मैं एक इंजीनियर हूँ, लेकिन इतना भौंकाली नहीं कि अमेरिका की बड़ी सी सिलिकॉन वैली में छोटा सा स्टार्टअप खोल लूँ। इसलिए भारत की सिलिकॉन वैली, बंगलौर की एक अमीर कंपनी में ग़रीब मज़दूर बन गया हूँ। दिन भर कोडिंग करने के बाद ज़िंदगी थोड़ी बोरिंग लगने लगती है। इसलिए जब एचआर से छुट्टी अप्रूव नहीं होती है तो भी ख़ुद को ज़िन्दा करने निकल पड़ता हूँ इस कंक्रीटी शहर से दूर।
फोटो में लद्दाख देखकर वहाँ जाने के प्लान तो बहुत बनाए लेकिन अफसोस वो प्लान सिर्फ पेपर पर ही रह गए, कभी बॉस से लंबी छुट्टी नहीं मिली तो कभी जेब ने जवाब दे दिया। लेकिन शुक्र है कि हम बैंगलोर वालों के पास भी अपना लद्दाख है!
बंगलौर से कुछ दूर है छोटा लद्दाख
उत्तर भारतीयों के लिए लद्दाख का ट्रिप बनाना बहुत आसान है, लेकिन बंगलौर जैसे दक्षिणी शहर वालों के लिए बहुत कठिन। दोस्तों ने बताया कि बंगलौर के नज़दीक एक जगह है, जहाँ है अपना लद्दाख।
डोड्डा अयूर को बंगलौर वाले छोटा लद्दाख भी बोलते हैं। बंगलौर से सिर्फ़ डेढ़ घंटे की दूरी पर और इसकी सबसे जबर चीज़ है इसका दुनिया से नो कनेक्शन। एक बार यहाँ पहुँच गए तो भाड़ में जाती दुनियादारी।
मैं अपने दो दोस्तों, सिद्धार्थ और वैभव के साथ बाइक लेकर सुबह सुबह ही निकल पड़ा क्योंकि धूप में सर ढकने को तिनका भी नहीं है यहाँ।
शहर से दूर होने के कारण इस जगह पर न होता है पों पों करती गाड़ियों का शोर और न ही वो आवाज़ें, जिनके कारण मुझे नींद नहीं आती। उन सबसे भागता हुआ मैं हर वीकेंड पर यहाँ आ जाता हूँ ।
कैसे पहुँचें डोड्डा अयूर??
बंगलौर से 57 कि.मी. पूर्व में फैला हुआ है डोड्डा अयूर। बस एनएच 75 से बाइक शुरू करो और फिर गूगल मैप ज़िन्दाबाद।
बाइक पर चलते हुए जो रंग जमता है, ज़िन्दगी न मिलेगी दोबारा के हीरो वाली फ़ीलिंग आती है। ख़ैर, आप चाहो तो एचएएल ओल्ड एयरपोर्ट से भी रास्ता लेकर निकल पड़ते हो, बस पहुँचने में 2 घंटे लगेंगे।
अगर आप भी अपनी झंड ज़िन्दगी से थोड़ा घमंड निकाल कर यहाँ आ जाओ तो सौदा बुरा नहीं है।
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