नवरात्रि 2021 - नवरात्रि में हर राज्‍य के सेलिब्रेशन का है अपना अलग अंदाज, जश्‍न में दिखती है परंपरा

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Photo of नवरात्रि 2021 - नवरात्रि में हर राज्‍य के सेलिब्रेशन का है अपना अलग अंदाज, जश्‍न में दिखती है परंपरा by Pooja Tomar Kshatrani

हमारा देश विविधता के लिए जाना जाता है. फिर वह चाहे भाषा हो, कल्‍चर हो या खान पान, भारत की विविधताएं त्‍योहारों में भी देखती है। दरअसल नवरात्रि 7 अक्‍टूबर से शुरू हो रही है जो देश के सबसे बड़े त्‍योहारोंं में से एक है। इसे सेलिब्रेट करने का तरीका हर राज्‍यों में अलग अलग है। कहीं माता की चौकी सजाई जाती है तो कहीं विशालकाय भव्‍य पंडालों का आकर्षण होता है, कहीं दर्शन के लिए मंदिरों में भीड़ उमड़ती है तो कहीं डांडिया नाइट्स का क्रेज देखने को मिलता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि देश के अलग अलग राज्‍यों में नवरात्रि किस तरह से सेलिब्रेट किया जाता है।

1. कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) कुल्लू दशहरा

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Day 1

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू के दशहरा की शुरुआत हिन्दी कैलेंडर के अनुसार आश्विन महीने की दसवीं तारीख से होती है। जब देश में लोग दशहरा मना चुके होते हैं तब कुल्लू का दशहरा शुरू होता है। भारत में हिमाचल प्रदेश में दशहरा एक दिन का नहीं बल्कि सात दिन का त्योहार है। यहां इस त्योहार को दशमी कहते हैं। कुल्लू का दशहरा देश में सबसे अलग पहचान रखता है। इस दशहरे की एक और खासियत यह है कि जहां सब जगह रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण का पुतला जलाया जाता है। कुल्लू में काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार के नाश के प्रतीक के तौर पर पांच जानवरों की बलि दी जाती है।

कुल्लू का दशहरा पर्व परंपरा, रीतिरिवाज और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू का दशहरा सबसे अलग और अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। यहां इस त्योहार को दशमी कहते हैं तथा आश्विन महीने की दसवीं तारीख को इसकी शुरुआत होती है। जब पूरे भारत में विजयादशमी की समाप्ति होती है उस दिन से कुल्लू की घाटी में इस उत्सव का रंग और भी अधिक बढ़ने लगता है।

2. कोलकात्ता (पश्चिम बंगाल)

Photo of Kullu by Pooja Tomar Kshatrani

इस बात का जिक्र करना जरूरी नहीं कि कोलकाता में दुर्गा पूजा कितने धूम-धाम से मनाई जाती है। इस दौरान कोलकता के नजारे ही बदल जाते हैं। जगह-जगह दुर्गा मां के पंडाल सजे होते हैं तो दूसरी तरफ मेले लगे होते हैं। भक्ति, नाच-गाने और खाने-पीने के साथ ही कोलकाता में 10 दिन धूम-धाम से दुर्गा पूजा मनाई जाती है। कोलकाता में बागबाजार पंडाल सबसे पुराना है। यहां 100 सालों से दुर्गा पूजा का आयोजन हो रहा है। यहां दुर्गा माता की बेहद पारंपरिक अंदाज में पूजा की जाती है। यहां प्रतिमा देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां की सबसे अच्‍छी बात यह है कि पंडाल के आगे झील है और इस झील में मां की प्रतिमा की छवि भी दिखाई देती हैं। इसके अलावा यहां का सुरुचि संघ भी मां दुर्गा का बहुत खूबसूरत पंडाल सजाता है। यहां भारत के सभी राज्‍यों के विभिन्‍न्‍पहलुओं को दिखाया जाता है।

3. केरल

Photo of Kolkata by Pooja Tomar Kshatrani

विजयादशमी के दिन, केरलवासियों की अपनी ख़ास परंपरा होती है। भगवान के नाम के प्रतीक शब्द को एक स्वर्णिम रिंग की मदद से बच्चे की जीभ पर लिखा जाता है। इसी दिन बड़ों की मदद से चावल की थाली पर बच्चों से अक्षर लिखवाया जाता है। यह पद्धति बच्चों को अक्षरों ज्ञान की दुनिया में कदम रखने की शुरुआत मानी जाती है और इसे विद्यारम्भम के नाम से जाना जाता है। केरल में नवरात्रि पर्व के आखिरी तीन दिनों अष्ठमी, नवमी और दशहरा का खास महत्व है। देश में 100 फीसदी लिटरेसी वाले राज्य में लोग देवी सरस्वती के पास दो दिन तक अपनी किताबें रखते हैं और इन्हें दशहरा के दिन उठाते हैं। इस दौरान लोग अपने लिए अच्छी बुद्धि और कामयाबी की कामना करते हैं। श्रद्धालु अपने काम करने के औजारों को पूजा कक्ष तथा मंदिरों में रखते हैं।

4. गुजरात

Photo of Kerala by Pooja Tomar Kshatrani

गुजरात में नवरात्रि के दौराना सबसे ज्यादा गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर पारंपरिक गुजराती ड्रेस में पुरुष-महिला के जोड़े एक साथ गरबा पंडालों में गीत-संगीत की धुन पर नृत्य करते हैं। गरबा पंडालों को खासतौर पर सजाया किया जाता है। गरबा महोत्सव के दौरान मां दुर्गा की आराधना की जाती है। इसमें हिस्सा लेने के लिए लोग खास तौर पर तैयारी करते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि करीब एक महीने पहले से ही ट्रेनिंग भी लेते हैं। आजकल गरबा का क्रेज देश के कई शहरों में बढ़ता जा रहा है। जिससे अन्य प्रदेशों में भी इसका चलन बढ़ गया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी गरबा नृत्य प्रचलित हो चुका है।

5. बिहार

Photo of Gujarat by Pooja Tomar Kshatrani

बिहार और झारखंड में दुर्गा पूजा की परंपरा पर बंगाल की छाप दिखाई देती है। उदाहरण के तौर पर यहां भी महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा को पंडालों में स्‍थापित किया जाता है। यहां भी पंडाल सजाने की परंपरा है। यहां देवी को शक्ति के साथ साथ तंत्र की भी देवी माना जाता है और यही वजह है कि नवरात्र के दौरान बिहार के मंदिरों में बलि की परंपरा आज भी नजर आती है। इन दिनों घरों से नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के उपाय भी घर घर में किये जाते हैं। यहां घर घर में कलश स्‍थापित करने की परंपरा भी है।

6. उत्तर प्रदेश

Photo of Bihar by Pooja Tomar Kshatrani

यूपी और बिहार में, नवरात्रि रामलीला के साथ मनाई जाती है। हिंदू महाकाव्य रामायण से भगवान राम के जीवन को नाटकीय रूप में सिनेमाघरों, मंदिरों आदि में दिखाया जाता है। यूपी और बिहार राज्यों में दुर्गा पूजा के तरीके में कई समानताएं हैं। वे पूजा के अंतिम दिनों में छोटी लड़कियों को पूजते और जीमते हैं। पवित्र मंदिरों में देवी की विशेष पूजा करने के अलावा, स्थानीय लोग पंडाल सजाते हैं औ शास्त्र दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं।

7. आंध्रप्रदेश

Photo of Uttar Pradesh by Pooja Tomar Kshatrani

नवरात्रि उत्सव के दौरान, आंध्र प्रदेश की महिलाओं के लिए वैवाहिक आनंद के साथ आशीर्वाद देने के लिए, सौम्य देवी मां गौरी की पूजा की जाती है। अविवाहित लड़कियां अपनी पसंद के जीवनसाथी की तलाश में सांप्रदायिक पूजा में शामिल होती हैं। त्योहार को तेलुगु भाषा में बथुकम्मा पांडुगा कहा जाता है जिसका अर्थ है देवी मां, जीवित आओ! देवी मां की पूजा के लिए महिलाएं स्थानीय फूलों का उपयोग करके समय-सम्मानित शैली में फूलों के ढेर बनाती हैं। उत्सव के अंतिम दिन इस ढेर को किसी झील या नदी में विसर्जित कर दिया जाता है।

8. कोटा दशहरा (राजस्थान)

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कोटा दशहरा मेला राजस्थान में त्योहारी सीजन की शुरुआत का प्रतीक है। राजस्थान में नवरात्रि प्रसिद्ध दशहरा मेला देखने लायक है। यहां रावण का सबसे ऊंचा, 72 फुट का पुतला लगाया जाता है और फिर उस दशहरे पर फूंका जाता है। बाद में, राजस्थान के विभिन्न शहरों में धनतेरस तक 20 दिनों के मेले का आयोजन किया जाता है, जो भारत में एक और धार्मिक त्योहार दिवाली की शुरुआत का प्रतीक है। इस मेले की शुरुआत 125 वर्ष पूर्व महाराज भीमसिंह द्वितीय ने की थी। यह परंपरा आज तक निभाई जा रही है। इस दिन यहां रावण, मेघनाद और कुंभकरण का पुतला दहन किया जाता है। इसके साथ ही भजन कीर्तन और कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं,इसलिए यह मेला देशभर में फेमस है।

9. मैसूर दशहरा (कर्नाटक)

Photo of Kota by Pooja Tomar Kshatrani

मैसूर दशहरा कर्नाटक का नदहब्बा या राज्य-त्योहार है, जिसे मैसूर शहर में अत्यंत खुशी के साथ मनाया जाता है, जहां यह उन्हीं अनुष्ठानों का पालन करता है जो पहली बार 1610 में राजा वोडेयार I द्वारा किए गए थे। महानवमी (नौवां दिन) त्योहार), शाही तलवार को पूजा के लिए एक सिंहासन पर बैठाया जाता है और हाथियों और घोड़ों के जुलूस पर ले जाया जाता है। 10वें दिन (दशमी) को, नर्तकियों और संगीतकारों का एक और भव्य जुलूस, एक हाथी के ऊपर सोने की काठी पर सवार देवी चामुंडेश्वरी (दुर्गा का एक रूप) की छवि को ले जाते हुए शहर भर में जश्न मनाया जाता है।

10. तमिलनाडु

Photo of Karnataka by Pooja Tomar Kshatrani

दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में, नवरात्रि में न केवल दुर्गा बल्कि लक्ष्मी और सरस्वती जैसी अन्य हिंदू देवी-देवताओं को भी पूजा जाता है। किंवदंतियों के अनुसार, तीन देवी-देवताओं को तीन अलग-अलग दिनों में पूजा जाता है, और लोग एक-दूसरे के साथ कपड़े, मिठाई और नारियल जैसे उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। तमिलनाडु में नवरात्रि समारोहों का एक अन्य रिवाज कोलू (गुड़िया की मूर्तियां) का प्रदर्शन है, जिन्हें हिंदू धर्मग्रंथों से लोकप्रिय लेजेंड्स को बताने के लिए अरेंज किया जाता है। इसके साथ ही कई हिस्सों में महानवमी के दिन आयुध पूजा भी बहुत धूमधाम से की जाती है। इस दिन देवी सरस्वती के साथ कृषि उपकरण, किताबें, संगीत वाद्ययंत्र, मशीनरी और ऑटोमोबाइल को सजाया और पूजा जाता है।

11. पंजाब

Photo of Tamilnádu by Pooja Tomar Kshatrani

पंजाब में नवरात्रि को अलग ही तरीके से मनाया जाता है। यहां लोग पहले सात दिन तक व्रत रखते हैं, इस दौरान जगराते का आयोजन किया जाता है। देवी दुर्गा के पूजन के साथ 8वें दिन भंडारे कराते हैं और 9 कन्याओं को भोजन कराने के बाद व्रत खोला जाता है। इन कन्याओं को दान और लाल चुनरी भेंट की जाती है।

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