हिमालई सौंदर्य की गोद में स्थित नौकुचियाताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित एक छोटा-सा गाँव है। आप यकीन नहीं करेंगे नैनीताल के इतना पास होते हुए भी ये जगह आज भी शहरीकरण और भीड़भाड़ से बची हुई है। क्योंकि यहाँ बहुत कम आते हैं इसलिए इस जगह पर आप एक शांत और लंबी वेकेशन एन्जॉय करने के लिए जा सकते हैं। यहाँ पर्यटकों की संख्या जरूर कम होती है लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि नौकुचियाताल में आपको किसी भी अन्य पहाड़ी शहर के मुकाबले कम सुख सुविधाएँ मिलेंगी। नौकुचियाताल में ऐसे कई पाँच सितारा होटल और होमस्टे हैं जिनकी मेहमाननवाजी देखकर आप खुश हो जाएंगे।
मैं अपने खुद के अनुभव से बता रहा हूँ। नौकुचियाताल एक ऐसी जगह है जिसकी पहाड़ी खूबसूरती देखकर किसी का भी मन खुशी से नाच उठेगा। अगर आप पहाड़ों के एक शानदार रोमांटिक वीकेंड प्लान करना चाहते हैं तो ये जगह आपकी लिस्ट में सबसे ऊपर होनी चाहिए।
नौकुचियाताल नैनीताल की सात झीलों में से एक है। इसका ये नाम इसके आकर की वजह से है जिसके 9 कोने हैं। नौकुचियाताल एक तरह से राज्य के अंतिम छोर पर बसा हुआ है। ये जगह नैनीताल से 25 और भीमताल से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है। समुद्र तल से 1220 फुट की ऊँचाई पर स्थित इस झील की गहराई 50 मीटर है। ये झील सालभर पानी से लबालब भरी रहती है। असल में झील को मिलने वाला पानी इसी के नीचे स्थित एक कुंड से आता है। जिसकी वजह से ये झील सुंदर के साथ साथ साफ भी बनी रहती है।
नौकुचियाताल के सभी होटल और होमस्टे इसी झील के आसपास बने हुए हैं। जिसकी वजह से होटल के हर कमरे से इस झील का बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है। अपनी नौकुचियाताल की ट्रिप के दौरान मैं द कैंफर ट्री में ठहरी थी। ये एक होमस्टे है जिसको आप पुरा स्टेज के जरिए बुक कर सकते हैं। ये होमस्टे इतना बढ़िया था कि मेरे हिसाब से मुझे केवल इसकी खूबसूरती का विवरण देने के लिए एक अलग ब्लॉग पोस्ट लिखने की जरूरत है।
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस जगह से जुड़ी ऐसी तमाम पौराणिक कथाएँ भी हैं जिन्हें आपको जान लेना चाहिए।
कहा जाता है इस झील का निर्माण भगवान ब्रह्मा की लंबी तपस्या के चलते हुआ था। कहा ये भी जाता है कि को लोग इस झील का पूरा चक्कर यानी परिक्रमा करते हैं, उनके ऊपर भगवान ब्रह्मा की असीम कृपा रहती है। स्थानीय लोगों का ये भी कहना है कि जो भी व्यक्ति एक बार में झील से सभी कोने देख लेता है उसको मृत्यु के बाद निर्वाण की प्राप्ति होती है।
क्या करें?
अगर आप मुझसे पूछेंगे तो मैं झील के किनारे बैठकर यूँ ही पूरा दिन गुजर देने वालों में से हूँ। हालांकि यदि आपको प्रकृति से लगाव है और आपका दिल पहाड़ों में बसता है तो आपके पास यहाँ करने के लिए बहुत कुछ है।
1. बोटिंग
यकीन मानिए अगर आपने नौकुचियाताल में नाव की सवारी नहीं की तो आपने यहाँ की सबसे शानदार चीज मिस कर दी है। मैं उन लोगों में से हूँ जिन्हें पानी से बहुत दूर लगता है लेकिन उसके बावजूद इस झील में बोटिंग करने से मैं अपने आप को रोक नहीं पाई। अगर आप भी नौकुचियाताल का भरपूर मजा उठाना चाहते हैं तो आपको बोटिंग जरूर करनी चाहिए।
2. हाइकिंग
नौकुचियाताल इतनी खूबसूरत जगह है कि आपको इसके सौंदर्य में खो जाना चाहेंगे। पहाड़ों की यही चीज सबसे अच्छी होती है। आप किसी भी दिशा में कोई भी रास्ता पकड़कर चलना शुरू कर दीजिए, आप कभी निराश नहीं होंगे। नौकुचियाताल में आप अपने होमस्टे या होटल से निकलकर कोई भी रास्ता चुन सकते हैं। इस जगह की बेइंतहां खूबसूरती को देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे।
3. फिशिंग और बर्ड वॉचिंग
अगर आपको जानवरों से प्यार है तो आप नौकुचियाताल में बर्ड वॉचिंग करने का मजा उठा सकते हैं। फिशिंग और बर्ड वॉचिंग का अनुभव लेने के लिए आप जंगलिया गांव जा सकते हैं।
4. रोमांचक खेल
यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें एडवेंचर पसंद है तो आपको नौकुचियाताल में तमाम रोमांचक खेल मिल जाएंगे। यहाँ पर आप पैराग्लाइडिंग, जिप लाइनिंग जैसे खेलों का मजा ले सकते हैं।
5. फोटोग्राफी
फोटोग्राफी करने का शौक रखने वालों को ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं लगेगी। ये जगह इतने सारे खूबसूरत नजारों का समागम है कि ये आसानी से किसी भी विदेशी शहर को पछाड़ सकती है। अगर आपके पास बढ़िया कैमरा और लेंस नहीं भी है तब भी आप यहाँ बेहतरीन तस्वीरें खींच सकते हैं।
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कैसे पहुँचें?
नौकुचियाताल पहुँचने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। ये जगह देश के बाकी हिस्सों से रोड और ट्रेनों के जरिए अच्छी तरह जुड़ी हुई है जिसकी वजह से आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं।
रोड से: अगर आप दिल्ली से आए रहे हैं तो आप दिल्ली के आईएसबीटी से नैनीताल या हल्द्वानी के लिए बस ले सकते हैं। अच्छा रहेगा यदि आप हल्द्वानी की बस लें। हल्द्वानी पहुँचकर आप कैब या टैक्सी लेकर आसानी से नौकुचियाताल आ सकते हैं। हालांकि यदि आप शेयर टैक्सी लेना चाहते हैं तो उसके लिए पहले आपको हल्द्वानी से भीमताल आना होगा। भीमताल से आप दूसरी गाड़ी लेकर नौकुचियाताल आ सकते हैं।
ट्रेन से: यदि आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम है। काठगोदाम पहुँचने के बाद या तो आप भीमताल के लिए शेयर टैक्सी ले सकते हैं और या आप पूरी कैब बुक करके नौकुचियाताल आ सकते हैं।
फ्लाइट से: अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंत नगर का हवाई अड्डा है। हालांकि दिल्ली का इंदिरा गांधी अतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट सबसे नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। इन हवाई अड्डों से आप ट्रेन लेकर या वाया रोड नौकुचियाताल पहुँच सकते हैं।
कब जाएँ?
नौकुचियाताल जाने के लिए आपको किसी तय समय का इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है। इस जगह का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है जिसकी वजह से आप किसी भी समय यहाँ आ सकते हैं। हालांकि बरसात के मौसम यहाँ आने के लिए सबसे सही समय है। जुलाई से अक्टूबर के बीच आने से आपको दो बहुत बड़े फायदे मिलते हैं।
(i) पहला ये कि क्योंकि इस समय बारिश होती है इसलिए नौकुचियाताल में आपको भीड़ मिलने की संभावनाएँ बहुत काम हो जाती है जिसकी वजह से आपको सभी सामान बेहद सस्ते दाम में मिल जाता है।
(ii) दूसरा फायदा ये है कि बरसात के समय पहाड़ों में कुछ अलग सा जादू हो जाता है जिसकी वजह से ये पूरी जगह झूम उठता है।
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अगर आप नैनीताल आने का प्लान बना रहे हैं तो मेरी मानिए और नौकुचियाताल को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल कीजिए। अगर मुमकिन हो तो इस जगह पर एक रात ठहरकर देखिए। सुबह के सूरज की चमक के नीचे जगमगाते पहाड़ों को देखकर आपका मन खुश हो जाएगा।
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