देहरादून और मसूरी जैसी खूबसूरत जगहों को भला कौन नहीं जानता होगा। जैसे ही कभी हमारे मस्तिष्क में दून और मसूरी जगहों का ख्याल आता है तो हम वहाँ की खूबसूरत और हरी भरी वादियों में कुछ समय के लिए खो से जाते हैं।
अब वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब दून और मसूरी के मध्य के बीच की दूरियां कम हो जाएगी। जी हाँ आपने सही पढा है शीघ्र ही दून और मसूरी के मध्य रोप वे बनने जा रहा है जो कि पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही उम्दा है। इससे पर्यटकों को सहूलियत के साथ साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
वैसे तो सरकार की सारी औपचारिकताएं पूर्ण हो चुकीं हैं। पहले बेशक देहरादून और मसूरी के बीच बनने वाले रोपवे से टर्मिनल की ऊंचाई की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन अब बह परेशानी भी खत्म हो चुकी है। अब कैबिनेट बैठक में निर्माण में राहत देते हुए टर्मिनल को निर्धारित ऊंचाई तक निर्माण की अनुमति दे दी गई।
पहले इस परेशानी में ऊंचाई और रोप-वे की लंबाई की वजह से ऊंचे टर्मिनल बनाए जाने हैं। लेकिन जीव विज्ञान के हिसाब से इतनी ऊंचाई पर टर्मिनल का निर्माण नहीं किया जा सकता था। जिससे कि रोपवे के निर्माण में बहुत अड़ंगा पैदा हो गया था।
लेकिन अब प्रस्थिति कुछ अलग है। अब ऊँचे ऊँचे टर्मिनलों को बनाने की अनुमति सरकारी तंत्र द्वारा मिल चुकी है और जल्द से जल्द इसका निर्माण भी आरम्भ होने बाला है।
देहरादून और मसूरी में बनने बाला यह रोपवे एशिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। यह रोप वे बनने के बाद पर्यटक देहरादून से मसूरी का सफर मात्र 15 मिनट में तय कर सकेंगे। वैसे देखा जाए तो इस रोपवे की लंबाई साढ़े पांच किलोमीटर तक तय हुई है। जो कि हांगकांग के गोंगपिंग रोपवे की लंबाई 5.7 किमी से महज 200 मीटर कम रहेगी।
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जय भारत