सबसे पहले तो मैं ये आपको बता दूँ की ये कहानी मेरी और मेरी सहेली की है। ये बात उस समय की है जब मैंने अपनी नौकरी बस कुछ दिन पहले ही छोड़ी थी। मेरी हमेशा से चाह थी की मैं पर्यटन के क्षेत्र में अपना करियर बनाऊ और इस दिशा में नौकरी छोड़ना मेरा पहला कदम था। मेरी दोस्त जो के डेनमार्क से है, इस सफर में मेरे साथ आयी। उसका यह मानना है की पूरी दुनिया देख कर ही वह इस नतीजे पे पहुंचेगी की उसके लिए सबसे बेहतर नौकरी कौन सी होगी। कई बार साथ सफर करने के बाद हमें एक दुसरे के साथ सुहाने लगा। इस बार साथ हमारा सफर हमको ले गया बंगाल की खाड़ी के एक छोटे से द्वीप में।
परेशानी की बात बस यह थी की हम दोनों की जेबें खाली थी। नौकरी न होने के कारण हमको ये सफर फकीरों की तरह करना पड़ा। पर इसका एक अलग ही मज़ा था। रस्ते में हमने लोगों से लिफ्ट ली, हम साधारण होटलों में रहे और हर रोज़ काफी लम्बी दूरी हम चल कर तय करते थे। हमने वो सब कुछ किया जिससे हम ज्यादा से ज्यादा पैसे बचा सकते थे। मैं आज भी सोचती हूँ के हेवलॉक पर्यटकों के द्वारा बहुत ही महंगी जगह मानी जाती है पर हमने जिस तरह कम पैसों में ये द्वीप घूमा वो अपने आप में एक लाजवाब अनुभव था।
जानना चाहते हैं हमने ये सफर कैसे तय किया? आगे पढ़िए।
कैसे पहुचें हेवलॉक द्वीप?
पोर्ट ब्लेयर में हवाई यात्रा खत्म करने के ठीक बाद ही आप वहां से हेवलॉक के लिए फेरी ले सकते हैं। फेरी का ये सफर दो से ढाई घाटे तक का होगा। इस फेरी के लिए आपको पहले से टिकट लेने की ज़रुरत नहीं है। आप अपने होटल के रिसेप्शनिस्ट को भी ये टिकट्स बुक करने के लिए आग्रह कर सकते हैं।
निमो रीफ में स्कूबा डाइविंग
हम दोनों की बहुत समय से इच्छा थी के हम स्कूबा डाइविंग का अनुभव लें और हमारी किस्मत ने हमें हेवलॉक पंहुचा दिया। अंडमान स्तिथ हेवलॉक स्कूबा डाइविंग के लिए एक बेहतरीन जगह मानी जाती है। अगर आपको यहाँ आके स्कूबा डाइविंग का मज़ा लेना है तो आपको इसके लिए पहले से बुकिंग करवाने की ज़रुरत नहीं है। आप अपने होटल या रिसोर्ट के स्टाफ की मदद ले सकते हैं। वे आपके लिए एक सीट आरक्षित कर देंगे। आप अपनी सहूलियत के अनुसार सुबह या दोपहर की डाइव चुन सकते हैं। सुबह के समय स्कूबा डाइविंग करना मेहेंगा है क्यूंकि सुबह के समय रौशनी बेहतर होने के कारण आपको दोपहर से ज्यादा कोरल्स दिख सकते हैं।
सभी ज़रूरी कागज़ी करवाई करने के बाद हम दोनों निमो रीफ की तरफ बड़े जो की हमारा स्कूबा डाइविंग स्पॉट था। हमने एक एक कर ऑक्सीजन सिलिंडर, स्विमिंग फिन्स और मास्क, और कुछ वज़न अपने साथ लिया ताकि हम पानी के नीचे रह सकें। यहाँ पर हमारे प्रशिक्षक द्वारा हमको यूनिवर्सल अंडरवाटर साइंस के बारे में भी जानकारी दी गयी।
कई बार साँस को काबू करने का अभ्यास करने के बाद और प्रशिक्षक से हज़ारों सवाल जवाब के बाद, वे हमको पानी की सतह के नीचे ले गए। ये वो लम्हा था जब मैं भूल गयी की मेरे आस पास क्या हो रहा है।
स्कूबा डाइविंग के मेरे अनुभव की पूरी कहानी पढ़िए: अंडमान में स्कूबा डाइविंग का मेरा अद्भुत अनुभव।
समुद्री तटों का सफर करें हेवलॉक में।
हेवलॉक के आस पास बहुत सारे समुद्री तट हैं। यह आप पर निर्भर करता है की आप कितने तटों में घूमना चाहते हैं। हमारे इस सफर की लिस्ट कुछ ऐसी थी।
इस छोटे से तट में लहराते नारियल के पेड़ आपका इंतज़ार करते हैं। हवा के झोंकों के साथ यहाँ का लहराता नीला पानी आपको यहाँ वक़्त बिताने पर मजबूर कर देगा। यहाँ पर आपको लोगों की भीड़ भाड़ भी नहीं मिलेगी। यह तट प्रकृति प्रेमियों और खास कर के फोटोग्राफरों के लिए बेहतरीन जगह है। आपको खास कर यहाँ रात के समय में जाना चाहिए। रात के समय इस तट का नज़ारा ही अलग होता है।
हम होटल से निकले थे सुन्दर ड्रेस और चप्पलों में पर फिर हमको पता चला की एलीफैंट बीच जाने के लिए कोई सड़क ही नहीं है। यहाँ पहुंचने के लिए या तो आपको फेरी से सफर करना होगा या फिर एक घंटे का ट्रेक करना होगा। हमने फैसला किया की हम एक घंटे का ट्रेक करके वहां पहुंचेंगे। हम बिना किसी गाइड की सहायता के एलीफैंट बीच पहुंचे और ये सफर हमने बिना पैसे खर्च किये पूरा किया।
इस तट की प्राकृतिक सुंदरता के आप कायल हो जायेंगे। समय बीतने के लिए घंटों यहाँ समंदर के पानी में हम इस तट पर बहुत दूर तक चले। चलते हुए आपको समंदर की सतह के नीचे कई अद्भुत जीव जंतु दिखाई देंगे। यह तट अपनी जैव विविधता के लिए भी जाना जाता है। कुछ साल पहले तक यहाँ भी स्कूबा डाइविंग प्रशिक्षण होता था पर अब यहाँ बस आप समंदर तट में चहल कदमी ही कर सकते हैं।
इस सफर में एक ऐसी घटना भी घटी जिसने इंसानियत पर हमारा भरोसा पक्का कर दिया।
एलीफैंट बीच में कुछ देर बिताने के बाद हमने यहाँ से जाने का फैसला किया। इसी बीच हमारे साथ एक अनोखी घटना घटी। आगे के रस्ते की जानकारी लेने के लिए हमने दो लड़कों से बात की। उन्होंने हमें बताया की रविवार होने के कारण उस दिन वहां गाड़ियां मिलना असंभव था। उन्होंने हमें यह भी बताया की बेहतर होता अगर हम यहाँ स्कूटी या मोटरसाइकिल पर आते जो की आसानी से किराये पर मिल जाती हैं। इस बात को ले कर मैं और मेरी दोस्त थोड़ा परेशान भी हुए पर हमको पता था के अब हमको मदद लेनी ज़रूरी है।
हमें परेशानी में देख कर दो में से एक लड़के ने हमें अपनी स्कूटी देते हुए कहा, " आप आज के लिए मेरी स्कूटी ले लीजिये। जब काम खत्म हो जाए तब वापस दे दें। इसका पेट्रोल टैंक भी भरा हुआ है।" मैं दिल्ली से आती हूँ और उस बड़े शहर में इतनी अच्छाई देखने को कम ही मिलती है। ज़ाहिर है मुझे और मेरी दोस्त को इस अच्छाई पर भी शक हुआ। पर बार बार सोच कर अचरज हो रहा था के कोई अंजान लड़कियों को भला अपनी गाडी बिना पैसों के क्यों दे देगा। अगर हम किसी दूकान से वह स्कूटी ले पाते तो हमको आसानी से उसमें १५०० रुपये खर्च करने पड़ते। हमने ज्यादा कुछ सोचे बिना उनका धन्यवाद किया और स्कूटी ले ली। इसके आगे क्या हुआ यह आप सोच भी नहीं सकते।
शाम के समय जब मैं और मेरी दोस्त स्कूटी वापस करने उस व्यक्ति से मिले तो उन्होंने हमें एक और दिन के लिए अपनी स्कूटी दे दी यह कह कर की होटल और स्कूटी दोनों पर पैसे खर्च करना जायज़ नहीं है और उनकी स्कूटी हम जितना मर्ज़ी उतना चलाएं, वे पैसे नहीं लेंगे। सोचिये, कहीं मिलेंगे ऐसे भले लोग?
जब हमने उस व्यक्ति को आखरी बार अलविदा कहा तो मैंने उनसे पुछा, " आप हमारा भरोसा कैसे कर सकते हैं? अगर हम स्कूटी को अंजाने में कोई क्षति पहुंचाते तो?" इस पर उन्होंने जवाब दिया, " आप लोग परेशानी में थे। मेरे पास मेरी स्कूटी थी। मैंने तो बस मदद की है।"
ये विचार मेरे मन में बैठ गया। उस व्यक्ति ने पैसे या अपनी गाडी के बारे में बिलकुल भी न सोचते हुआ, बस हमारी मदद की। घूमने फिरने की अपनी इस आदत के कारण में अपनेसफर के दौरान कई ऐसे लोगों से मिली हूँ जिनकी इंसानियत और अच्छाई कभी भूली नहीं जा सकती। हाँ, बुरे अनुभव भी बहुत हुए हैं। पर हेवलॉक में लोगों से मिलने के बाद यही पता चला की यहाँ पर लोग ज्यादातर पर्यटकों की सहायता ही करते हैं।
एलीफैंट बीच से राधानगर बीच जाने में हमें २० मिनट लगे।राधानगर को एशिया के १० सबसे सुन्दर तटों में गिना जाता है। यहाँ का नीला पानी और सफ़ेद रेत इस जगह को असाधारण बना देते हैं। छुट्टियों में चैन के कुछ पल बिताने के लिए ये जगह बिलकुल सही है। शान्ति में बैठने के लिए तट के साथ ही लगे हुए हरे भरे पेड़ भी हैं। यहाँ पर वाटरस्पोर्ट्स नहीं किये जाते इसलिए यहाँ हमेशा शान्ति बनी रहती है। आप इस तट पर या तो घंटों तैर सकते हैं या फिर सन बाथ का मज़ा उठा सकते हैं। अगर आप शाम के समय इस तट पर जाएँ तो आपको यहाँ से सूर्यास्त का अद्भुत नज़ारा भी दिखेगा।
ये छोटा सा तट पूरे हेवलॉक आइलैंड में मेरी पसंदीदा जगह है। मैंने मन बना लिया है की कुछ सालों बाद मैं यहाँ फिर आउंगी। पर मेरे पास अंडमान में बिताने के लिए एक और दिन था। इसलिए हम वहां फिर आये। मुझे लगता है की आप में से अगर कोई भी प्रकृति प्रेमी है तो उसको यहाँ ज़रूर आना चाहिए। हेवलॉक की आपकी यात्रा बिना राधानगर तट आये अधूरी है।
राधानगर बीच से २५ मिनट की दूरी पर एक और सुन्दर तट हमारा इंतज़ार कर रहा था। इस तट की खासियत है आस पास दिखने वाले घने पेड़ और समंदर के किनारे यहाँ मिलने वाली सुनहरी रेत जिनके बीच कई बड़े बड़े काले पत्थर बिखरे हुए हैं। ये काफी छोटा तट है लेकिन दोस्तों के साथ चैन के कुछ पल बिताने के लिए यह बिलकुल सही जगह है। हल्के रंग की रेत के बीच इन बड़ी बड़ी चट्टानों से दृश्य अद्भुत हो जाता है। दोनों तरफ से पेड़ों से घिरा यह तट आपको अद्भुत एकांत का अनुभव कराता है।