इंदौर, मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा शहर है, जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, प्राकृतिक, प्रशासनिक और शैक्षणिक रूप से काफी महत्व रखता है। व्यापारिक गतिविधियों की वजह से इसे राज्य की वाणिज्यिक राजधानी भी कहा जाता है। यह देश का एकमात्र ऐसा शहर है, जहां आईआईएम और आईआईटी दोनों मौजूद हैं। इस शहर का अपना अलग इतिहास भी है, जो कई शक्तिशाली सम्राटों से जुड़ा है। सन् 1724 में यह मराठा साम्राज्य का हिस्सा बन गया था। मल्हारराव यहां के पहले सूबेदार बने जिन्होंने बाद में होलकर राजवंश की नींव रखी।
पर्यटन की दृष्टि से भी यह शहर काफी ज्यादा मायने रखता है, आप यहां कई दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कर सकते हैं, जिनमें राजबाड़ा, कांच मंदिर, कृष्णुरा की छतरियां, कान्हा नदी, खजराना मंदिर आदि शामिल हैं। इस शहर के आसपास भी बहुत से खूबसूरत स्थल मौजूद हैं, जहां की सैर आप इंदौर भ्रमण के दौरान कर सकते हैं। आज मैं आपको इंदौर जिले में स्थित एक खास जलप्रपात के बारे में बताने जा रहीं हूं, माना जाता है कि इसका पानी पाताल तक जाता है। जिससे आप यह भी जान पाएंगे कि यह जलप्रपात आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है। तो आइए जानते है इसका विस्तृत वर्णन।
पातालपानी जलप्रपात
इस अद्भुत और बेहद खास जलप्रपात का नाम है, पातालपानी, जो इंदौर जिले के महू तहसील में स्थित है। यह एक विशाल जलप्रपात है, जिसकी ऊंचाई लगभग 300 मीटर की है। मॉनसून के दौरान यह जलप्रपात अद्भुत रूप पेश करता है। इस स्थल से किवदंती भी जुड़ी है, माना जाता है कि इस झरने के कुंड की गहराई अभी तक नापी नहीं गई है, और कहा जाता है कि इस कुंड का पानी पाताल तक अपना सफर पूरा करता है। इसलिए इसका नाम पातालपानी रखा गया है। यह भारत के सबसे खतरनाक वाटरफॉल में गिना जाता है, जहां जरा सी भी लापरवाही जान ले सकती है। इस झरने से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को भी हम आपसभी को जरूर रुबरू करेंगे तो आइए जानते हैं।
गतिविधियां
यह जलप्रपात अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ-साथ और भी कई मायनों में खास माना जाता है। यह पर्यटकों के लिए एक शानदार पिकनिक स्पॉर्ट भी है, जहां वीकेंड पर लोग आना पसंद करते हैं। खासकर सर्दियों को दौरान यहां सैलानियों का भारी जमावड़ा लगता है। आप यहां परिवार के साथ पिकनिक मनाने के अलावा ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का रोमांच भर आनंद भी ले सकते हैं। यहां दूर-दूर से एडवेंचर के शौकीनों का आगमन होता है। ट्रेकिंग के दौरान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखे। कुंड की गहराई बहुत ज्यादा है, इसलिए भूल से पानी में उतरने या छलांग लगाने की कोशिश न करें।
क्यों आएं पातालपानी ?
पातालपानी जलप्रपात कई मायनों में आपकी यात्रा का खास बना सकता है। इस झरने की ऊंचाई और इसका अंतहीन कुंड मुख्य आकर्षण का केंद्र है, जिसे हर कोई देखना चाहेगा। आसपास का इलाका काफी हरा-भरा है, इसलिए यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए भी काफी ज्यादा मायने रखता है। यहां एडवेंचर के शौकीन ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। कुछ नया जानने वाले जिज्ञासुओं के लिए भी यह स्थल काफी ज्यादा महत्व रखता है। एक शानदार यात्रा के लिए आप यहां आ सकते हैं।
आने का सही समय
पातालपानी आने का सबसे आदर्श समय मॉनसून के बाद से शुरु होता है, यानी आप यहां अक्टूबर से लेकर फरवरी के मध्य का प्लान बना सकते हैं। ग्रीष्मकाल के दौरान यह जलप्रपात सूख जाता है, और गर्मी भी काफी पड़ती है। मॉनसून के दौरान यह जलप्रपात अत्यधित जल ग्रहण करता है, और खतरे की आशंका ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए अच्छा होगा आप इस दौरान यहां न आएं। सर्दियां यहां आने का आदर्श समय है, आप इस दौरान अपने आनंद और रोमांच को दुगना कर सकते हैं।
कैसे करें प्रवेश
पातालपानी जलप्रपात इंदौर जिले के महू नामक नगर में स्थित है, जहां आप परिवहन के तीनों साधनों की मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का निकटतम हवाईअड्डा इंदौर एयरपोर्ट है, जहां से आप प्राइवेट ट्रैक्सी या बस से महू पहुंच सकते हैं। रेल सेवा के लिए आप पातालपानी रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं, जो इंदौर से सीधे जुड़ा हुआ है। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों के जरिए भी पहुंच सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से महू राज्य के छोटे-बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। तो आपको यहां आने में कोई कठिनाई नहीं होगी। तो जब भी आपके मान मैं एक एडवेंचर्स ट्रिप के बारे में ख्याल आएं तो इस बेहतरीन जगह के बारें में जरूर सोचिएगा।
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