पटनीटाॅप प्राकृतिक झरने और सघन देवदार में लिपटे हिल स्टेशन पटनी टॉप, जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में स्थित एक सुंदर हिल रिसॉर्ट है।पटनीटाप नाम से कुछ भ्रम सा पैदा होता हैं, सोची पहले इसके नाम के बारे में पता किया जाये!
पटनीटाॅप अपभ्रंश है पाटन का तालाब यानी रानियों का कुंड ! पुरातन युग में यहां गुणकारी औषधीय जलयुक्त एक तालाब हुआ करता था जिसमें रानियां स्नान किया करती थी! इस तरह का सूक्ष्म अस्तित्व अभी मौजूद है !फिरंगी की जबान ने पाटन दा तालाब को तोड़ मरोड़ अपभ्रंश कर दिया पटनीटॉप! अंग्रेजों से पहले महाराजा उधम सिंह की रानियां यहां के प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर झरनों में स्नान किया करती थी! चिनाब नदी बगल से गुजरती है!
पत्नीटॉप भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के उधमपुर ज़िले में एक पर्यटक स्थल है। यह जम्मू से लगभग 112 किमी दूर है और एक पठार पर 2,024 मीटर (6,640 फ़ुट) की ऊँचाई पर चेनाब नदी के समीप स्थित है। पटनीटाॅप सिर्फ गर्मियां ही नहीं बल्कि सर्दियां भी मनभावन होती हैं।शीत ऋतु में यहाँ भारी हिमपात होता है! लंबे लंबे चीड़ और देवदार के पेड़ हर उस शख्स को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं जो प्रकृतिप्रेमी हैं। साल भर इसकी खूबसूरत ढलानों पर जमी रहने वाली बर्फ भी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेने की शक्ति रखती है।देवदार के घने जंगल, घुमावदार पहाडियाँ, लुभावने दृश्य और शांत वातावरण पटनीटॉप को पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं।
सघन देवदार बन के लिहाफ में लिपटे इस हिल स्टेशन का रूप ग्रीष्म में अलग और शीत में अलग होता है !घुड़सवारी, पिकनिक ट्रैकिंग पैराग्लाइडिंग गोल्फ प्रेमियों के लिए गर्मियों का स्वर्ग है ,वहीं जाड़ों में पर्वत ऊपर मोटी बर्फ का चादर स्कींइग तथा बर्फानी खेल प्रेमियों के लिए पसंदीदा जगह बन जाती है ! पूरे साल के यहाँ की सैर के लिए उपयुक्त समय मई से जून के बीच तथा सितंबर से अक्टूबर के बीच का है। दिसंबर से फरवरी के बीच का समय साहसिक खेलों जैसे स्कीइंग और ट्रेकिंग के लिए उपयुक्त है।फोटोग्राफी के लिए भी उपयुक्त है।
पडोरा चौक से बाजार की ओर मुड़ते हैं जम्मू कश्मीर टूरिस्ट विभाग के दफ्तर, कशीदाकारी वाले ,शॉल पठानी सूट ,लकड़ी के कलात्मक हैंडीक्राफ्ट की दुकान में हर तरफ देखने को मिलती है !ध्यान बार-बार हरे झोपड़ीनुमा गेस्ट हाउस पर जाता है! कितने कलात्मक होते हैं, पारंपरिक कश्मीरी घर लकड़ी की दीवारें, छत ,काठ का फर्श जिस पर गुदगुदा गलीचा भी होता है !साथ में रसोई भी होती हैं चाहे तो आप खुद पका कर खाइए ! घर देखते ही बनता है ! कुछ जमीन के अंदर मिट्टी के घर बने हुए थे! समयावधि कम होने के कारण इसके बारे में ज्यादा जान न सकी!