नई दिल्ली
पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए एक बेहतर और अधिक उत्पादकता देने वाले नए श्रम कानूनों पर कार्य कर रही है। आने वाली 1 जुलाई से हफ्ते में काम करने वाले दिनों की संख्या कम करने से लेकर प्रतिदिन काम करने वाले घंटों में नए श्रम कानून के तहत तब्दीली आयेगी। आइए जाने इसके बारे में।
![Photo of New Delhi by Roaming Mayank](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2062273/SpotDocument/1655124702_1655124699776.jpg.webp)
श्रम मंत्रालय नई दिल्ली
आगामी माह की 1 तारीख यानी 1 जुलाई से भारत मे अब कर्मचारियों को एक नए वर्क एनवायरनमेंट का अनुभव होगा। बताते चलें कि केंद्र सरकार चार नए लेबर कोडस् पर काम कर रही है जिससे लोगों को ये कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है पर मीडिया रिपोर्टस् इसके लागू होने की काफ़ी अधिक संभावना देख रहीं है। श्रम मंत्रालय काफी मेहनत और तेज़ी से इसपर कार्य कर रहा था।
![Photo of Ministry of Labour & Employment by Roaming Mayank](https://static2.tripoto.com/media/filter/nl/img/2062273/SpotDocument/1655124761_1655124759402.jpg.webp)
ये बदलाव देखने को मिल सकते हैं
1. हफ्ते में अब केवल 4 दिन जाना होगा ऑफिस, 3 दिन की रहेगी छुट्टी यानी ट्रैवल प्लान बनाना होगा अब आसान।
2. प्रतिदिन काम करने वाले घंटों की संख्या पहले के 8 घंटों की बजाय बढ़कर 12 घंटे हो सकती है। हफ्ते में काम करने के घंटों को पहले के 48 घंटों जितना ही रखा जाने की संभावना है।
3. रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम और ग्रेच्युटी में बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी।
4. कर्मचारियों के मूल वेतन को उनके कुल वेतन का 50% किया जा सकता है। जिससे लिए उनके वेतन से पीएफ में जमा की जाने वाली राशि और सरकार द्वारा जमा की जाने वाली राशि में बढ़ोत्तरी की जाएगी। हालांकि इसकी वज़ह से कुछ प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों की हाथ मे आने वाली सैलरी में कमी आ सकती है।
5. अगले वर्ष के लिए छुट्टी को आगे ले जाने और छुट्टियों के नकदीकरण की नीति को भी युक्तिसंगत बनाया जा रहा है।
6. सरकार वर्क फ्रॉम होम स्ट्रक्चर को भी मान्यता दे रही है, जो कि कोविड-19 के दौरान सेवा उद्योग पर लागू होने वाले अपने ड्राफ्ट में सामने आया था।
केंद्र सरकार ने इन चार श्रम कानूनों को 2019 में अधिसूचित किया है
1. मजदूरी कोड, 2019
2. औद्योगिक संबंध कोड, 2020
3. सामाजिक सुरक्षा कोड, 2020
4. व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति कोड 2020
अब तक 23 राज्यों ने इन संहिताओं के तहत नियम बनाए हैं, जिन्हें संसद ने पारित कर दिया है।
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