Nidhivan mandir, vrindavan

Tripoto
3rd Nov 2019

यूँ तो भारत में कई ऐसी जगह हैं जो अपने अंदर कई रहस्यों को समेटे हुए हैं। उन्हीं जगहों में वृन्दावन की भी एक जगह सम्मिलित है, जो है निधिवन। वृन्दावन के इस प्रसिद्द और यहाँ स्थित उत्तम कलाकारी वाले मंदिर की यह मान्यता है कि आज भी रात को यहाँ श्री कृष्ण गोपियों के संग रास रचाते हैं। इसलिए शाम की आरती के बाद इस मंदिर में आपको कोई नज़र नहीं आएगा। यहाँ तक कि यहाँ दिन भर विचरने वाले पशु पक्षी भी शाम के बाद इस जगह को छोड़कर चले जाते हैं।

1. निधिवन मंदिर के अंदर स्थित रंगमहल की यह मान्यता है कि रोज़ रात यहाँ साक्षात् श्री कृष्ण और राधा रानी आते हैं। उनके लिए उस रंग महल को पूरा सजा दिया जाता है और जब दूसरे दिन सुबह उस रंग महल को खोल कर देखा जाता है तो वह बिलकुल अस्त व्यस्त मिलता है।

2 . रंगमहल में भक्त केवल श्रृंगार के सामान ही चढ़ाते हैं और प्रसाद स्वरुप उन्हें भी श्रृंगार के सामान ही मिलते हैं।

3. वैसे तो शाम के बाद यह मंदिर बंद हो जाता है पर कहा जाता है कि अगर यहाँ कोई छुपकर रास लीला देखता है तो वह अगले दिन पागल हो जाता है।
रंग महल के बाहर का परिसर

4. इस मंदिर परिसर में उगने वाले पेड़ भी अजीब तरह से बढ़ते हैं। सामान्यतः पेड़ की शाखाएं ऊपर की ओर बढ़ती हैं पर यहाँ पेड़ों की शाखाएं नीचे की और बढ़ती हैं।
5. सबसे दिलचस्प है यहाँ पर लगे हुए तुसली के पेड़। यहाँ हर तुलसी का पेड़ जोड़े में है। रात के समय जब कृष्ण राधा रास रचाते हैं तब यही तुलसी के पेड़ गोपियाँ बन जाते हैं और सुबह फिर से उसी अवस्था में आ जाते हैं।

6. इन तुलसी के पेड़ों की यह भी मान्यता है कि इनका एक पत्ता भी कोई यहाँ से नहीं ले जा सकता। कहा जाता है कि आज तक जो भी इनके पत्तों को ले गया है वह किसी न किसी आपदा का शिकार ज़रूर हुआ ही है। इसलिए कोई भी इन्हें नहीं छूता।

7. सबसे ज़्यादा हैरत कर देने वाली बात तो यह है कि इसके आसपास बसे घरों में खिड़कियां नहीं हैं, जिनके घर में है वे शाम को आरती के घंटे की आवाज़ के बाद उन्हें बंद कर देते हैं। क्यूंकि कहा जाता है कि शाम के 7 बजे के बाद कोई इस तरफ नहीं देख सकता, अगर कोई देखता है तो वह या तो अँधा हो जाता है या उसपे कोई बड़ी मुसीबत आ जाती है।

8. निधिवन में ही बंशी चोर राधा रानी का मंदिर भी स्थापित है। कहानी के अनुसार श्री कृष्ण हमेशा अपने बंशी को बजाने में खोये रहते थे, इसलिए राधा रानी ने उनकी बंशी चुरा ली थी। इस मंदिर में राधा रानी की मूर्ति के साथ कृष्ण की सबसे प्रिय गोपी ललिता की भी मूर्ति स्थापित है।
निधिवन में स्थित एक अन्य मंदिर

9. यहाँ एक कुंड भी स्थित है जिसे विशाखा कुंड के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि जब कृष्ण गोपियों के साथ रास रचा रहे थे तब उनकी एक सखी विशाखा को प्यास लगी। पानी की कोई व्यवस्था न देखकर कृष्ण ने अपनी बंशी से ही वहां खोदना शुरू कर दिया, जिसमें से निकले पानी को पीकर विशाखा ने अपनी प्यास बुझाई और तभी से इस कुंड को विशाखा कुंड कहा जाने लगा।

अपनी इन्हीं सारी रहस्यमयी बातों के साथ निधिवन वृंदावन के सबसे प्रमुख आकर्षक केंद्रों में से एक है। इसके आसपास भी कई आकर्षक केंद्र हैं, जैसे बाँके बिहारी मंदिर, पागल बाबा मंदिर, हरिदास महाराज की समाधी आदि।

Photo of Nidhivan mandir, vrindavan by Ankita Sharma

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