मार्च महीने की शुरुआत हो चुकी है और इसी के साथ उत्तर भारत में चिलचिलाती गर्मी का दौर बस शुरू होने को है। जैसे-जैसे गर्मी अपना असर दिखाना शुरू करती है लोग इस बैचैन कर देने वाले मौसम से कुछ दिनों के लिए ही सही लेकिन छुटकारा पाने के लिए हिल स्टेशनों का रुख करते हैं और इसी वजह से हमें हर साल खास तौर पर गर्मी के मौसम में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लगभग सभी प्रसिद्द हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। यहाँ तक की कुछ बेहद लोकप्रिय हिल स्टेशन जैसे मसूरी, नैनीताल को तो पर्यटकों के लिए 'हाउसफुल' जैसे नोटिस तक लगाने पड़ते हैं। मनाली, शिमला जैसे बड़े हिल स्टेशंस पर भी होटल्स की उपलब्धता भी बहुत मुश्किल हो जाती है।
इन्हीं सब परेशानियों की वजह से अगर आप इस बार गर्मियों में किसी ऐसे हिल स्टेशन की तलाश में है जहाँ आप भीड़ से दूर प्रकृति के करीब कुछ सुकून भरे पल अपने दोस्तों और परिवार के साथ बिता सकें तो आज का हमारा ये लेख आपके लिए ही है। इस लेख में हम आपको दक्षिण भारत के सबसे प्रसिद्द पर्यटन स्थलों में से एक बेहद सुरम्य हिल स्टेशन 'ऊटी' के बारे में बताने वाले हैं जिसे 'हिल स्टेशंस की रानी' भी कहा जाता है। इस लेख में हम आपको सिर्फ 2 दिनों में ऊटी के सबसे बेहतरीन जगहों को घूमने की एकदम सटीक जानकारी देने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं...
ऊटी, तमिलनाडु
जैसा कि हमने आपको बताया कि ऊटी को 'क़्वीन ऑफ़ हिल स्टेशंस' यानी कि हिल स्टेशनों के रानी कहा जाता है। यह ख़िताब इस खूबसूरत पर्यटक स्थल को यूँ ही नहीं मिला, ऊटी नीलगिरि पहाड़ियों के बीच बसा वास्तव में एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है जो कि अपनी अनोखी प्राकृतिक खूबसूरती और खास तौर पर अपने सुन्दर चाय के बागानों के लिए जाना जाता है। ऊटी की एक झलक में ही चौंका देने वाली प्राकृतिक खूबसूरती, शांत झीलें, सुन्दर बहते झरने, भव्य और विशाल बगीचों के साथ चाय के मनमोहक बागान इसे अपने आप में भारत के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक बनाता है। ऊटी में आप जिस दिशा में निकल जायेंगे प्रकृति की एक अलग ही खूबसूरती आपको नजर आएगी और उन्हीं में से कुछ खास पर्यटन स्थलों की जानकारी आपको अब इस लेख में आगे मिलने वाली है।
ऊटी यात्रा (पहला दिन)
बॉटनिकल गार्डन
ऊटी का बॉटनिकल गार्डन एक बेहद विशाल और प्राकृतिक खूबसूरती से भरा बगीचा है जो कि कुल 55 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस गार्डन में देशी और विदेशी पौधों और वृक्षों की करीब 1 हज़ार से अधिक प्रजातियां मौजूद हैं और इनके अलावा नीलगिरि की पहाड़ियों में रहने वाले अनेकों पक्षियों का भी आसरा यहाँ बगीचे में लगे अनेक पेड़ हैं। यहाँ आप घनी हरियाली के बीच शुद्ध हवा में सांस लेते हुए काफी देर सुकून से बिता सकते हैं और यकीन मानिये यहाँ बिताया हर पल आपको प्रकृति के और करीब ले जायेगा साथ ही आपको अद्भुत शांति का भी अनुभव देगा।
अगर बॉटनिकल गार्डन में प्रवेश टिकट की बात करें तो बच्चों के लिए इसकी कीमत 15 रुपये है और वहीं बड़ों का प्रवेश टिकट 30 रुपये प्रति व्यक्ति का होता है। इसके अलावा इसका प्रवेश समय सुबह 7 बजे से शाम 6:30 बजे तक का रहता है।
डोड्डाबेट्टा पीक
समुद्रतल से करीब 2637 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह चोटी नीलगिरि पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी है। इस पीक तक अनेक पर्यटक ट्रैकिंग करके भी पहुँचते है और इसके अलावा आप आसानी से वाहन द्वारा भी डोड्डाबेट्टा पीक तक पहुँच सकते हैं। आपको बता दें कि डोड्डाबेट्टा पीक हमारे देश में स्थित पश्चिमी घाट और पूर्वी घाटों के संगम पर स्थित है और यहाँ से चारों ओर का नज़ारा वास्तव में बेहद शानदार दिखाई देता है।
ऊटी टी एस्टेट व्यू पॉइंट
डोड्डाबेट्टा पीक से 10 मिनट की दुरी पर स्थित है ऊटी का टी एस्टेट व्यू पॉइंट जो कि बेहद विशाल चाय के बागानों के बीच स्थित है और यहाँ आप एक म्यूजियम और इसके अलावा चाय का कारखाना भी देख सकते हैं जिसमें चाय के पौधों की वास्तविक पत्तियों से चाय बनने तक का पूरा प्रोसेस आप लाइव देख सकते हैं। चाय के कारखाने से ही आप यहाँ की चाय खरीद भी सकते हैं और चाय के अलावा भी अन्य नीलगिरि के उत्पाद जैसे नीलगिरि तेल वगैरह भी आप यहाँ से खरीद सकते हैं।
ऊटी झील
ऊपर बताई गयी जगहों पर घूमते हुए पहले दिन की दोपहर आसानी से हो जाएगी। फिर उसके बाद आप ऊटी में लंच करके शाम का वक़्त एक बेहतरीन तरीके बिताने के लिए ऊटी लेक की तरफ जा सकते हैं। ऊटी लेक घनी हरियाली से भरी पहाड़ियों के बीच स्थित हैं जहाँ शाम के वक़्त बेहद मनमोहक मौसम रहता है। ऊटी लेक पर बोटिंग का आनंद लेना बिलकुल मिस न करें, ये अनुभव आपके ऊटी में बिताये सबसे अच्छे अनुभवों में से एक जरूर होगा।
ऊटी यात्रा (दूसरा दिन)
पाइकारा झरना
ऊटी में सबसे खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों में से एक है पाइकारा वॉटरफॉल जो कि मुकुर्ती की चट्टानों से निकलकर पाइकारा झील में गिरता है। इस सुन्दर झरने को देखने का तो अपना एक खास अनुभव होता ही है साथ ही यहाँ झील किनारे घुड़सवारी का आनंद में आप कभी नहीं भुला पाएंगे। इसके अलावा आप पाइकारा झील में भी नाव की सवारी का आनंद ले सकते हैं।
माइल शूटिंग पॉइंट
अगर आप बॉलीवुड फिल्मों के शौक़ीन हैं तो ऊटी में एक खास जगह आपको जरूर जाना चाहिए जो कि कई सुपरहिट फिल्मों जैसे 'राजा हिंदुस्तानी', 'कुछ कुछ होता है' की शूटिंग लोकेशन रह चूका है। चारों ओर हरी-भरी घास का मैदान और बैकग्राउंड में नीलगिरि पर्वत श्रृंखला के सुन्दर दिखती पहाड़ियां हर किसी का मन एक ही झलक में मोह लेती है।
सेंट स्टीफंस चर्च
ऊटी में प्राकृतिक जगहों से थोड़ा हटकर अगर आप कोई जगह देखना चाहते हैं तो ऊटी में स्थित सेंट स्टीफंस गिरिजाघर आपको जरूर जाना चाहिए। चर्च में कई तरह की सुन्दर पेंटिंग्स भी आप देख सकते हैं और इसके अलावा विक्टोरियन युग की स्थापत्य शैली में बना ये चर्च देखने के लिए भी अपने आप में ऊटी की एक शानदार विरासत है।
मुदुमलाई नेशनल पार्क
अगर आपको खुले में विचरण करते जंगली जानवर देखना अच्छा लगता है तो ऊटी में आपको आकर्षित करने के लिए एक और शानदार जगह है। मुदुमलाई नेशनल पार्क कई तरह के जीव-जंतुओं के साथ ही अनेक तरह की वनस्पतियों का भी घर है जहाँ आप चाहें तो गेस्ट हाउस में रुकने का भी प्लान कर सकते हैं। आपको बता दें कि करीब 50 से भी अधिक बाघों के घर होने की वजह से इसे टाइगर रिज़र्व की मान्यता भी प्राप्त है।
ऊटी टॉय ट्रेन
ऊटी में अगर आपके पास एक दिन का अतिरिक्त समय है तो आप ऊटी से कुन्नूर टॉय ट्रेन के सफर का आनंद लेते हुए भी जा सकते हैं। करीब 1 घंटे का नीलगिरि माउंटेन रेलवे के साथ किया गया ये सफर आपके जीवन के सबसे खूबसूरत यात्राओं में जरूर शामिल हो जायेगा और इसके साथ ही कुन्नूर भी नीलगिरि पर्वतमाला में स्थित एक बेहद खूबसूरत पर्वतीय स्थल है जहाँ आप सुन्दर झील और खूबसूरत झरनों के साथ आसानी से एक दिन बिता सकते हैं।
तो इस तरह से आप अपनी ऊटी की 2 या 3 दिन की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। इससे जुड़ी जितनी भी जानकारी हमारे पास थी हमने आपसे इस लेख के माध्यम से साझा करने की कोशिश की है। अगर आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो कृपया इस आर्टिकल को लाइक जरूर करें और साथ ही ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए आप हमें फॉलो भी कर सकते हैं
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