एक सुंदर नीली झील और उसमें कभी इधर कभी उधर तैरता टापू - पराशर झील

Tripoto
4th Mar 2021
Photo of एक सुंदर नीली झील और उसमें कभी इधर कभी उधर तैरता टापू - पराशर झील by Roaming Mayank

भारत में कई स्थलों का नाम पौराणिक कथाओं के आधार पर रखा गया है। प्रकृति के सौंदर्य से सराबोर हिमाचल की देवभूमि में स्थित पराशर (प्रशर) झील, ऐसी ही एक जगह है। मनोरम धौलाधार पर्वतमाला के पहाड़ों के बीच स्थित यह अंडाकार झील एकदम बचपन में अपने हाथों से कागज पर बनायी किसी कल्पना की चित्रकारी जैसी दिखती है। मानो यहां किसी उत्कृष्ट चित्रकार ने प्रकृति के कैनवास पर इसे, जीवंत रूप दे दिया हो।

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तो आइये, चलें फिर...🚴🚙...मंडी...

पराशर झील जाने वाला ट्रेक

Photo of Himachal Pradesh by Roaming Mayank

हिमाचल प्रदेश का जिला मंडी, जहां से 50 किमी दूर और समुद्रतल से करीब 2750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, रहस्यमई रूप से गहरी और नीली पराशर झील। यहां पैगोडा शैली (शिवालय जैसा) में बना तीन मंजिला एक मंदिर है जो पौराणिक ऋषि पराशर को समर्पित है। माना जाता है कि इन्होंने प्राचीन काल में गहरे नीले पानी की इस झील पर तपस्या की थी।

पराशर झील, मंडी

Photo of Mandi by Roaming Mayank

यहां नीली, शानदार दृश्यों से घिरी झील के बगल में एक शिवालय जैसे मंदिर का चित्र आपकी यादों में हमेशा के लिए छप जाता है। अथाह और नीले रंग की इस झील में एक लगभग गोल आकृति का तैरता हुआ टापू है, जो भारत भर में बहुत ही कम मिलने वाली एक असामान्य प्राकृतिक घटना है। यह अपघटन के विभिन्न चरणों में पहुंच चुके पादप पदार्थों की कई सतहों से बना है। इसके पानी मे तैरने का कारण इसके पौधों की जड़ों में मौजूद ऑक्सीजन है, जिसकी अधिक मात्रा के कारण यह तैरता रहता है। झील में ये सभी दिशाओं में तैरता है और झील के क्षेत्रफल का चौदहवां हिस्सा है।

कमाल की बात है कि आज आधुनिक तकनीकी का युग होने के बाद भी अभी तक, कोई भी पराशर झील की गहराई नाप नहीं पाया है। माना जाता है कि गोताखोर इसकी गहराई नापने में सक्षम नहीं हैं। रोचक बात ये है कि स्थानीय लोगों के अनुसार एक बार तूफान के कारण बड़े-बड़े पेड़ों को पानी में डूबते देखा था और वो भी बाहरी सतह पर कोई निशान छोड़े बिना।

सर्दियाँ, पराशर झील

Photo of Prashar Lake by Roaming Mayank

गर्मियां, पराशर झील

Photo of Prashar Lake by Roaming Mayank

मॉनसून, पराशर झील

Photo of Prashar Lake by Roaming Mayank

ट्रेक:

पराशर ट्रेक इस क्षेत्र के प्रसिद्ध ट्रेक में से एक है। 16 किमी लंबा ट्रेक बग्गी (बेस कैंप) गाँव से शुरू होता है, जिसे पूरा करने में आमतौर पर दो दिन लगते हैं। यहाँ से शुरू होने वाली इसकी पगडंडियां जंगलों और पहाड़ी ढलानों से होकर धौलाधार पर्वत से गुजरती है। यहां से आप पीर-पंजाल और किन्नौर चोटियाँ भी देख पाएंगे। यकीन रखिए आपका दिल लौटने को जल्दी तैयार नहीं होगा।

सही समय:

बर्फ से रुबरु होने के लिए जनवरी और फरवरी माह में आइये, वैसे आप साल में कभी भी जा सकते हैं।

पराशर ट्रेक

Photo of Baggi by Roaming Mayank

पेड़ों से झरती बर्फ, पराशर ट्रेक

Photo of Baggi by Roaming Mayank

सेब के बगीचे, पराशर ट्रेक

Photo of Baggi by Roaming Mayank

इस ट्रेक के लिए कुल्लू घाटी के मंडी और बाजौरा दोनो जगहों से पहुंचा जा सकता है। दोनों जगहों से दूरी लगभग 50 किमी है। रास्ते मे आप नीचे तेज बहाव में बहती ब्यास नदी को देख प्रफुल्लित हो उठेंगे।

इतिहास :

झील के बगल में बने मंदिर का निर्माण तेरहवीं शताब्दी में किया गया था और किंवदंती है कि इसे एक ही पेड़ से एक बच्चे ने बनाया था। महाभारत के बाद पांडव भगवान कमरुनाग के साथ इस ओर से लौट रहे थे। जब वे इस स्थान पर पहुंचे तो कमरुनाग को यहां के शांत वातावरण से इतना स्नेह हो गया कि, उन्होंने हमेशा के लिए यहां रहने का फैसला कर लिया। तब भीम ने अपनी कोहनी से पहाड़ों के बीच जमीन में एक बड़ा गड्ढा बनाया और इस झील का निर्माण हुआ। आज भी स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि, झील भीम की कोहनी के आकार में है। इसलिए इस क्षेत्र को कामरू घाटी के नाम से और झील को कमरुनाग झील के नाम से भी जाना जाने लगा

पराशर मंदिर

Photo of Bajaura by Roaming Mayank
Photo of Bajaura by Roaming Mayank

पीर पंजाल

Photo of Pir Panjal Range by Roaming Mayank

विधु विनोद चोपड़ा ने करीब फिल्म की शूटिंग का महत्तवपूर्ण हिस्सा पराशर झील और इसके आसपास फ़िल्माया था। अब इसे पर्यटकों और झील का सौभाग्य कहें या फिल्म से जुड़े लोगों का दुर्भाग्य कि, फिल्म नहीं चली और ये खूबसूरत जगह लद्दाख की पैनगांग झील की तरह भीड़ का अड्डा बनने से बच गई। पर एक घुमक्कड़ की नजर से ऊपर वाला सौभाग्य ज्यादा जरूरी था। ताकि हम, आप और आने वाली पीढ़ियां भी प्रकृति का उतना ही आनंद ले सकें जितना हमें मिला।

इस झील को देखकर आपको एक अलग ही एहसास होगा और प्रकृति की विविधता का नया आयाम देखने करने का मौका मिलेगा। परिवार, दोस्तों किसी के भी साथ आने के लिए ये ट्रेक बहुत ही खूबसूरत और उपयुक्त है। अपने मन-मस्तिष्क की चेतना को फिर से छूने ये मौका आप गंवाना नहीं चाहेंगे। तो फिर करिए तैयारी, झील सी गहरी आंखों में पुतलियों के समान चंचल मन को कभी इधर कभी उधर घूमता देखने के लिए।

ये विवरण आपको कैसा लगा, कमेंट बॉक्स में बताएं । धन्यवाद, अनवरत चलना और दुनिया को नए नए नजरिए से देखना, यही है घुमक्कड़ जिज्ञासा 🙏🙏🙏

वसंत आगमन, पराशर

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पराशर झील

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तैरता टापू

Photo of एक सुंदर नीली झील और उसमें कभी इधर कभी उधर तैरता टापू - पराशर झील by Roaming Mayank

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