कोई एक मंज़िल छूकर मिटाने लगता है थकान।
तो कोई ढूँढ़ लेता है इक मंज़िल से नया रास्ता।।
मुसाफ़िर कई बार ऐसे सफ़र की तलाश में होते हैं, जहाँ जाकर वो कुछ नया हासिल करें। हम सबके ही मन में एक लम्बी छुट्टी पर जाकर ट्रैवल करने का मन होगा। तो क्यों ना ऐसी जगह का प्लान बनाया जाए, जहाँ पर एक बार में ही कई सारी जगहें घूमने को मिलें। ट्रैवल की दुनिया में इसको पाँचों उँगलियाँ घी में होना कहते हैं। पब्बर घाटी यही घी है।
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• पब्बर घाटी रोहड़ू ट्रेक का शुरुआती पड़ाव है। यहाँ से आपको रोहड़ू घाटी के शानदार अनुभव मिलना शुरू होते हैं। एडवेंचर के लिहाज़ से और नई जगहों को देखने के लिहाज़ से यह ट्रेक बहुत बढ़िया है।
• एक दूसरा ट्रेक भी है, जो क़रीब 8 किमी0 लम्बा है। यह ट्रेक खड़गपुर से गिरि गंगा तक जाता है। इसी ट्रेक के बीच में पड़ता है रोहड़ू पास, जिसका ज़िक्र हम पहले कर चुके हैं। इस ट्रेक के रास्ते में कुछ गाँव भी पड़ते हैं, साथ ही कुछ जंगल के बीच से होते हुए आप गिरि गंगा तक पहुँचते हैं। एडवेंचर के नज़रिए से देखें तो इससे बढ़िया ट्रेक आख़िर क्या ही होगा।
• पब्बर घाटी से शुरू होकर जांगलिक से होते हुए चंद्रनाहन झील तक पहुँचते हैं आप। समुद्र तल से 4000 मी0 ऊपर यह जगह बेहद शान्त और साफ़ है। जिन बर्फ़ से ढके पहाड़ों की बात मैंने पहले की थी, वो यही है। सालों से बर्फ़ जमी रहती है यहाँ, इसलिए ट्रेकिंग करने वाले इसपर एक अलग ही प्यार भरी नज़र रखते हैं।
तो पहली बात तो ये कि पब्बर घाटी हिमाचल में पड़ती है। मतलब यहाँ तक पहुँचने में ही आपको पहाड़ों से गहरा राब्ता हो जाएगा। शिमला से महज़ 80 किमी0 दूर इस घाटी तक ठेठ घुमक्कड़ों का जत्था नहीं पहुँचा है। इसलिए आपके लिए भी यह सफ़र बिल्कुल नया होने वाला है। आइए, चलते हैं पब्बर घाटी के उस नए नवेले सफ़र के बारे में जानें, जिसकी एक मंज़िल में छिपी हैं कई मंज़िलें।
पब्बर नदी
इस नदी के कारण ही इस घाटी को पब्बर घाटी बोलते हैं। चंदन नहन ग्लेशियर से निकलने वाली ये नदी और सामने के पहाड़ स्वर्ग सी तस्वीर उकेरते हैं। यह नदी किन्नौर से होते हुए उत्तराखण्ड तक जाती है और फिर यमुना नदी में मिल जाती है। मछली पकड़ने के लिए लोग यहाँ ख़ूब आते हैं। इसके साथ फ़ोटोग्राफ़ी के लिए तो यह जगह मशहूर है ही। यहाँ आप ट्राउट, गूँच और सुनहरी माहसीर मछलियाँ बड़ी तादाद में मिलती हैं। पब्बर नदी के ट्रेक को पूरा करने के लिए आप अच्छी क्वालिटी के जूते ही पहनकर आएँ। नहीं तो इस पथरीले ट्रेक पर मुश्किलें बढ़ जाएँगी।
पब्बर घाटी में घूमने की जगहें
पब्बर घाटी में पब्बर नदी के साथ साथ और भी ख़ास जगहें हैं जिनको आप यहाँ आने पर ज़रूर घूमें। उसमें सबसे पहले पहाड़ों के दर्शनीय स्थलों को घूमने से शुरुआत करें।
कुफ़्री, ठियोग, कोटखाई, जुब्बल, फ़ागू जैसे सारे पहाड़ों के दर्शनीय स्थल यहाँ से आपको देखने मिलेंगे। इनमें से कुछ पहाड़ तो इतने ऊँचे हैं कि साल भर बर्फ़ से ढके रहते हैं। कुछ प्राचीन मंदिरों को देखने के लिए आपको यहाँ ज़रूर आना चाहिए।
पब्बर घाटी से ट्रेकिंग के रास्ते
जैसा कि हमने आपको बताया कि पब्बर घाटी दूसरी कई सुन्दर जगहों से आपको जोड़ता है। मुख्य रूप से पाँच और अन्य कई ट्रेकों का शुरुआती स्थल यही जगह है। इसलिए भारत भर के ट्रेकिंग करने वाले लोग हर साल यहाँ आते रहते हैं। अभी यह जगह बहुत प्रसिद्ध नहीं हुई है, इसलिए उनकी तादाद कम है, लेकिन हर साल घुमक्कड़ों की संख्या में भारी वृद्धि होती है।
• धौला से शुरू होकर रूपिन पास का ट्रेक घने जंगलों, कई चोटियों, और कुछ गाँवों से होकर जाता है। यहाँ पर रूपिन नदी मिलती है जिससे इस ट्रेक को रूपिन पास कहते हैं। समुद्र तल से यह ट्रेक 4,600 मी0 ऊपर है, एडवेंचर के लिहाज़ से शानदार।
• गादसरी गाँव से सारू झील का यह ट्रेक है तो सबसे छोटा, लेकिन पिछले सभी ट्रेक जितना यादगार है। इस ट्रेक की सबसे अच्छी बात इसका पता बहुत कम लोगों को होना है। लेकिन एक अलग क़िस्म की शान्ति के लिए लोग सालों से इस ट्रेक पर आते रहे हैं।
पब्बर घाटी में क्या-क्या करें
मछलियाँ पकड़ने जाएँ
पब्बर नदी के बारे में ध्यान करते ही पहला विचार आता है मछलियाँ पकड़ने का। साफ़ पानी की इस झील में ट्राउट मछलियाँ, सुनहरी माहसीर और गूँच मछलियाँ बड़ी तादाद में मिलती हैं। पब्बर नदी के साथ-साथ रोहड़ू भी मछली पकड़ने के लिहाज़ से नामी जगह बनती जा रही है।
फ़ोटोग्राफ़ी करें
इस सुन्दर और आकर्षक झील में आकर तस्वीरें खिंचाने का शौक़ कोई कैसे ही छोड़ सकता है। फ़ोटोग्राफ़रों के लिहाज़ से भी यह जगह सोने पे सुहागा है।
इसके साथ ही कैंपिंग भी करने का शौक़ यहाँ पूरा कर सकते हैं।
पब्बर घाटी जाने का सही समय
पब्बर घाटी चूँकि एक ठंडी जगह पर स्थित है तो उसे गर्मयों के मौसम में ही घूमा जाना चाहिए। अभी चूँकि क्वारंटाइन का दौर चल रहा है, आप अपने घरों में हैं, तो जैसे ही आपको बाहर निकलने का मौक़ा मिलता है, इस जगह का प्लान बनाया जा सकता है। इसी मौसम में ट्राउट और सुनहरी माहसीर मछलियाँ भी नदी में भारी संख्या में आपको मिलेंगी। ध्यान रखें कि मॉनसून के मौसम में ना जाएँ।
कैसे पहुँचे पब्बर घाटी
पब्बर घाटी शिमला से क़रीबन 80 किमी0 दूर है। सड़क के रास्ते आप यहाँ पहुँच सकते हैं। हाँ, शिमला पहुँचने के आपके पास तीन रास्ते हैं।
सड़क मार्ग- दिल्ली के कश्मीरी गेट से आप किसी लग्ज़री बस में शिमला का बस टिकट करा सकते हैं। किराया लगभग ₹800 होगा।
ट्रेन मार्ग- पब्बर घाटी के सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन शिमला का है। यहाँ पर सिर्फ़ टॉय ट्रेन ही जाती है जो आपको कालका से मिलेगी। कालका के लिए आप चंडीगढ़ या दिल्ली से टिकट कर सकते हैं। इसका स्लीपर किराया लगभग ₹250 जबकि सेकेण्ड सीटर किराया ₹125 होगा।
हवाई मार्ग- फ़्लाइट से आने के लिए सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा जुबारहटी का है। यहाँ से शिमला 23 किमी0 दूर है। शिमला के लिए आपको आसानी से टैक्सी मिल जाएगी। दिल्ली से जुबारहटी का हवाई किराया कुल ₹1,000 तक होगा।
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