाँव से कुल 5 किमी0 की दूरी पर होगा। ये रास्ता भले कुछ लम्बा लगे लेकिन ये मेहनत यहाँ आने के बाद ज़रूर सफल होगी। भले ही यह जलप्रपात सिक्किम के दूसरे जलप्रपातों के मामले में छोटा हो, लेकिन आकर्षण के मामले में यह बिल्कुल भी छोटा नहीं है। तैराकी करने और मछलियाँ पकड़ने यहाँ बहुत लोग आते हैं। असाला नाम की मछली यहाँ ख़ूब खाई जाती है।
अपने बेहद आकर्षक नज़ारों और एक अच्छी जगह पर स्थित होने के कारण यह मेरी पसंदीदा जगह है। बौद्ध और हिन्दू, दोनों ही धर्मों के लोग इसे बहुत मानते हैं। इसके साथ ही ट्रेकिंग के उद्देश्य से भी लोग यहाँ आते हैं।
पेल्लिंग कैसे पहुँचें
हवाई मार्गः सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा बागडोगरा का है, जो यहाँ से 145 किमी0 दूर है। वहाँ से आपको यहाँ आने में कुल 5 घंटे का समय लगेगा।
रेल मार्गः 152 किमी0 दूर सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी का है। वहाँ से आपको यहाँ आने के लिए टैक्सी मिल जाएँगी।
सड़क मार्गः पेल्लिंग तक सड़क मार्ग से पहुँचने का रास्ता बहुत बढ़िया है। अच्छी सड़कों के साथ-साथ प्राइवेट कैब और बस की भी सुविधा उपलब्ध है। चूँकि ऊँचाई काफ़ी ज़्यादा है यहाँ की, इसलिए सूमो या फिर बोलेरो का चयन करें।
मुझे उम्मीद है कि इस जगह के बारे में पढ़कर आपको जितना रोमांच आया, उससे कहीं ज़्यादा यहाँ आकर आएगा, तो लॉकडाउन और कोरोना के खत्म होने के बाद यहाँ का प्लान ज़रूर बनाएँ।
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