पहाड़ों में आम तौर पर खूबसूरत वादियों के नज़ारों के साथ ताज़ी हवा में कुछ समय बिताना हर किसी पर्यटक की सूची में जरूर शामिल होता है लेकिन इन्हीं वादियों के बीच मिलने वाले सुकून के साथ हिमालय की गोद में अनेकों धार्मिक और आध्यात्म से जुड़े स्थान भी हैं जिनकी यात्रा आपकी आँखों के साथ आपके मन को भी भरपूर आनंद से भर देती हैं। हिमालय में अगर आध्यात्मिक स्थानों की बात करें तो यहाँ स्थित बौद्ध मठों की भी अपनी एक अलग पहचान हैं। हिमाचल प्रदेश और लद्दाख की यात्रा में आपको ऐसे अनेकों बौद्ध मठ देखने को मिलेंगे जो ना कि सिर्फ अत्यधिक प्राकृतिक खूबसूरती के बीच स्थित होने के लिए बल्कि वहां के अद्भुत शांत वातावरण और बौद्ध मंदिरों की सुन्दर वास्तुकला के लिए भी जाने जाते हैं।
आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के बेहद लोकप्रिय हिल स्टेशन मनाली के बेहद करीब स्थित एक छिपी हुई मोनेस्ट्री के बारे के बताने जा रहे हैं जहाँ बौद्ध मठ की अद्भुत शांति के साथ आत्म खोज के लिए तो आपको जाना ही चाहिए साथ ही इस मोनेस्ट्री की अद्भुत लोकेशन भी आपकी मनाली यात्रा में इसे शामिल करने के लिए अपने आप में एक बहुत बड़ा कारण हैं। तो चलिए बताते हैं आपको इस अद्भुत स्थान पर स्थित मोनेस्ट्री के बारे में...
निंगमापा गोम्पा, पनगां
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह स्थान मनाली के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शामिल नहीं हुआ है और शायद इसकी वजह मनाली के अन्य प्रसिद्द पर्यटन स्थलों से कुछ दुरी ही है। लेकिन इसी वजह से आपको इस प्राकृतिक सुंदरता से भरी इस शानदार जगह पर स्थित इस सुन्दर बौद्ध मठ में भीड़ से कोसों दूर कुछ पल गुजारने का मौका भी मिल सकता हैं। कुल्लू- मनाली हाईवे पर पतलीकुहल के पास पनगां रोड पर स्थित इस गोम्पा तक हम जब पहुंचे तो वहां से दिखती सुन्दर बहती ब्यास नदी और उसके दोनों और की खूबसूरत घाटियां साथ ही हिमालय की हरियाली ओढ़ी पहाड़ियां व बर्फ से ढ़की चोटियों के साथ जो अद्भुत नज़ारा हमने देखा, यकीन मानिये उस खूबसूरत दृश्य की आप मनाली के आस-पास की किसी भी जगह से तुलना नहीं कर सकते हैं।
साथ ही ऐसी सुन्दर वादियों के बीच पीली छत वाला सुन्दर बौद्ध मंदिर और वहां महसूस की जाने वाली अद्भुत शांति का अनुभव हमेशा के लिए हमारे मन में सेव हो चूका है। यहाँ बौद्ध मंदिर के साथ कुछ भिक्षु और भिक्षुणियों के रहने के लिए कमरे भी बने हैं जिनके साथ ऊपर से देखने पर यह इलाका बेहद खूबसूरत दिखाई देता है।
मंदिर की सेवा में लगीं दो भिक्षुणियों से हुई बातचीत
जैसा कि हमने बताया कि यहाँ गोम्पा के पास ही अनेकों क्वार्टर बने हैं जहाँ भिक्षु और भिक्षुणियों रहा करते हैं। मंदिर में भगवान बुद्ध के दर्शन करने के बाद जब कुछ समय सुकून से वहीं मंदिर में बैठे थे तभी वहां मंदिर में सेवा करती दो भिक्षुणियों से हमारी मुलाकात हुई। हमारी 3 वर्ष की बेटी के साथ शुरू हुई उनकी बातचीत उनके क्वार्टर में चाय के साथ ख़त्म हुई। उनसे हुई बातचीत में हमें पता लगा कि कैसे वे इतने वर्षों से इस बौद्ध मठ से जुडी हैं और कैसे उन्होंने अपना सारा जीवन आध्यात्म को समर्पित कर दिया है। जीवन के बारे में उनका नजरिया और बेहद सरल भाषा में उनके जीवन के उद्देश्य और साथ ही सभी के लिए खुश रहने से जुड़ी उनकी बताई सीख वास्तव में हमारे मन के भीतर उतर गयी। वास्तव में हमारे इतने विशाल और अद्भुत देश के अलग-अलग कोने में स्थित लोगों से मिलने और उनके अनुभवों से काफी कुछ सीखने की हमारी इच्छा इस सुन्दर अनुभव के बाद कहीं अधिक बढ़ गयी।
मंदिर से पास थोड़ी ऊंचाई पर बना हैं बौद्ध स्तूप
मंदिर के सामने एक विशाल चबूतरा है जहाँ इन अद्भुत नज़ारों के साथ आप कुछ समय बिता सकते हैं और वहीं मंदिर के पास ही ऊपर की तरफ एक स्तूप भी बना हैं। स्तूप मंदिर की तरह ही नदी से सैंकड़ों फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित हैं और यहाँ से आपको ब्यास नदी की सुन्दर घाटियों के साथ हिमालय के अद्भुत दृश्य और भी अधिक खूबसूरती से दिखाई देते हैं। स्तूप के चारों तरफ अनेकों गमलों में लगे रंग-बिरंगे फूल आपके इस स्थान पर किये गए अनुभव को और भी अधिक यादगार बना देते हैं। अगर फोटोग्राफी की बात करें तो भी यह स्थान वास्तव में कुछ शानदार फोटोज क्लिक करने के लिए एक परफेक्ट स्पॉट हैं।
कैसे पहुंचे?
पनगां रोड पर स्थित यह मोनेस्ट्री तक पहुँचने के लिए आप अपने वाहन या फिर टैक्सी वगैरह का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें कि पनगां मोनेस्ट्री तक रोड बनी हुई हैं जिससे आपको यहाँ तक पहुँचने में कोई परेशानी नहीं आने वाली। मनाली से कुल्लू तक जाने वाले हाईवे पर आपको पहले पतलीकुहल पहुंचना होगा। आप चाहें तो पतलीकुहल तक बस से भी पहुँच सकते हैं और फिर वहां से ऑटो वगैरह से भी पनगां गोम्पा तक पहुँच सकते हैं। मनाली मॉल रोड से पतलीकुहल तक की दुरी करीब 17 किलोमीटर है और फिर पतलीकुहल से एक छोटा रोड आपको पनगां गाँव की तरफ जाता हुआ मिलेगा।
पनगां रोड पर करीब 6 किलोमीटर चलने के बाद दायीं तरफ नीचे की ओर एक छोटी रोड दिखाई देगी जहाँ निंगमापा बौद्ध मठ,पनगां का बोर्ड लगा हुआ आपको दिख जायेगा। इस बोर्ड के बाद छोटी रोड़ पर करीब 800 मीटर चलने के बाद आपको मोनास्ट्री की पीली छत दिख जाएगी। यहाँ से पैदल जाने का अच्छे से निर्माण किया हुआ रास्ता मिलेगा जिसका अनुसरण करते हुए आप पहले बौद्ध स्तूप और फिर मंदिर तक आसानी से पहुँच जायेंगे।
तो इस तरह आप मनाली में भीड़ भरे अन्य पर्यटन स्थलों से दूर प्राकृतिक खूबसूरती और आध्यात्म से जुड़ी जगह जाना चाहते हैं तो आप पनगां में स्थित इस बौद्ध मठ की यात्रा जरूर करनी चाहिए। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं।
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