घूमना हर किसी को पसंद होता है, कोई अकेले घूमना पसंद करता है तो कोई अपनी फैमिली के साथ तो कोई अपने प्यार के साथ। आप उस यात्रा, उस सफर को आप यादगार बनाना चाहते हो जब आप पहली बार किसी खास के साथ सफर पर जाते हो। जिंदगी में नोंक-झोंक चलती रहती है, कहते हैं ना जहाँ प्यार है वहीं तकरार है। इसलिए तो उन सबको पीछे छोड़ने का एक जरिया है, घुमक्कड़ी और जब आप अपने सबसे खास के साथ होते हो तो उसकी अलग ही बात होती है।
उस सफर में आप वो सब करना चाहते हो, जिसे आप जिंदगी भर याद करें, खुश करने वाली यादें। शुरूआत में तो आपको सफर अच्छा लगता है लेकिन जब मुश्किलें आती हैं तो चिड़चिड़ापन आना स्वभाविक है। बजट पर झगड़ा हो सकता है, मैप को सही ना समझने पर या लोकल बस की परेशानी रिश्तों में थोड़ा खट्टापन ला सकती है। तब शायद आपको लगता हो कि ये क्या हो रहा है? इस सफर पर हम पास आ रहे हैं या दूर जा रहे हैं? ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए? कैसे इन मनमुटाव और मतभेदों को दूर करें?
इस बारे मे हमने 9 कपल्स से बात की और पूछा कि क्या सच में आपको अपने साथी के साथ ट्रैवल करना पसंद है। उन 9 घुमक्कड़ जोड़ियों ने बेहद दिलचस्प बातें बताईं जो आपको भी ध्यान में रखनी चाहिए।
''पिछले साल, मैं अपने बॉयफ्रेंड के साथ पार्वती घाटी घूमने गईं और किस होटल को लेना है, इस पर लड़ाई खत्म करने के बाद जब हमने होटल में चेक-इन किया तो वो थोड़ी देर सोना चाहता था और मैं उस जगह को एक्सप्लोर करना चाहती थी। इसलिए मैंने खुद को बॉयफ्रेंड से दूर कर लिया और कुछ इजराइलियों से दोस्ती कर ली, जो मुझे एक खास पार्टी में ले गए। मैं पार्टी में पूरी तरह से मज़े में थी और मैं उसको बताना ही भूल गई थी कि मैं कहाँ गई हूं! बाद में मैंने देखा कि मेरे मोबाइल पर मिस्ड काॅल की एक लंबी लिस्ट थी। जब मैं वापस होटल आई तो हमने शांति से बात की, हमने पाया कि हम कितने अलग टैवलर्स हैं? हमने एक-दूसरे से जुड़ने के कई तरीके खोजे। हमारी पहली यात्रा में कुछ समस्याएँ जरूर थीं, लेकिन इन्हीं समस्याओं के वजह से हम और करीब आ गए।''
2. ‘‘उसे आराम पसंद है जबकि मुझे खुद को चैलेंज करना पसंद है।’’ - सृष्टि वर्मा
‘‘मैं और मेरा बॉयफ्रेंड अपने प्यार के लिए एक काॅमन सफर पर गए लेकिन हम दो अलग-अलग प्रकार के यात्री हैं। वो आरामपसंद शख्स है और भोजन के इर्द-गिर्द घूमता है, जबकि मैं खुद को चुनौती देना पसंद करती हूँ। इन चुनौतियों के लिए मैं कुछ ना कुछ करती-रहती हूँ। ये कभी-कभी बहुत ज्यादा परेशान करने वाली बात भी बन जाती है लेकिन इतने साल एक साथ ट्रैवलिंग करते-करते हमने एक-दूसरे को जगह देना और उसमें बैलेंस बनाना भी सीख लिया। इसलिए अब अगर हमारी यात्रा तीन दिनों से ज्यादा चलती है तो हम अपना पसंदीदा काम करने के लिए कुछ समय निर्धारित कर लेते हैं। ये सच में हमारे लिए बहुत कारगर होता है और हमे एक-दूसरे को ज़रूरी वक्त भी दे पाते हैं।’’
3. ‘‘मुझे समय पर हर चीज करना पसंद है जबकि वो समय की परवाह नहीं करता है।’’ - सौम्या भटनागर
‘‘मैं उन लोगों में से हूँ जो समय से बहुत पहले ही एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर पहुँच जाते है और मेरा एक्स-बॉयफ्रेंड पूरी तरह से इसके उलट था।
पिछले साल, गोवा ट्रिप के दौरान हम चेक-इन काउंटर बंद होने से सिर्फ 30 सेंकंड पहले पहुँचे थे। मैं इस वजह से गुस्से मेें थी लेकिन ट्रिप को अच्छी शुरूआत देने के लिए इस बात को जाने दिया। हालांकि यात्रा के दौरान वो हर जगह देर से आया। आखिरी दिन जब हमारी फ्लाइट एक घंटे में रवाना होने वाली थी तब भी वो देरी किए जा रहा था। तब मैंने गुस्से में कैब बुक की और एयरपोर्ट के लिए निकल गई। वो इस बात से गुस्सा था लेकिन कम से कम अब मुझे तो घबराहट नहीं हो रही थी। यही सिलसिला कई ट्रिप्स पर भी चल। सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन इस तरीके से हमने साथ घूमने का तरीका ढूँढ निकाला था, वो भी बिना लड़ाई किए।
4- ‘‘मैं कुछ कपड़े एक्सट्रा लेकर चलता हूँ क्योंकि वो गर्म कपड़े पैक नहीं करती है।’’ - सिद्धार्थ सुजान
‘‘चीजों को रखने के हिसाब से मैं और मेरी साथी उतने ही अलग हैं, जितने ज़मीन और आसमान। इसलिए जब भी हम एक साथ यात्रा करते हैं, तो वो पागलखाने की तरह होता है। मुझे याद है इस बार जब हम पहाड़ों में गए थे, मैं उस जगह को पूरी तरह से एक्सप्लोर करना चाहता था। वहीं मेरी गर्लफ्रेंड ठंड की वजह से कंबल से नहीं निकलना चाहती थी क्योंकि उसने कोई गर्म कपड़े पैक नहीं किए थे। मुझे ये मानने में कोई शर्म नहीं है कि ये सिर्फ एक हद तक क्यूट था। आखिरकार, उसे होटल के बाहर खींचने के लिए मैंने अपने गर्म कपड़ों का त्याग कर दिया। तब से अब जब भी हम साथ जाते हैं तो मैं पहले ही सुनिश्चित कर लेता हूँ कि उसके पास कुछ एक्सट्रा कपड़े हों, खासकर अगर हम सर्दियों में यात्रा कर रहे हों।’’
5. ‘‘आधा दिन खत्म होने पर ही वो नींद से उठती है!’’ - प्रतीक धाम
‘‘जब मैं अपनी पत्नी के साथ यात्रा करता हूँ (जो पांच से मेरी गर्लफ्रेंड थी और दो महीने पहले ही हमारी शादी हुई है), इस खींचतान और आनंद के बीच लगातार झगड़े चलते-रहते हैं। मैं हम दोनों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता हूँ, जबकि मेरी पत्नी बस मज़े से, आराम करने पर ही ज़ोर देती है। इसका मतलब यही है कि जब हम वेकेशन पर होते हैं तब भी वो दोपहर में उठती है लेकिन मैं उस जगह को देखने और एक्सप्लोर करने के लिए बाहर निकलना चाहता हूँ। जैसा कि अनुमान था, इस परिस्थिति में मैं हमेशा हार जाता हूँ।
यहाँ पुडुचेरी में हमारी एक तस्वीर है। ये केंद्रशासित प्रदेश इतना छोटा है, इसलिए आधे दिन के बाद जागने के बाद भी हमने उस जगह को अच्छी तरह से एक्सप्लोर किया।’’
6. ‘‘वो खर्राटे लगाता है और मैं बाहर के चक्कर’’ - पल्लवी पॉल
''मेरे बॉयफ्रेंड के पास सोने की एक अनोखी क्षमता है, चाहे फिर बवंडर आ जाए या भूकंप। मैं, दूसरी ओर, बहुत कुछ एक्सप्लोर करना चाहती हूँ। हर फ्लाइट और बस की सवारी मुझे उत्साहित करती है जबकि वो सोता ही रहता है। हालांकि मैंने ये सब शांति से मैनेज कर लेती हूँ, लेकिन कभी-कभी ये कुछ ज़्यादा ही हो जाता है। इस दिसंबर हम एक हाई-स्पीड ट्रेन से समरकंद से बुखारा और फिर उज़बेकिस्तान के लिए यात्रा कर रहे थे। तब भी वो हमेशा की तरह, दुनिया के लिए मर चुका था यानी कि वो नींद के आगोश में आ चुका था।
जब हम बुखारा के पास पहुँचे तो मैंने उसे जगाने की कोशिश की। लेकिन उसने हिलने से मना कर दिया। जब वो अपनी नींद से उठा तो मुझे ये समझाने में 10 मिनट लग गए कि हम अपनी मंजिल तक पहुँच गए हैं, और शायद ट्रेन पर मौजूद आखिरी लोग भी हैं। उसके बाद वो फिर नींद पूरी करने लगा और कहने लगा कि बुखारा अगला स्टेशन है, जबकि ऐसा नहीं था। मैं उसकी नींद की वजह से परेशान हो गई थी मैंने कैब में उसकी इस हरकत के लिए बहुत सुनाया। जब हम अपने होटल में गए (जिसे मैंने बुक किया था) तो देखा कि वो अच्छा नहीं था, ये मेरे लिए पूरी तरह से निराशाजनक था।
हालांकि वह उधम मचाने वाला ट्रैवलर नहीं है इसके बावजूद वो एक और कमरा बुक कराने के लिए निकल गया। हम सुबह तीन बजे होटल से निकल गए, उसने ऐसा मुझे खुश करने के लिए किया। तब मुझे एहसास हुआ कि उसके पास मुझे मनाने के लिए प्यारे और छोटे तरीके हैं और फिर हमारी लड़ाई नौ दो ग्याराह हो गए''
7. ‘‘वो कहती है कि मैं उस पूर पूरा ध्यान नहीं देता हूं।’’ - रोहित कुमार
‘‘मैं दिसंबर मेंअपनी गर्लफ्रेंड के साथ किन्नौर यात्रा कर रहा था और ये पाँच दिन की यात्रा आपदा के अलावा कुछ नहीं थी। उसे पता नहीं था कि यात्रा करते समय मैं बिल्कुल अलग व्यक्ति हो जाता हूँ। मैं वहाँ के नज़ारों के बीच व्यस्त था, अजनबी लोगों से बात कर रहा था, उस जगह को एक्सप्लोर कर रहा था। वो मेरे साथ थी लेकिन पूरे समय वो नाराज़ थी। यात्रा के आखिरी दिन उसने मुझे बताया कि उसे लगता है कि मैं उस पर सही से ध्यान नहीं दे रहे हो। मैंने उसे बताया कि यात्रा करते समय मैं ऐसा ही हूँ। उसके बाद उसने कसम खा ली कि वो मेरे साथ कभी भी ट्रिप पर नहीं जाएगी (और हम कभी साथ ट्रिप पर नहीं गए)
8. ‘‘वो वियना में होटल के कमरे में बस टीवी शो देखना चाहता था।’’ - अंकिता साबू
‘‘मैंने अपनी वियना यात्रा के लिए बहुत खींचतान की और आखिरकार जब हम वहाँ पहुँचे तो मैं चाहती थी कि बस होटल में बैग पटक कर बाहर घूमने निकल जाउँ। मैं इस खूबसूरत शहर के आकर्षण में खुद को भिगोने के लिए तैयार था। ये सुंदर शहर मुझे अपनी ओर खींच रही थी, दुर्भाग्य से मेरा बॉयफ्रेंड ऐसा महसूस नहीं कर रहा था। वो इस खूबसूरत शहर में भी अपने होटल में कोई बेवकूफ सा शो देखने में ज्यादा रुचि रखता था। मेरा मतलब है कि दूसरे महाद्वीप पर कौन ये सब करता है? मैं तो बिल्कुल नहीं! इसलिए मैंने अपने आप निकल पड़ी और मेरे लिए वो बहुत अच्छा समय था। मुझे लगता है कि ये हम दोनों के लिए ही बहुत फायदेमंद रहा।’’
9. ‘‘मैं चिप्स और चॉकलेट का एक एक्सट्रा बैग लेकर चलता हूँ ताकि वो भूखी न रहे।’’ - समर्थ अरोड़ा
‘‘वो एक चीज़ जो मुझे अपने पार्टनर के बारे में बहुत परेशान करती है वो है उसका फोन पर घंटो बिताना। मैं एक उत्साहित वीडियो एडिटिर हूँ। मुझे अपनी यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा वीडियो फुटेज लेने की ज़रूरत होती है, हमारे बीच इस वजह से लड़ाई भी हो जाती है। इस परेशानी का आखिरकार मैंने एक रास्ता निकाला और अब जब भी मुझे कुद दिलचस्प लगता है तो मैं उसे कहता हूँ कि मैं इस फ्रेम में उसे शूट करना चाहता हूँ।
मेरी पत्नी ज्यादा नहीं खाती, लेकिन जब भूख लग जाए और खाने को ना मिले तो वो पूरी दुनिया सिर पर उठा लेती है। इसलिए मैं हमेशा कुछ ना कुछ वेफर्स, चिप्स, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक का एक स्टाॅक रखता हूँ। जिसे मैं अपने बैग में रखता हूँ।’’