काली टाइगर रिजर्व का अनूठा इको-टूरिज्म आकर्षण - 'कैनोपी वॉक' हुआ शुरू , जाने इसके बारे में सब कुछ -

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Photo of काली टाइगर रिजर्व का अनूठा इको-टूरिज्म आकर्षण - 'कैनोपी वॉक' हुआ शुरू , जाने इसके बारे में सब कुछ - by Pooja Tomar Kshatrani
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बरसात के मौसम में पर्यटक ट्रैकिंग करना ज्यादा पसंद करते हैं। खासकर कोरोना महामारी के दौर में ट्रैकिंग का क्रेज बढ़ा है। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसके लिए पर्यटक देशभर की चुनिदां जगहों पर ट्रैकिंग के लिए जाते हैं। अगर आप भी आने वाले दिनों में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो काली टाइगर रिजर्व जरूर जाएं। खबरों की मानें तो अब पर्यटक काली टाइगर रिजर्व में कैनोपी वॉक भी कर सकते हैं। इससे पहले काली टाइगर रिजर्व में केवल जंगल सफारी की सुविधा थी। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं

क्या होता है कैनोपी वॉक ?

Photo of अंशी नेशनल पार्क by Pooja Tomar Kshatrani

कैनोपी वॉक में जंगल की सैर की जाती है। इस दौरान आप जमीन से 20 या 30 फीट ऊंचाई से वन्य जीवों समेत प्रकृति की खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। हालांकि, इसकी शुरुआत कर्नाटक में हुई है। जानकारों की मानें तो सबसे पहले कैनोपी वॉक की शुरुआत कर्नाटक के कुवेशी में हुई है। वर्तमान समय में देश में कई नेचर कैनोपी वॉक हैं। इस क्रम में कर्नाटक के काली टाइगर रिजर्व में भी कैनोपी वॉक की शुरुआत की गई है। यह चार पेड़ों के बीच बंधी हैं और 30 फीट ऊंचाई पर है। अगर आप नेचर लवर हैं, तो कैनोपी वॉक मिस न करें।

Photo of काली टाइगर रिजर्व का अनूठा इको-टूरिज्म आकर्षण - 'कैनोपी वॉक' हुआ शुरू , जाने इसके बारे में सब कुछ - by Pooja Tomar Kshatrani

यदि आपके पास अनुकूल समय है और आप प्रकृति के प्रति उत्साही हैं तो कनौपी वॉक एक बार जरूर देखना चाहिए क्योंकि यह आसपास के क्षेत्र का शानदार दृश्य दिखाता है। इस जगह से आप क्षेत्र के विविध वनस्पतियों एवं जानवरों को देख सकते हो क्योंकि यह चार साल पहले ही बनकर तैयार हो गया था परंतु कई आपत्तियों के कारण उस समय यह जनता के लिए खोला नहीं गया था।

एक वन अधिकारी के अनुसार कैनोपी वॉक का निर्माण लंबे समय से अनुपयोगी है। इस सीज़न से, रिजर्व निर्देशित पर्यटन की पेशकश करेगा, और ऑटोमोबाइल को मेहमानों को वन चौकी तक ले जाने की अनुमति होगी। ट्रेक कुवेशी के पास चौकी से शुरू होगा। साथ ही आप कुवेशी में स्थित दूधसागर जलप्रपात का दीदार कर सकते हैं। वहीं, काली टाइगर रिजर्व को ट्रैकिंग के लिए भी खोल दिया गया है। अब पर्यटक ट्रैकिंग और जंगल सफारी के लिए काली टाइगर रिजर्व जा सकते हैं। काली टाइगर रिजर्व का नाम काली नदी के नाम पर रखा गया है, जो इससे होकर गुजरती है।

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बता दें कि काली टाइगर रिजर्व पूर्व में अंशी नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था। 10 मई, साल 1956 को इस क्षेत्र में स्थित जंगल को दांदेली वन्यजीव अभयारण्य घोषित कर दिया गया। काली टाइगर रिजर्व 1300 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।

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